भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का अरुणाचल प्रदेश विधान सभा के विशेष सत्र में अभिभाषण
ईटानगर: 19.11.2017
अरुणाचल प्रदेश की छठी विधान सभा के इस 14वें (विशेष) सत्र में आपके बीच उपस्थित होने पर मुझे अत्यंत खुशी है। मैं इस निमंत्रण के लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं।
2. भारत के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद, अरुणाचल प्रदेश की यह मेरी पहली यात्रा है। विधान सभा के नए भवन को अरुणाचल प्रदेश के लोगों को समर्पित करने से, मेरी यह यात्रा और विशेष हो गई है।
3. यह सिर्फ ईंटों और पत्थरों से बना एक भव्य भवन ही नहीं बल्कि लोकतंत्र का जीवंत मंदिर है। यह उन लोगों के सपनों और अभिलाषाओं का जीता-जागता प्रमाण है, जिनका आप प्रतिनिधित्व करते हैं।
4. भारत के संविधान ने भारत गणराज्य को ‘राज्यों का संघ’ घोषित करते हुए इसे एक संघीय ढांचा प्रदान किया है।20 फरवरी, 1987 को अरुणाचल प्रदेश भारतीय संघ का एक पूर्ण राज्य बना और विधान सभा को कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त हो गया। इस विधान सभा के सभी, पुराने और वर्तमान सदस्यों ने इसे जनसेवा की एक संस्था बनाने में अपना अमूल्य योगदान दिया है।
5. ‘हम भारत के लोग’ यानि "We the people of India”-- हमारे संविधान की प्रस्तावना इन्हीं शब्दों से शुरू होती है। हमें यह याद रखना होगा कि प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और उनकी सेवा हेतु ही आप सब इस विधान सभा के सदस्य चुने गये हैं।
6. विधान सभा सदस्यों के रूप में आपको राज्य सूची में शामिल विषयों पर कानून बनाने का एकाधिकार है। इनमें कानून और व्यवस्था बनाए रखना, स्वास्थ्य और स्वच्छता, परिवहन, भूमि नीतियां, बिजली, दिव्यागों और बेरोजगारों को राहत आदि विषय शामिल हैं। इन विषयों पर प्रभावी कानून बनाने का सीधा संबंध, लोगों और उनके जीवन के कल्याण से है। विधान सभा के सभी सदस्य भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने की, भारत की संप्रभुता और अखण्डता को कायम रखने की तथा एक विधायक के रूप में अपने कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक निभाने की शपथ लेते हैं। मुझे आशा है कि यह शपथ आपका अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु मार्गदर्शन करती रहेगी। चुने जाने के पश्चात् आप अपने क्षेत्र के सभी नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने आपको वोट ना भी डाला हो। आप सभी लोगों के हितों और विश्वास के संरक्षक हैं। यह आपकी प्रमुख जिम्मेदारी है कि आप लोगों के जीवन को बेहतर बनाने वाले कानून बनाएं और जनमानस की समस्याओं का ईमानदारी से हल ढूंढें।
7. हम सभी सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और विविधता से भरपूर, इस देश के नागरिक हैं। भारत में अलग-अलग किस्म के खान-पान, पहनावे, रीति-रिवाज और धार्मिक परंपराएं पाई जाती हैं। यह अनेकता हमारी ताकत है और हमें एक बनाती है। चाहे तिरुपति हो या तरनेतार, या तवांग का बौद्ध मठ हो, ये सब हरेक भारतीय के लिए प्रेरणास्रौत हैं।
8. अरुणाचल प्रदेश ‘अनेकता में एकता’ में निहित, हमारे राष्ट्र की मूल परंपरा को खूबसूरती से व्यक्त करता है। राज्य में सैकड़ों जाति-जनजातियां हैं, जो आपस में मिलजुलकर रहती हैं। सभी जनजातियों ने अपनी उन विशिष्ट परंपराओं और रीति-रिवाजों को जीवित रखा है। यह हम सबके लिए एक आदर्श है।
