भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का केवड़िया रेलवे स्टेशन के शिलान्यास के अवसर
पर सम्बोधन
केवड़िया-गुजरात : 15.12.2018
1. यहाँ आप सबके बीच इस सभा स्थल पर पहुँचने से पहले,आज सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्य-तिथि के दिन, मुझे‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के रूप में, उनके विराट व्यक्तित्व को,पुष्पांजलि अर्पित करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। उनकी स्मृति में, वृक्षारोपण करने का, तथा प्रार्थना सभा में, उन्हें सादर स्मरण करने का अवसर भी मिला है। यह स्थान, न केवल भारत के लिए,अपितु पूरे विश्व के लिए,आज आकर्षण का एक केंद्र बन चुका है। आज की यह यात्रा, मेरे लिए सदैव अविस्मरणीय रहेगी।
2. महात्मा गांधी नेहमारी आज़ादीकी लड़ाई और हमारे समाज को दिशा प्रदान की। वे हमारे देश के‘राष्ट्रपिता’हैं।वल्लभ भाईपटेल के नेतृत्व में सत्याग्रह करने वाले, बारदोली के किसानों के सामने, ब्रिटिश हुकूमत को झुकना पड़ा था। तब उन्हें‘सरदार’ की उपाधि दी गई थी।
3. जैसा सभी जानते हैं, आजादी के निर्णय के समयभारत का लगभग चालीस प्रतिशत क्षेत्र, रजवाड़ों के अधीन था।संयोग से, यह क्षेत्र भी उन साढ़े पाँच सौ से अधिक रजवाड़ों में से एक था। रजवाड़ों के एकीकरण की चुनौती के बारे में,बापूने सरदार पटेल को लिखा था, "राज्यों की समस्या इतनीजटिल औरकठिन है कि केवल आप ही इसका समाधान कर सकते हैं।”सरदार पटेल ने समाधान कर दिखाया। रजवाड़ों को एकता के सूत्र में पिरोकर, उन्होंने भारत को वर्तमान स्वरूप प्रदान किया। इस जटिल और कठिन कार्य को सम्पन्न करने में,अपनी दृढ़ता के कारण, वे भारत के ‘लौह-पुरुष’ के रूप में प्रसिद्ध हुए। यही नहीं, उन्होंने आजाद भारत को, प्रशासन की एक मजबूत व्यवस्था प्रदान की। वे सही मायनों में हमारे राष्ट्र के शिल्पकार थे।बापू और सरदार साहबके बिना आधुनिक भारत की कल्पनाभीअसंभव है। देश कीयेदोनों महान विभूतियाँ,मानवता को गुजरात की देन हैं।
4. गुजरात के महान सपूतों की श्रेणी में, मोरारजी देसाई का नाम भी आता है। उन्होंने प्रशासन में, अनुशासन और नैतिकता के प्रतिमान स्थापित किये। सौभाग्य से मुझे उनके साथ काम करने का अवसर मिला था। उसी दौरान, पहली बार,मुझे गुजरात को नजदीक से देखने-समझने का मौका मिला।
5. इन सभी व्यक्तित्वों में, गुजरात की संस्कृति में उपलब्ध सौहार्द, परिश्रम, परोपकार, प्रतिभा, समझदारी, और मानव-कल्याण के लिए काम करने की ललक दिखाई देती है।
6. पिछले दो दशकों से गुजरात ने आधुनिक विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने, राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नेतृत्व प्रदान करके, गुजरात को भारत ही नहीं, बल्कि विश्व-स्तर पर, एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित किया।
7. मुझे प्रसन्नता है कि गुजरात प्रगति-पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। सौभाग्य से गुजरात को राज्यपाल के रूप में श्री ओ. पी. कोहली जैसे उदार, अनुभवी और श्रेष्ठ शिक्षाविद का मार्गदर्शन प्राप्त है। उन्होंने राजभवन को, अपनी गरिमा एवं नैतिक मूल्यों से सुशोभित किया है। प्रधानमंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिखाए गए विकास-पथ पर चलते हुए,मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी, गुजरात की प्रगति को, अपने कुशल नेतृत्व द्वारा और आगे बढ़ा रहे हैं।
8. अभी जो फिल्म हमने देखी, उसमें यह सार्थक संदेश था, कि देश की गति और प्रगति, दोनों के लिए, रेल-सेवा महत्वपूर्ण है। यातायात की सुविधा के अलावा,आर्थिक विकास में भी रेल-सुविधा निर्णायक योगदान देती है। साथ ही, भारतीय रेल हमारे देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ती भी है। भारतीय रेल देश के क्षेत्रों को ही नहीं, बल्कि देशवासियों के दिलों को भी जोड़ती है। इस प्रकार, यह सरदार पटेल द्वारा निर्मित हमारी ‘एकता और अखंडता’ को निरंतर शक्ति प्रदान करती है।
