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भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का राउरकेला स्टील प्लांट में ‘सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ के उद्घाटन के अवसर पर संबोधन

राउरकेला: 21.03.2021

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आपके इस शहर का नाम, बहुत प्रभावित करने वाला है। स्थानीय ‘सदरी’ भाषा में ‘राउर-केला’ का मतलब होता है – राउर यानि आपका और केला यानि गांव। अर्थात् आपका गांव। लोग ‘मेरा गांव ’या‘ मेरा शहर’ कहके गर्व का अनुभव करते हैं लेकिन, आप सब लोग तो इसे ‘आपका गांव’ कहकर पुकारते हैं। ‘अतिथि’ के लिए अपनत्व जताने की यह अद्भुत शैली है। इसलिए, मुझे इस बात की विशेष प्रसन्नता है कि सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन के लिए आज मैं राउरकेला यानि आपके गांव में उपस्थित हूं।

मुझे बताया गया है कि अब तक, इस क्षेत्र में कोई सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं थी। लगभग छह वर्ष पहले, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस्पात जनरल हॉस्पिटल को सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने की योजना सामने रखी थी।

भारत सरकार से प्राप्त लगभग 300 करोड़ रुपए की राशि के साथ केन्द्रीय इस्पात मंत्रालय और ‘सेल’ के संयुक्त प्रयास से आज यह उन्नत अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने इस आधुनिक अस्पताल का निर्माण लगभग 2 वर्ष में कर दिखाया है। इस उपलब्धि में तथा क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन को संवारने में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष योगदान करने वाले सभी संगठनों और लोगों को मैं साधुवाद देता हूं।

मुझे बताया गया है कि राउरकेला स्टील प्लांट द्वारा संचालित इस अस्पताल से न केवल ओडिशा की, बल्कि पड़ोसी राज्यों - झारखंड और छत्तीसगढ़ की - विशेषज्ञ चिकित्सा संबंधी आवश्यकता पूरी करने में भी मदद मिलेगी। मुझे यह भी बताया गया है कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ेगी और चिकित्सा क्षेत्र में और अधिक शोध कार्य होंगे।

देवियोऔरसज्जनो,

ओडिशा की धरती, अपनी समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास के लिए जानी जाती है। सम्राट अशोक को इसी धरती पर अहिंसा के महत्व का भान हुआ था। ओडिशा के वीरतापूर्ण इतिहास और महान विभूतियों की गाथाएं, हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। ओडिया भाषा सही मायने में शास्त्रीय भाषा का दर्जा रखती है। समृद्ध खनिज संसाधनों के रूप में इस भूमि को प्रकृति का अनुपम वरदान प्राप्त है। इन संसाधनों के माध्यम से ओडिशा न केवल विकास के नए-नए सोपान तय कर रहा है, अपितु आत्मनिर्भरता की राह पर देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान भी दे रहा है।

भारतीय गणतंत्र के आरंभिक वर्षों में, यहीं,राउरकेला में,सार्वजनिक क्षेत्र में देश का बड़ा इस्पात संयंत्र, ‘राउरकेला स्टील प्लांट’ के नाम से स्थापित किया गया था। औद्योगिक विकास के क्रम में इस प्लांट की भूमिका एक मजबूत आधारशिला की रही है। यह जरूरी है कि समग्र विकास के लिए,औद्योगिक गतिविधि के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक संरचना भी मजबूत होती रहे और मैंने ध्यान दिया है कि राउरकेला स्टील प्लांट यानि आरएसपी, अपने श्रमिकों, इंजीनियरों तथा उनके परिवारों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील रहा है। आरएसपी के द्वारा न केवल औद्योगिक गतिविधियों बल्कि हेल्थकेयर, शिक्षा, संस्कृति, खेल आदि के क्षेत्र में भी परिवर्तन लाने के सचेत प्रयास किए गए हैं।

आज राउरकेला की पहचान, आरएसपी, एनआईटी और बीजू पटनायक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय–बीपीयूटी -से भी जानी जाती है। इन प्रयासों से स्वास्थ्य-रक्षा के साथ-साथ उत्पादकता में भी बढ़ोतरी हुई है। यहां के लोगों के जीवन और स्वास्थ्य में सुधार लाने के इन प्रयासों के लिए, मैं ‘सेल’ प्रबंधन को बधाई देता हूं।

देवियो और सज्जनो,

सुशासन के दो महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं – पहला - शिक्षा, और दूसरा - हेल्थकेयर। मानव सभ्यता के विकास में इन दोनों का सर्वाधिक योगदान रहा है। लेकिन, बीते वर्ष में, हेल्थकेयर के महत्व की ओर पूरी दुनिया का ध्यान गया है। समूचे विश्व में, सभी क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी ने अपना विकराल रूप दिखाया। यह दौर, अभूतपूर्व चुनौतियों का, घोर संकट का और अकथनीय पीड़ा का रहा है। इस कठिन समय में, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हमारे भाई-बहनों ने कोरोना वायरस के रूप में हमलावर हुए एक अदृश्य और अज्ञात शत्रु के विरुद्ध असाधारण लड़ाई लड़ी है। डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मचारी, प्रशासक और स्वच्छताकर्मी, अपने जीवन की परवाह किए बिना, लोगों का जीवन बचाने के लिए जी-जान से जुट गए। मुझे बताया गया है कि राउरकेला और आसपास के क्षेत्रों में, ‘सेल’ की चिकित्सा टीमों ने अथक प्रयास करके लोगों की प्राण-रक्षा करने का सराहनीय काम किया। हेल्थकेयर कम्यूनिटी द्वारा की गई निस्वार्थ सेवाओं और मानवता के प्रति समर्पण के लिए राष्ट्र हमेशा उन सबका ऋणी रहेगा।