9. मैं अरुणाचल प्रदेश के लोगों की इन समृद्ध परंपराओं का हृदय से सम्मान करता हूं और आशा करता हूं कि आप सभी सदस्यगण इन युगों पुरानी परंपराओं को सुरक्षित, संरक्षित और सहेजकर रखेंगे।
10. अरुणाचल प्रदेश प्राकृतिक साधनों से भरपूर है। प्राकृतिक ऑर्गेनिक कृषि और अपनी विविध बागवानी पैदावार के कारण, राज्य सच्चे मायनों में ‘भारत का फलों का टोकरा’ बन सकता है। अपने मनमोहक सौंदर्य के कारण इस राज्य में भारत का पर्यटन केंद्र बनने की पूरी क्षमता है। अरुणाचल प्रदेश में आरोग्यता, अध्यात्म और रोमांचकारी पर्यटन की व्यापक संभावना मौजूद है।
11. पूरा देश अरुणाचलवासियों की उपलब्धियों पर गर्व करता है। इस राज्य के अनेक व्यक्ति सभी भारतीयों के लिए आदर्श हैं। इनमें से एक हैं, स्वर्गीय हवलदार हंगपन दादा। इस वर्ष के शुरू में अशोक चक्र से सम्मानित हवलदार हंगपन दादा, तिरप जिले के बोरदूरिया गांव के थे। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए देश के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। उनका यह बलिदान देशप्रेम की एक अद्वितीय मिसाल है। और भी कई अरुणाचलवासी, अलग-अलग क्षेत्रों में अपने योगदान के लिए, समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
12. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि केंद्र सरकार के प्रभावी कदमों से अरुणाचल प्रदेश के विकास की गति में तेजी आई है। ईंटानगर का शताब्दी जैसी ट्रेन से जुड़ना, सैकड़ों किलोमीटर के ‘ट्रांस अरुणाचल हाईवे’ का निर्माण तथा ‘एडवान्स लैंडिंग ग्राउंड्स’ द्वारा जनता से सीधा संपर्क साधने की योजना इस राज्य की प्रगति को दर्शाते हैं। केंद्र सरकार की नीतियों द्वारा सुदूरवर्ती शहरों में छोटे एयरपोर्ट बनाकर इन्हें हवाई मार्ग से जोड़ने की योजना है। मुझे विश्वास है कि इस योजना के तहत पूर्वोत्तर में हवाई यातायात के साधन बढ़ेंगे और अरुणाचल प्रदेश के लोगों को भी इसका भारी लाभ मिलेगा।
13. सीमावर्ती राज्य होने के कारण अरुणाचल प्रदेश पड़ोसी देशों के साथ व्यापार करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। मुझे आशा है कि ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत आसियान और सूदूरपूर्व के देशों के साथ व्यापार और आर्थिक संपर्क बढ़ाने का प्रमुख सूत्र बनेगा।
14. आज सुबह मैंने उत्साह से भरा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा जिसमें विवेकानन्द केंद्र विद्यालयों के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया। बच्चों की आंखों में आशा और लाखों सपने दिखाई देते हैं। शिक्षा के दीपक से ही उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाया जा सकता है। मुझे बताया गया है कि विधान सभा में कई बार आपने शिक्षा के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है और इस विषय में कई प्रस्ताव पारित किए हैं। मुझे विश्वास है कि अरुणाचल के प्रत्येक बच्चे तक शिक्षा का दीपक पहुंचे, इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए, आप हर संभव प्रयास करते रहेंगें।
15. आप सब इस राज्य के विधान निर्माता हैं, और आप सब मिलजुलकर अरुणाचल प्रदेश के विकास के लिए जिम्मेदार हैं।
16. मैं विधान सभा के सभी माननीय सदस्यों और सभी प्रदेशवासियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद !
जय हिन्द !