भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन : 12.05.2018
1. आज ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ के अवसर पर मैं राष्ट्रपति भवन में आप सब का स्वागत करता हूं। दुनिया भर में नर्सिंग कर्मियों के लिए आज का दिन विशेष होता है। आज सभी नर्सों को, पूरे विश्व में सम्मानित फ्लोरेंस नाइटिंगेल को याद करने, और उनके आदर्शों पर चलने की प्रतिबद्धता को व्यक्त करने का सुअवसर प्राप्त होता है।
2. फ्लोंरेंस नाइटिंगेल ने नर्सिंग को मानव-सेवा के सम्मानित कार्य के रूप में स्थापित किया था। उन्होंने नर्सों को समर्पण, निष्ठा, त्याग और करुणा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
देवियो और सज्जनो,
3. नर्सिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिस में कार्यरत बेटियों की संख्या हमेशा से अधिक रही है। नर्सों की सेवा और समर्पण भावना की जरूरत बच्चों-बूढ़ों, स्त्री-पुरुषों, ग़रीब-अमीर और ग्रामीण-शहरी सब लोगों को होती है। वे दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर युद्ध क्षेत्र की भीषण परिस्थितियों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि अंतर्राष्ट्रीय नर्स परिषद् का इस वर्ष का ध्येय वाक्य है- "Nurses: A Voice to Lead- Health is a Human Right”। यह सोच वर्तमान समय की जरूरत है। लोगों को अपनी जरूरत के अनुसार स्वास्थ्य संबंधी देख-भाल प्राप्त हो, यह मानवीयता की दृष्टि से भी आवश्यक है। लेकिन यदि इसे मानव अधिकार के रूप में लागू करना है तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं, स्वास्थ्य-कर्मियों, सिविल सोसाइटी और गैर-सरकारी संगठनों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।
4. मुझे बताया गया है कि इस समय भारत में प्रति एक हजार की आबादी पर 1.7 नर्सें हैं जब कि विश्व का औसत 2.5 नर्सों का है। पिछले कुछ वर्षों में नर्सिंग शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों की संख्या बढ़ी है। परिणामस्वरूप मार्च, 2017 तक पंजीकृत नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों की संख्या बढ़कर 27 लाख से अधिक हो गई है। लेकिन यह संख्या भी कम पड़ जाती है क्योंकि नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य सेवियों की जरूरत curative healthcare से आगे preventive और promotional healthcare में भी बढ़ती जा रही है। मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने की रूप-रेखा सामने रखी है।
देवियो और सज्जनो,
5. विकसित देशों में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। उनकी देख-भाल के लिए प्रशिक्षित नर्सों की मांग भी बढ़ रही है। भारत एक युवा देश है। युवाओं को रोजगार की जरूरत है। देश-विदेश में नर्सों की बढ़ती मांग को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पिछले वर्षों में नर्सिंग शिक्षा पर बहुत काम किया है। मुझे बताया गया है कि इन प्रयासों के फलस्वरूप नवम्बर, 2017 तक देश के लगभग नौ हजार संस्थानों की प्रवेश क्षमता प्रतिवर्ष लगभग तीन लाख बीस हजार नर्सिंग प्रशिक्षुओं की हो गई है। पहले से कार्यरत भारतीय नर्सों ने दुनिया भर में अपने लिए सम्मान अर्जित किया है। कई देशों की स्वास्थ्य-सेवाओं में, खासकर खाड़ी के देशों में, भारतीय नर्सें बड़ी संख्या में सेवारत हैं। उनकी कुशल सेवाओं और अनुशासित कार्य-शैली से उन्हें लोगों का स्नेह और सराहना प्राप्त हुई है। मानवता की अमूल्य सेवा करने के साथ-साथ विदेशी मुद्रा स्वदेश भेजकर भारत की अर्थव्यवस्था में भी वे महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं।
6. भारत सरकार फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयन्ती पर नर्सिंग के क्षेत्र में कार्यरत लोगों की योग्यता, संघर्ष, लगन और उत्कृष्टता को सम्मानित करती आ रही है। अपनी असाधारण सेवाओं के लिए 35 नर्सिंग कर्मियों को आज‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ प्राप्त हुए हैं। इन पुरस्कारों को प्राप्त करने के बाद नर्सिंग के क्षेत्र में सेवारत आप सभी कर्मियों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
7. आज जिन नर्सिंग कर्मियों को पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, वे भारत की विविधता में एकता को दर्शाते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह से लेकर दमन और दीव तक तथा हिमाचल प्रदेश से लेकर केरल तक कार्यरत नर्सिंग कर्मियों ने ये पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मैं आप सभी को व्यक्तिगत रूप से और आपके संस्थानों को सामूहिक रूप से बधाई देता हूं।
8. मैं मानता हूं कि देश को स्वस्थ रखने में नर्सिंग की सेवा प्रदान करने वाले आप सभी लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जो व्यक्ति सुदूर किसी गांव में नर्स के रूप में किसी मरीज की सेवा करके गंभीर बीमारी से लड़ने में उसकी मदद कर रहा है, वह राष्ट्र-निर्माता है। आपने निष्ठा और समर्पण के साथ नर्सिंग के माध्यम से देश की सेवा की है। यह देश आप सभी नर्सिंग कर्मियों के प्रति आभारी है। मैं आप सभी के लिए एक स्वस्थ, सफल और सार्थक जीवन की कामना करता हूं।
9. देश ने स्वास्थ्य-रक्षा के क्षेत्र में जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनके लिए सभी देश-वासियों को मैं बधाई देता हूं। मैं,स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों और भारतीय नर्सिंग परिषद् के प्रयासों की सराहना करता हूं और उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।