हम फार्मास्यूटिकल प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों के भी अत्यंत आभारी हैं। उनकी योग्यता,सृजनशीलता और अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप,हम उम्मीद कर सकते हैं कि जल्द ही कोरोना वायरस से उत्पन्न विभीषिका से हमें छुटकारा मिल जाएगा। उनके दृढ़ प्रयासों से ही यह संभव हो सका कि भारत में इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आरम्भ किया गया है। इसके साथ ही, भारत न केवल वैक्सीन के निर्माण में आत्मनिर्भर हो रहा है, बल्कि हम अब अन्य देशों को निशुल्क या बहुत कम मूल्य पर वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं। यह विश्व-व्यापी प्रयास हमारी ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की परंपरा को और आगे बढ़ा रहा है।

देवियो और सज्जनो,

इस महामारी ने हमें कई महत्वपूर्ण सबक भी दिए हैं। एक सबक यह है कि एक राष्ट्र के रूप में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार और इसे सभी के लिए समान रूप से सुलभ बनाने के लिए हमें निरंतर प्रयास जारी रखना चाहिए। हाल के समय में, हमने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में काफी निवेश किया है, और इसके पीछे हमारा उद्देश्य यह है कि अल्प-सुविधा प्राप्त लोगों और दुर्गम क्षेत्रों तक पहुँच बनाने के लिए हेल्थकेयर कवरेज का विस्तार किया जाए।

ऐसी स्थिति में, information and communication technology बहुत कारगर सिद्ध हो रही है। उदाहरण के लिए,टेली-मेडिसिन के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच आसान हो सकती है, डॉक्टर के पास जाए बिना ही मरीज परामर्श प्राप्त कर सकता है। खदानों के इलाकों और दूर-दराज के स्थानों में रहने वाले मरीजों को स्मार्टफोन पर वीडियो परामर्श के माध्यम से, समय पर राहत मिल सकती है। Secondary और tertiary हेल्थकेयर तक लोगों की पहुंच में सुधार लाना भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। मुझे प्रसन्नता है कि सरकार द्वारा संचालित विश्व के सबसे बड़े हेल्थकेयर इनीशिएटिव अर्थात् ‘आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

देवियोऔरसज्जनो,

ओडिशा ने भारत को अनेक हॉकी खिलाड़ी दिए हैं। यहां के हॉकी खिलाड़ियों ने ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व आपके इस शहर का नाम, बहुत प्रभावित करने वाला है। स्थानीय ‘सदरी’ भाषा में ‘राउर-केला’ का मतलब होता है – राउर यानि आपका और केला यानि गांव। अर्थात् आपका गांव। लोग ‘मेरा गांव’ या ‘मेरा शहर’ कहके गर्व का अनुभव करते हैं लेकिन, आप सब लोग तो इसे ‘आपका गांव’ कहकर पुकारते हैं।‘अतिथि’के लिए अपनत्व जताने की यह अद्भुत शैली है। इसलिए,मुझे इस बात की विशेष प्रसन्नता है कि सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन के लिए आज मैं राउरकेला यानि आपके गांव में उपस्थित हूं।

मुझे बताया गया है कि अब तक, इस क्षेत्र में कोई सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं थी। लगभग छह वर्ष पहले,प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीने इस्पात जनरल हॉस्पिटल को सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में विकसित करने की योजना सामने रखी थी।

भारत सरकार से प्राप्त लगभग 300 करोड़ रुपए की राशि के साथ केन्द्रीय इस्पात मंत्रालय और‘सेल’ के संयुक्त प्रयास से आज यह उन्नत अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने इस आधुनिक अस्पताल का निर्माण लगभग 2 वर्ष में कर दिखाया है। इस उपलब्धि में तथा क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन को संवारने में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष योगदान करने वाले सभी संगठनों और लोगों को मैं साधुवाद देता हूं।

मुझे बताया गया है कि राउरकेला स्टील प्लांट द्वारा संचालित इस अस्पताल से न केवल ओडिशा की, बल्कि पड़ोसी राज्यों - झारखंड और छत्तीसगढ़ की - विशेषज्ञ चिकित्सा संबंधी आवश्यकता पूरी करने में भी मदद मिलेगी। मुझे यह भी बताया गया है कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ेगी और चिकित्सा क्षेत्र में और अधिक शोध कार्य होंगे।

