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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार और पेंटिंग प्रतियोगिता पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर अभिभाषण

नई दिल्ली : 14.12.2017

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1. ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर आप सबको संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। यहां परऊर्जा दक्षता के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न भागीदार आए हुए हैं,जिनमें सरकारी कर्मचारी, उद्योगों के प्रतिनिधि और स्कूलों के प्यारे बच्चे भी हैं। मैं यहां पर उपस्थित उन सभी ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण और बिजली के समुचित उपयोग में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। Energy Conservation in Buildings के लिए आज वेब पोर्टल भी प्रारंभ किया गया। इसकी उपयोगिता को हम सबलोग समझते हैं और इस प्रयास के लिए सरकार की प्रशंसा करता हूँ।

2. युवा मस्तिष्क की क्षमताओं और हमारे परिवारों में छोटे बच्चों की प्रतिभा को समझते हुए विद्युत मंत्रालय स्कूल के बच्चों के लिए एक राष्ट्र स्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित करता आ रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह एक सराहनीय प्रयास है और मैं पुरस्कार विजेता बच्चों को बधाई देता हूं।

3. भारत की आर्थिक प्रगति और विकास में ऊर्जा की उपलब्धता और उसके सक्षम उपयोग का विशेष महत्व है। इसमें ऊर्जा को सुलभ बनाना,ऊर्जा की निरंतर उपलब्धता और ऊर्जा का दक्षता से प्रयोग किए जाने जैसी अनेक चुनौतियां शामिल हैं।

4. यह सब इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ‘‘सभी को ट्वेंटी फोर बाई सेवेन बिजली’’प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार नियत अवधि में इस लक्ष्य को प्राप्त करने, और अंतिम बिंदु तक कनेक्टिविटी पहुचाने तथा सौभाग्य योजना के अंतर्गत सभी आवासियों को बिजली प्रदान करने की दिशा में कार्यरत है।

5. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने देश के उन सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का भी वचन दिया है जहां स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी बिजली अभी तक नहीं पहुंची है।15 अगस्त 2015 को ऐसे 18,452 गांवों की पहचान की गई थी। केंद्र सरकार ने यह निश्चित किया है कि एक हजार दिनों के भीतर इन सभी गांवों में बिजली उपलब्ध हो जाएगी। आज लगभग 3,000 गांवों में ही बिजली पहुंचाना बाकी रह गया है और हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर हैं।

6. मुझे सरकार का यह प्रयास बहुत अधिक महत्वपूर्ण लगता है क्योंकि यह प्रयास उस गरीब किसान, मजदूर, आदिवासी या अन्य किसी वंचित की अंधेरी झोपड़ी में उजाला फैलाने का प्रयास है जो आज तक इस मूलभूत सुविधा से भी महरूम है।

7. बिजली के बिना आज के जीवन के किसी भी पक्ष की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। बिजली न होने से सिंचाई ठीक से नहीं हो पाती है, कल-कारखाने नहीं लग सकते हैं, अस्पतालों में इलाज नहीं हो सकता है, कोल्ड स्टोरेज नहीं चल सकते हैं। विकास के लिए भरोसेमंद बिजली का मिलना एक बुनियादी शर्त है। बिजली की पर्याप्त उपलब्धता के बगैर सामाजिक कल्याण, स्वरोजगार और शिक्षा आदि अनेक क्षेत्रों से जुड़ी हमारी योजनायें कार्यान्वित नही हो पाएंगी।

8. पिछले तीन वर्षों में हम एक ‘पॉवर-सरप्लस’ राष्ट्र बन गए हैं। परन्तु हम इतने में ही संतोष नहीं कर सकते। हमारी आवश्यकताएं निश्चित रूप से बढ़ रही हैं। औद्योगिक युग के लिए बिजली उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कृषि के लिए जल - और इस संबंध में हम कोई समझौता नहीं कर सकते।

9. ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता हमारे प्रयासों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनके द्वारा हमारी GDP की emission intensity कम होगी, उपभोक्ताओं तक ऊर्जा की पहुंच बढेगी और ऊर्जा की लागत भी कम होगी। इससे उन साधारण परिवारों और लघु तथा मध्यम उद्यमों को लाभ मिलेगा जिनकी ऊर्जा संबंधी लागत बहुत अधिक है।

10. मुझे बताया गया है कि सरकार के द्वारा किए गए उच्चस्तरीय ऊर्जा दक्षता संबंधी हस्तक्षेप से इंडस्ट्रियल, कमर्शियल और रेजिडेंशियल कंज्यूमर्स के बिजली की खपत में पर्याप्त बचत हुई है। इन हस्तक्षेप-कार्यक्रमों में एलईडी बल्ब, बेहतर कृषि पंप, सीलिंग फैन और एयरकंडीशर जैसे ऊर्जा दक्षता उपकरणों की पहुंच में सुधार लाते हुए, उपभोक्ता मांग को अनुकूल बनाना शामिल है। सरकार द्वारा किफ़ायती दरों पर एलईडी बल्ब उपलब्ध कराने से इसके उपयोग में बहुत अधिक इजाफा हुआ है जिससे पूरे देश में बिजली की काफी बचत हुई है। स्टार लेबेलिंग के प्रसार में आने के बाद से अब प्राय: सभी उपभोक्ता, भारी मात्रा में बिजली खपाने वाले एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों को खरीदते समय कम ऊर्जा पर चलने वाले उपकरण ही खरीदते हैं।

