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भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का नागरिक अभिनंदन समारोह के अवसर पर सम्बोधन

अगरतला : 07.06.2018

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1. भारत का राष्ट्रपति बनने के बाद, त्रिपुरा की यह मेरी पहली यात्रा है। इस अवसर पर आपके उत्साह भरे स्वागत के लिए, मैं आप सभी त्रिपुरावासियों को धन्यवाद देता हूँ।

2. मैं त्रिपुरा के लोगों में, विशेषकर युवाओं में, एक नया उत्साह और कुछ करने की उमंग देख रहा हूँ। यहाँ के शांति और सौहार्द के वातावरण, तथा विकास की ओर ध्यान देने की एक नई ऊर्जा के लिए, मैं त्रिपुरा की जनता, यहाँ के युवाओं और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब की सराहना करता हूँ। मुझे विश्वास है कि त्रिपुरा के लोग विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तत्पर हैं।

3. त्रिपुरा का इतिहास बहुत गौरवशाली है। यहाँ के भूतपूर्व महाराजा वीर बिक्रम किशोर माणिक्य ने त्रिपुरा में आधुनिक विकास का आरंभ किया और यहाँ की जनता को भारत की आजादी की लड़ाई से जोड़ा।1971के युद्ध में शरणार्थियों को पनाह देने और आक्रमण की स्थितियों का सामना करने में, त्रिपुरा के निवासियों ने जिस त्याग और परोपकार का प्रदर्शन किया है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, वह कम है। त्रिपुरा के लोगों ने शहीदों को सम्मानित करने का एक नया आदर्श देश के सम्मुख प्रस्तुत किया है। परमवीर चक्र विजेता लांस नायक एल्बर्ट एक्का यद्यपि फ़ौज में लांस नायक के पद पर थे लेकिन देश तो उन्हे राष्ट्र नायक के रूप में जानता है। उन्होने 1971 के युद्ध में अगरतला के क्षेत्र को शत्रु के हाथ में जाने से रोकने के लिए जान की कुर्बानी दे दी थी। उनके सम्मान में अगरतला में एक स्मृति-उद्यान विकसित किया है जिसका इसी सप्ताह उद्घाटन हुआ है।

4. त्रिपुरा के राज-परिवार ने, भारत के साहित्य, कला और विज्ञान जगत को भी बहुत योगदान दिया है। राजा वीरचन्द्र माणिक्य ने गुरुदेव रवीद्रनाथ टैगोर को उनके साहित्यिक जीवन के आरंभ में प्रोत्साहित किया था। गुरुदेव के शिक्षण संस्थानों को त्रिपुरा राज-घराने से आर्थिक सहयोग प्राप्त होता रहा। त्रिपुरा के महाराजा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चन्द्र बोस को अनुसन्धान कार्य के लिए बहुत बड़ी धनराशि प्रदान की थी।

5. त्रिपुरा की संस्कृति बहुत ही समृद्ध और बहुरंगी है। इस समारोह के आरंभ में प्रस्तुत किए गए स्वागत गान में रची-बसी बंगला और कॉक बोराक भाषाओं की मिठास का अनुभव हम सभी ने किया। मैं इन सभी कलाकारों की सराहना करता हूँ। ये कलाकार,त्रिपुरा के लोगों में संगीत की प्रतिभा का उदाहरण हैं।सचिन देव बर्मन का संगीत, विशेषकर उनके भटियाली गीतों की मधुरता, भारत के संगीत प्रेमियों को त्रिपुरा का उपहार है। उनके विलक्षण प्रतिभाशाली पुत्र राहुल देव बर्मन के संगीत के बिना आधुनिक भारतीय फिल्मों का इतिहास पूरा नहीं हो सकता।

6. अपनी हरी-भरी घाटियों, पहाड़ियों, धार्मिक स्थलों, हस्तशिल्प के उत्पादों तथा यहाँ के निवासियों के मधुर स्वभाव के कारण, त्रिपुरा ने भारत के पर्यटन स्थलों में अपना विशेष स्थान बनाया है। त्रिपुरा की कनेक्टिविटी के लिए चल रहे प्रयासों से, पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। भारत सरकार के ‘स्वदेश दर्शन कार्यक्रम’के तहत, पर्यटन के विकास के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं उनमें ‘माता त्रिपुर सुंदरी मंदिर’के ट्रस्ट को भी सहायता मिली है। आज मुझे माता का आशीर्वाद प्राप्त करने तथा उस मंदिर के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

