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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का कृषि रोड मैप 2017 - 2022 के शुभारंभ के अवसर पर सम्बोधन

पटना: 09.11.2017

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1. बिहार में राज्यपाल के मेरे कार्यकाल के दौरान सभी वर्गों और क्षेत्रों के लोगों का जो भरपूर स्नेह मुझे मिला, उसे मैं जीवन भर याद रखूंगा। राष्ट्रपति के रूप में पहली बार बिहार आना मेरे लिए एक सुखद अनुभव है। आज का समारोह इसलिए भी मेरे लिए खास है क्योंकि मैं स्वयं एक ग्रामीण परिवेश से आता हूँ।

2. आधुनिक भारत के निर्माण में बिहार की विभूतियों ने अमूल्य योगदान दिया है। आज यहां मुझे भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्य स्मृति में उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण का सौभाग्य मिल रहा है। बिहार की इन दोनों महान विभूतियों को कृतज्ञ राष्ट्र ने‘भारत रत्न’से सम्मानित किया है। बिहार की महान विभूति वीर कुँवर सिंह का बलिदान आज भी लोगों को रोमांचित कर देता है। बक्सर में जन्मे उस्ताद बिस्मिल्ला खां बिहार से तीसरे‘भारत रत्न’हैं। बाबू जगजीवन राम और कर्पूरी ठाकुर ने समाज में समानता और समरसता स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक योगदान दिया। स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने मुंगेर को कर्मस्थली बनाकर अपने योग विद्यालय के जरिये मानवता की निरंतर सेवा की। मुझे भी इस अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त योग विद्यापीठ में जाने का अवसर प्राप्त हुआ है।

3. अप्रैल 2017 से चंपारन सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। किसानों के हित में नए‘कृषि रोड मैप’को आरंभ करने का यह सर्वोत्तम अवसर है। महात्मा गांधी ने अपने सत्याग्रह के द्वारा यही बताया था कि किसान ही भारतीय जीवन का केंद्र हैं। किसान हम सबके अन्न दाता हैं। वे राष्ट्र निर्माता हैं। उनके विकास के लिए काम करना ही राष्ट्र निर्माण को सही मायने में शक्ति देना है।

4. बिहार कृषि का एक प्रमुख केंद्र रहा है। सन 1905 में भारत का पहला आधुनिक कृषि संस्थान, Imperial Agriculture Research Institute, PUSA,समस्तीपुर में स्थापित किया गया था जो आज का‘राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय’है। कृषि क्षेत्र में इसके देशव्यापी योगदान को देखते हुए अब इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हो चुका है।

5. बिहार की धरती अन्नपूर्णा है। यहां ground water सुलभ है। बिहार के किसान जुझारू हैं। वे बाढ़ और सूखे की मार के बावजूद अपने काम में जुटे रहते हैं। किसानों, कृषि वैज्ञानिकों तथा अन्य स्टेकहोल्डर्स से परामर्श करने के बाद किसानों के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2008 से‘कृषि रोड मैप’की शुरुआत की। इन रोड मैपों में किसानों के विकास के लिए व्यापक और समन्वित समाधानों की व्यवस्था है। कृषि से जुड़े सभी विभागों द्वारा किसानों को केंद्र में रखकर उनकी समग्र रूप से उन्नति करने की दिशा प्रदान की गई है। यह एक बुनियादी बदलाव है। इस बदलाव से किसानों को फायदा हुआ है। उदाहरण के लिए प्रति हेक्टेयर धान की उपज दस साल पहले 1.3 टन हुआ करती थी जो अब 2.5 टन हो गई है। लगभग 90% की यह वृद्धि बहुत ही प्रभावशाली है। यह देखते हुए कि राज्य स्तर पर लगभग 35 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती होती है,धान की उपज में यह बढ़ोतरी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

6. खाद्यान्नों की उपज में राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बिहार को राष्ट्रपति द्वारा कई बार‘कृषि कर्मण पुरस्कार’प्रदान किया गया है।

7. वर्ष 2021-22 तक के लिए आज जारी किया जा रहा यह 'तीसरा कृषि रोड मैप' बिहार में कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन को नई शक्ति प्रदान करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। इस रोड मैप के तहत आज शुरू की गई जैविक कॉरीडोर, मछली पालन, सिंचाई ,सहकारिता और बिजली से जुड़ी 9 योजनाओं के कार्यान्वयन से कृषि विकास को बल मिलेगा।

8. इस बार के रोड मैप में शामिल की गयी जो चीजें बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं उनमें से एक है जैविक कॉरीडोर। बिहार मेंप्रकृतिनेजैविक खेती के लिए अनुकूल परिस्थितियां प्रदान की हैं। इन परिस्तिथियों का लाभ उठाते हुए गंगा के दोनों तटों के गांवों में जैविक कॉरिडोर विकसित करते हुए कृषि विकास को एक नया आयाम दिया जा रहा है, जो बहुत सराहनीय है। मुझे बताया गया है कि इस रोड मैप में लैंड रिकॉर्ड को अपडेट करने का भी लक्ष्य रखा गया है। यह एक अच्छी पहल है।

9. किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत दिलाने में मार्केटिंग और फूड प्रोसेसिंग के जरिये उनकी सहायता करने की आवश्यकता है।फलों और सब्जियों की shelf life बढ़ाने से भी किसानों को लाभ पहुंचेगा। हाल ही में दिल्ली में आयोजित World Food India 2017 में किसानों के फायदे के लिए आधुनिक Food Processing Industry की जरूरत पर व्यापक विचार विमर्श हुआ। इस कार्यक्रम में लगभग 50 देशों ने भाग लिया। इसके समापन सत्र में मुझे सबको संबोधित करने का अवसर मिला। मुझे लगता है कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने के लिए राज्यों के द्वारा प्रयास किया जाए तो अच्छा रहेगा।

10. खेती के विकास के लिए हमें water management में अधिक से अधिक काम करने की आवश्यकता है। मुझे खुशी है कि आज शुरू की गई 9 योजनाओं में से 4 योजनाएं जल संसाधन के प्रबंधन से जुड़ी हैं। राज्य और केंद्र स्तर पर पारस्परिक विमर्श एवं समन्वय जारी रखते हुए जल प्रबंधन की प्रभावी प्रणालियों का विकास करते रहना चाहिए। इससे बाढ़ पर नियंत्रण करने और सूखे के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।पारम्परिक जल स्रोतों को रिचार्ज करने की आवश्यकता है। मुझे खुशी है कि कुछ जिलों में‘आहर पाइन प्रणाली’को भी पुनर्जीवित किया जा रहा है। अतः परंपरागत जल प्रबंधन प्रणाली को व्यापक रूप से बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।'नमामि गंगे' कार्यक्रम के तहत, बिहार में गंगा की 'अविरल धारा' और 'निर्मल धारा' सुनिश्चित करने की दिशा में काम करते हुए, कृषि विकास को बल दिया जा रहा है। Water management पर खेती का दारोमदार है। यदि बिहार में water management प्रभावी ढंग से लागू हो जाए तो अगली हरित क्रांति की शुरुआत का गौरव इसी प्रदेश को प्राप्त होगा।

11. बिहार के कई क्षेत्रों में मछली पालन उद्योग के विकास की प्रचुर संभावना है। आज किशनगंज में‘बिहार मात्स्यिकी महाविद्यालय’की स्थापना की शुरुआत की गई है। इससे मछली पालन उद्योग में आधुनिक तरीके अपनाने में मदद मिलेगी।

12. कृषि विकास के लिए इंद्रधनुषी क्रांति का जो नजरिया अपनाया गया है, उससे प्रदेश के किसानों को बहुत लाभ होगा। अनाज, पशु पालन, दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को समेकित रूप से देखने तथा और अधिक विकसित करने पर ज़ोर दिया गया है। साथ ही कृषि से जुड़ी सभी सुविधाओं को बेहतर बना कर बिहार के उत्पादों का बाजार बढ़ाने की दिशा प्रदान की गई है।

13.‘कृषि रोड मैप’के अनुसार आगे बढते हुए, बिहार की अर्थ-व्यवस्था मजबूत होगी। साथ ही, देश की खाद्यान्न सुरक्षा में बिहार अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।

14.‘सुधा डेरी’की सफलता के द्वाराबिहार सरकार नेडेरी क्षेत्र में सहकारिता की एक शानदार मिसाल कायम की है।‘सुधा डेरी’के पदचिन्ह अब बिहार की सीमाओं से बाहर भी पहुँच रहे हैं। दिल्ली से लेकर उत्तर पूर्व क्षेत्र के राज्यों तक‘सुधा डेरी’के उत्पाद उपभोक्ताओं को मिल रहे हैं। मुझे यह साझा करने में खुशी हो रही है कि छठ पूजा के अवसर पर मेरे लिए बहुप्रचलित प्रसाद‘ठेकुवा’राष्ट्रपति भवन में भेजा गया।

15. बिहार के मेहनतकश लोग राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देते रहे हैं। बड़े शहरों के विकास में, चाहे दिल्ली हो या मुंबई, बिहार के लोगों की प्रतिभा और परिश्रम का सदैव योगदान रहा है।

16. बिहार के प्रतिभाशाली लोग Civil Services एवं अन्य तकनीकी परीक्षाओं मेंउच्च सफलता प्राप्त करते हैं। विदेशों में भी बड़ी संख्या में बिहार के लोग विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं। वे सभी अपने-अपने क्षेत्रों में बिहार के brand ambassador की भूमिका अदा कर सकते हैं। बिहार की छवि को बिहार के बाहर सही रूप में बताने और image building में बिहार के सभी हितैषियों को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। जितनी जल्दी राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी उतना ही लाभ होगा।‘कृषि रोड मैप’से भी बिहार की image building में योगदान मिलेगा।

17. बिहार के किसान भाइयों और बहनों, कृषि वैज्ञानिकों, कृषि विभाग और कृषि से जुड़े अन्य सभी विभागों के पदाधिकारियों, कृषि संस्थानों के छात्र-छात्राओं, राज्य सरकार, और बिहार की जनता के लिए मेरी शुभकामना है कि आप के प्रयासों से, बिहार दिन-दूनी रात-चौगुनी प्रगति करता रहे।

धन्यवाद

जय हिन्द!