11. इस प्रकार ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की Standards and Labelling Scheme अपने उद्देश्य में सफल हो रही है। मुझे बताया गया है कि इस स्कीम में21प्रमुख उपकरणों के लिए Star Labelling Programme शामिल है, जिससे उपकरणों के बाजार में बदलाव आया है।

देवियो और सज्जनो,

12. Make in India से लेकर Smart Cities बनाने तक ऊर्जा दक्षता हमारे अनेक प्रमुख कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ है। भारत में बिजली का एक-तिहाई हिस्सा वाणिज्यिक और आवासीय भवनों में उपयोग किया जाता है। आगामी वर्षों में जैसे-जैसे हमारी आर्थिक प्रगति होगी और हमारे शहरों का विस्तारहोगा,उसी के अनुसार और भीअधिक भवन निर्मित किए जाएंगे। इसलिए भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता का होना बहुत आवश्यक है।

13. इस संबंध में मुझे खुशी है कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने Energy Conservation Building Code: 2017 जारी किया है और यह कोड energy efficient commercial buildingsके निर्माण से जुड़े ब्यौरेवार मानदण्ड और समाधान प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त,‘‘Design Guidelines for Energy-efficient Multi-storey Residential Buildings” भी बनाई गईं हैं।

14. "ऊर्जा की बचत, ऊर्जा का उत्पादन है” - यह एक बहुत सरल लेकिन सारगर्भित वाक्य है। सक्षम और किफ़ायती इस्तेमाल से जो बिजली हम बचाएंगे वह किसी किसान के काम आ सकती है। वह किसान जाड़े-पाले की रात में जागकर सिंचाई करने के बजाय दिन में ही खेती के काम निपटा सकता है। बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल में बचाई हुई बिजली कोल्ड स्टोरेज चलाने के काम आ सकती है। कोल्ड स्टोरेज के चलने से किसान की फल और सब्जियां ख़राब नही होंगी। उसका दूध अधिक समय तक इस्तेमाल लायक रह पायेगा। बिजली का होना कमजोर तबके के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच का काम करता है। सुदूर गाँव में कोई मजदूर अपना मोबाइल चार्ज करके दुनिया से जुड़ सकता है, काम खोज सकता है। इस तरह ऊर्जा संरक्षण गरीबों के जीवन में बदलाव का माध्यम भी बन सकता है।

15. ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता energy efficiency उपकरणों के उपयोग से बहुत बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। हमारे कृषि प्रधान देश में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। मैं किसान भाइयों से अपील करता हूँ कि जब वो खेतों में सिचाई के लिए मोटर-पम्प या अन्य उपकरण खरीदें तो इस बात का विशेष ध्यान दें कि उस उपकरण की ऊर्जा दक्षता अच्छी हो। इसी तरह हम अपने दैनिक उपयोग में आने वाले उपकरणों जैसे गीजर, वाशिंग-मशीन, ओवन, इंडक्शन-स्टोव, फ्रिज और ए. सी. जैसे सामान को खरीदते समय उसके ऊर्जा दक्षता का भी विशेष ध्यान रखें।

16. इन सामानों पर कुछ कंपनियों द्वारा स्टार-चिन्ह द्वारा ऊर्जा दक्षता की जानकारी दी जाती है। इस पहल से हम ऊर्जा-संरक्षण के एक बड़े लक्ष्य को आसान बना सकते हैं। इसी तरह हमारे घर, ऑफिस, दुकान और कारखानों में उपयोग हो रहे ट्यूब-लाइट, बल्ब, पंखे, ए. सी. इत्यादि में बिजली की ख़पत के प्रति हमें जागरूक बनना होगा।

17. ऊर्जा की बचत करना एक ऐसा पुण्य कार्य है जिससे न केवल हमारा व्यक्तिगत पैसों की बचत होती है बल्किइस बचत से पर्यावरण का संरक्षण होता है जिससे समाज, राष्ट्र और विश्व का कल्याण सम्भव है।

18. मैं सरकार के ऊर्जा संरक्षण से जुड़े उन सभी प्रयासों की प्रशंसा करता हूं जो एक ऐसे भविष्य की दिशा में ले जाते हैं जहां मानवीय आवश्यकताओं और प्रकृति के बीच संतुलन बना रहेगा। ऊर्जा संरक्षण और दक्षता का यह अभियान भारत की प्राचीन परम्पराओं में निहित किफ़ायत, सरलता और प्राकृतिक संसाधनों के जिम्मेदारी से उपयोग करने के मूल्यों के अनुरूप है। हमें इस दर्शन को सदैव जीवंत बनाए रखना है।

19.इन शब्दों के साथ मैं एक बार फिर आज के पुरस्कार विजेताओं को बधाई देता हूं और आप सब की सफलता की कामना करता हूं।

धन्यवाद

जय हिन्द!