9. फिल्म में यह भी बताया गया कि भारतीय रेल ने, इस क्षेत्र के लिए, जो प्रयास शुरू किए हैं, उनके फलस्वरूप, यह स्थान, रेल-सेवा के जरिए, दिल्ली और मुंबई महानगरों से,सीधा जुड़ जाएगा। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि केवड़िया स्टेशन की इमारत इस रेलमार्ग की पहली ‘ग्रीन बिल्डिंग’ होगी। मुझे यह भी बताया गया है कि आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न, केवड़िया रेलवे स्टेशन पर, जल प्रबंधन की प्रभावी पद्धतियों का उपयोग किया जाएगा। सोलर पैनल के जरिए, दो सौ किलोवाट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा।
10. यहाँ आने वाली गाड़ियों की रफ्तार बढ़ाने तथा इस स्टेशन के बन जाने से, इस क्षेत्र के विकास में गति आएगी।‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’को देखने आने वाले देश और विदेश के पर्यटकों की यात्रा, कम समय में, तथा आसानी से सम्पन्न होगी। यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। इस स्टेशन के निर्माण को, मैं‘भारतीय रेल’ द्वारा सरदार पटेल के सम्मान में बढ़ाए गए एक कदम के रूप में देखता हूँ। इस पहल के लिए तथा रेल-सुविधाओं को और अधिक विस्तृत, आधुनिक एवं सुरक्षित बनाने के प्रयासों के लिए, रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल विशेष बधाई के पात्र हैं।
देवियो और सज्जनो
11. सरदार पटेल को देशवासी एक युग-पुरुष मानते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में,श्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल के सम्मान में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण का संकल्प लिया था। वह संकल्प, इस एक 182 मीटर ऊंची‘स्टैच्यू’के रूप में साकार हुआ है। सरदार पटेल जयंती के अवसर पर 31 अक्तूबर 2018 को, प्रधानमंत्री ने लौह-पुरुष की विशाल प्रतिमा को विश्व-पटल पर प्रस्तुत किया था।
12. इस ‘स्टैच्यू’ में, देश के कोने-कोने से, किसानों और साधारण नागरिकों द्वारा भेजे गए लोहे का उपयोग किया गया है। वह मात्र लोहा नहीं है, बल्कि लोगों के हृदय में, सरदार पटेल के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इस भव्य स्मारक में, सरदार पटेल के प्रेरणादायी जीवन की अनेक झलकियाँ भी देखने को मिलती हैं। लगभग डेढ़ सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित‘व्युइंग गैलरी’ से सरदार सरोवर बांध,पहाड़ियों और हरियाली के जो सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं, वे अपनी गहरी छाप छोड़ते हैं।‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास निर्मित, ‘वाल ऑफ यूनिटी’ में, हमारे देश की विविधता-में-एकता दिखाई देती है। इस प्रतिमा के कारण,यह क्षेत्र,विश्व-प्रसिद्ध हो गया है तथा एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में, विकसित हो रहा है। मुझे जानकारी मिली है कि प्रतिदिन,हजारों पर्यटक, यहाँ आ रहे हैं। मुझे यह भी बताया गया है कि, विभिन्न राज्य, इस क्षेत्र में, अतिथि-भवन बनाएँगे।
13. यहाँ नर्मदा नदी, सरदार सरोवर बांध,मनोरम पहाड़ियों, हरे-भरे जंगलों और वाइल्ड-लाइफ को देखने का अवसर मिलता है। यहाँ अनेक सुंदर मंदिर और भवन भी हैं। आदिवासियों की कला, संस्कृति और पारंपरिक रीति-रिवाजों में लोगों की रुचि बढ़ी है। जन-जातीय लोगों की संस्कृति को नजदीक से देखने का एवं स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर भी, इस क्षेत्र का एक प्रमुख आकर्षण है। पर्यटकों के लिए‘टेंट सिटी’ बनाई गई है जहां नर्मदा नदी के किनारे ठहरने की तथा सतपुड़ा के जंगलों को करीब से देखने की सुविधा रहेगी। व्युइंग पॉइंट, सेल्फी पॉइंट, वाटर स्पोर्ट्स, तथा वैली ऑफ फ्लावर्स जैसी आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इस क्षेत्र में‘नेचर टूरिज़म’ और‘वाइल्ड लाइफ टूरिज़म’ के विकास की गति और तेज होगी। पर्यटन, तथा विकास के प्रयासों से यहाँ के लोगों, विशेषकर आदिवासी भाइयों और बहनों के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मन में इस स्थान को देश का सर्वोत्तम पर्यटन केंद्र बनाने की योजना है। और मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य एवं केंद्र सरकार मिलकर, इस कार्य को, जल्दी से जल्दी पूरा करेंगे।