7. महिलाओं के सशक्तीकरण की दृष्टि से त्रिपुरा,अग्रणी राज्यों में है। यहाँ का सेक्स-रेशियो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। मुझे बताया गया है कि त्रिपुरा की महिलाएं, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में बहुत सक्रिय हैं तथा महिलाओं के विषय में यहाँ के लोगों की सोच प्रगतिशील है।त्रिपुरा की बेटियों ने देश के बाहर भी भारत का मस्तक ऊंचा किया है। जिमनास्ट दीपा करमाकर की विश्व-स्तर की उपलब्धियों पर, पूरे भारत को गर्व है। यहाँ की एक जन-जातीय बेटी लक्ष्मिता रियांग ने, भारत की महिला फुटबाल टीम में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। दो दिन पहले ही, त्रिपुरा की बेटी निष्ठा चक्रवर्ती ने रूस में आयोजित किक-बॉक्सिंग की विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। त्रिपुरा के सपूत सोमदेव देव बर्मन ने टेनिस जगत में देश का गौरव बढ़ाया है।

8. इस समारोह में ‘क्वीन पाईनेपल’ को त्रिपुरा का‘स्टेट फ्रूट’ घोषित किए जाने पर मुझे प्रसन्नता हुई है। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई है कि तीन-चार दिन पहले ही, ‘क्वीन पाईनेपल’ की पहली खेप का खाड़ी के देशों में निर्यात किया गया है। इसे त्रिपुरा और पूर्वोत्तर क्षेत्र द्वारा विश्व-व्यापार से जुड़ने में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जाना चाहिए। मैं आशा करता हूँ कि त्रिपुरा का पाइनेपल, भारत के अन्य राज्यों, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों और दुनियाँ के अन्य देशों में भी पहुंचेगा। इसी प्रकार, रबर के उत्पादन में देश में दूसरा स्थान रखने वाला त्रिपुरा, वाहनों के टायर जैसे, रबर पर आधारित अनेक उत्पादों को विभिन्न बाज़ारों में भेज सकता है। यहाँ के एक प्रमुख कृषि उत्पाद,बांस को‘पेड़ की श्रेणी’ से निकालकर, घास की श्रेणी में डालने के भारत सरकार के निर्णय से, किसानों को बांस का उपयोग करने में आसानी होगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी।

9. त्रिपुरा के पास प्रचुर वन संपदा है। इस वन संपदा का संरक्षण, इसका सस्टेनेबल उपयोग तथा वनों के आधार पर जीवन यापन करने वाली जन-जातियों की सहायता करना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाते हुए, जीविकोपार्जन करके त्रिपुरा के निवासी देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। यहाँ की परंपरागत दस्तकारी को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने के प्रयास होने चाहिए और कौशल विकास केन्द्रों तथा शिक्षण संस्थानों को भी इन प्रयासों के साथ जोड़ना चाहिए।

10. पर्यटन, व्यापार, कृषि, हस्तकला, जन-जातियों के विकास, तथा युवाओं के लिए रोजगार आदि सभी क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से अच्छा बदलाव आता है। आज सवेरे मुझे माताबाड़ी से सबरूम तक के‘नेशनल-हाइवे’के खंड का उद्घाटन करके बहुत खुशी हुई है।मुझे बताया गया है कि अगरतला को‘स्मार्ट-सिटी’के रूप में विकसित करने की योजना के तहत विकास के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।

11. भारत सरकार की ‘ऐक्ट-ईस्ट-पॉलिसी’ के तहत, आसीयान देशों के साथ व्यापार बढ़ाने में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का, खासकर त्रिपुरा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इस प्रकार मुझे त्रिपुरा के विकास की अपार संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।

12. हमारे लोकतन्त्र का प्रतीक और देश की धरोहर ‘राष्ट्रपति भवन’ आप सब का भी भवन है। मैं आप सब को ‘राष्ट्रपति भवन’ में आने और उसे देखने का आमंत्रण देता हूं। आप जब भी दिल्ली की यात्रा करें, राष्ट्रपति भवन में आप सभी का स्वागत है।

13. आज आप सबने मेरा जो अभिनंदन किया है उसके लिए मैं पुनः आप सबको धन्यवाद देता हूँ और आपके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना करता हूं।

धन्यवाद

जय हिन्द!