14. इस क्षेत्र में स्थित, ‘सरदार सरोवर बांध परियोजना’को‘लाइफ-लाइन ऑफ गुजरात’भी कहा जाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, तथा भारत के प्रधानमंत्री के रूप में, श्री नरेन्द्र मोदी ने इस परियोजना से जुड़ी जन-आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए निर्णायक योगदान दिया है। उन्होंने विकास के प्रति निष्ठा का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस परियोजना के निर्माण के लिए विस्थापित किए गए भाई-बहनों को फिर से बसाने के लिए बहुत संवेदनशीलता और उदारता के साथ एक नीति बनाई गई। वह नीति और उसका कार्यरूप,अन्य परियोजनाओं के लिए उदाहरण बन गए। इस परियोजना द्वारा नर्मदा के पानी को सौराष्ट्र और कच्छ के सूखे इलाकों तक पहुंचा कर लाखों परिवारों को जीवनदान दिया गया है। सरदार पटेल के सपनों को साकार करने वाली इस परियोजना की सहायता से, आज हजारों गांवों,सैकड़ों कस्बों और अनेक शहरों में, पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है।
15. जैसा आप सभी जानते हैं, उत्तरी गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के इलाकों में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता, दक्षिण गुजरात की तुलना में बहुत कम है। कम पानी वाले इलाकों में माताएँ और बहनें कई मील दूर से पानी लाया करती थीं। गांवों और शहरों में,टैंकर से पानी पहुंचाया जाता था। कच्छ के कई गांवों में तो, लोगों ने पीने लायक साफ पानी देखा तक नहीं था। आज नर्मदा नदी का पानी,गुजरात के दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचाया जाता है। अधिक जल वाले इलाकों से, कम जल वाले इलाकों में, पानी ले जाने के लिए, राज्य में नहरों और पाइपलाइनों का जाल बिछाया गया है। इससे अब एक बहुत बड़ी आबादी सूखे की चपेट में आने से बच गई है। प्रतिदिन,साढ़े ग्यारह बिलियन क्यूबिक मीटर से भी अधिक पानी को, सात सौ किलोमीटर की दूरी तक पहुंचाने में सहायक यह योजना, पूरे विश्व के लिए, एक मिसाल बन गई है। इस परियोजना से जुड़े सभी प्रबन्धक, इंजीनियर और कामगार बधाई के पात्र हैं।
16. जल संसाधन के सक्षम उपयोग के क्षेत्र में,यह गुजरात की बहुत बड़ी सफलता है, कि जहां देश के अधिकांश क्षेत्रों में, ग्राउंड-वाटर का स्तर नीचे जा रहा है, वहीं गुजरात में, यह स्तर बेहतर हो रहा है।
17. गुजरात में, जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए, किसानों और ग्राम-सभाओं की भागीदारी को मजबूत बनाया गया है। गाँव-गाँव में ‘वास्मो’ (वाटर एंड सैनिटेशन मैनेजमेंट आर्गेनाइजेशन) की मदद से पीने के पानी की व्यवस्था में, ग्राम-सभाओं की भागीदारी होती है। जल संसाधन के समुचित उपयोग के लिए किये जा रहे प्रयासों में, ‘सौराष्ट्र-नर्मदा-अवतरण-इरिगेशन-योजना’ (सौनी योजना) महत्वपूर्ण है। मुझे सितंबर 2017 में, उस योजना के दूसरे चरण के शिलान्यास का सुअवसर प्राप्त हुआ था।
18. इस प्रकार, जल संसाधन के उपयोग से लेकर, पर्यटन के विकास तक, और प्रगति को जन-साधारण से जोड़ते हुए, गुजरात ने अनेक प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। आज इस क्षेत्र में, रेल मंत्रालय द्वारा किया जा रहा यह प्रयास भी, यात्रियों के साथ-साथ इस क्षेत्र की साधारण जनता के लिए लाभदायी सिद्ध होगा। मुझे विश्वास है कि केवड़िया स्टेशन, पूरे देश के सामने आधुनिक विकास और पर्यावरण के संतुलन का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करेगा। ऐसे प्रयासों के द्वारा ही हम सब, लौह-पुरुष सरदार पटेल को, सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
19. मैं इस क्षेत्र के, गुजरात के, तथा पूरे देश के निवासियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देता हूँ।