देवियोऔरसज्जनो,

ओडिशा की धरती, अपनी समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास के लिए जानी जाती है। सम्राट अशोक को इसी धरती पर अहिंसा के महत्व का भान हुआ था। ओडिशा के वीरतापूर्ण इतिहास और महान विभूतियों की गाथाएं, हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। ओडिया भाषा सही मायने में शास्त्रीय भाषा का दर्जा रखती है। समृद्ध खनिज संसाधनों के रूप में इस भूमि को प्रकृति का अनुपम वरदान प्राप्त है। इन संसाधनों के माध्यम से ओडिशा न केवल विकास के नए-नए सोपान तय कर रहा है,अपितु आत्मनिर्भरता की राह पर देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान भी दे रहा है।

भारतीय गणतंत्र के आरंभिक वर्षों में, यहीं,राउरकेला में,सार्वजनिक क्षेत्र में देश का बड़ा इस्पात संयंत्र,‘राउरकेला स्टील प्लांट’ के नाम से स्थापित किया गया था। औद्योगिक विकास के क्रम में इस प्लांट की भूमिका एक मजबूत आधारशिला की रही है। यह जरूरी है कि समग्र विकास के लिए,औद्योगिक गतिविधि के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक संरचना भी मजबूत होती रहे और मैंने ध्यान दिया है कि राउरकेला स्टील प्लांट यानि आरएसपी, अपने श्रमिकों, इंजीनियरों तथा उनके परिवारों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील रहा है। आरएसपी के द्वारा न केवल औद्योगिक गतिविधियों बल्कि हेल्थकेयर,शिक्षा,संस्कृति,खेल आदि के क्षेत्र में भी परिवर्तन लाने के सचेत प्रयास किए गए हैं।

आज राउरकेला की पहचान, आरएसपी,एनआईटी और बीजू पटनायक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय–बीपीयूटी -से भी जानी जाती है। इन प्रयासों से स्वास्थ्य-रक्षा के साथ-साथ उत्पादकता में भी बढ़ोतरी हुई है। यहां के लोगों के जीवन और स्वास्थ्य में सुधार लाने के इन प्रयासों के लिए,मैं‘सेल’ प्रबंधन को बधाई देता हूं।

देवियो और सज्जनो,

सुशासन के दो महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं – पहला - शिक्षा, और दूसरा - हेल्थकेयर। मानव सभ्यता के विकास में इन दोनों का सर्वाधिक योगदान रहा है। लेकिन,बीते वर्ष में, हेल्थकेयर के महत्व की ओर पूरी दुनिया का ध्यान गया है। समूचे विश्व में, सभी क्षेत्रों में कोविड-19 महामारी ने अपना विकराल रूप दिखाया। यह दौर, अभूतपूर्व चुनौतियों का,घोर संकट का और अकथनीय पीड़ा का रहा है। इस कठिन समय में,चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हमारे भाई-बहनों ने कोरोना वायरस के रूप में हमलावर हुए एक अदृश्य और अज्ञात शत्रु के विरुद्ध असाधारण लड़ाई लड़ी है। डॉक्टर,नर्स,पैरामेडिकल स्टाफ,स्वास्थ्य कर्मचारी,प्रशासक और स्वच्छताकर्मी, अपने जीवन की परवाह किए बिना,लोगों का जीवन बचाने के लिए जी-जान से जुट गए। मुझे बताया गया है कि राउरकेला और आसपास के क्षेत्रों में, ‘सेल’ की चिकित्सा टीमों ने अथक प्रयास करके लोगों की प्राण-रक्षा करने का सराहनीय काम किया। हेल्थकेयर कम्यूनिटी द्वारा की गई निस्वार्थ सेवाओं और मानवता के प्रति समर्पण के लिए राष्ट्र हमेशा उन सबका ऋणी रहेगा।

हम फार्मास्यूटिकल प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों के भी अत्यंत आभारी हैं। उनकी योग्यता,सृजनशीलता और अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप,हम उम्मीद कर सकते हैं कि जल्द ही कोरोना वायरस से उत्पन्न विभीषिका से हमें छुटकारा मिल जाएगा। उनके दृढ़ प्रयासों से ही यह संभव हो सका कि भारत में इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आरम्भ किया गया है। इसके साथ ही,भारत न केवल वैक्सीन के निर्माण में आत्मनिर्भर हो रहा है, बल्कि हम अब अन्य देशों को निशुल्क या बहुत कम मूल्य पर वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं। यह विश्व-व्यापी प्रयास हमारी ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’कीपरंपरा को और आगे बढ़ा रहा है।

देवियो और सज्जनो,

इस महामारी ने हमें कई महत्वपूर्ण सबक भी दिए हैं। एक सबक यह है कि एक राष्ट्र के रूप में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार और इसे सभी के लिए समान रूप से सुलभ बनाने के लिए हमें निरंतर प्रयास जारी रखना चाहिए। हाल के समय में, हमने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में काफी निवेश किया है,और इसके पीछे हमारा उद्देश्य यह है कि अल्प-सुविधा प्राप्त लोगों और दुर्गम क्षेत्रों तक पहुँच बनाने के लिए हेल्थकेयर कवरेज का विस्तार किया जाए।

ऐसी स्थिति में, information and communication technologyबहुत कारगर सिद्ध हो रही है। उदाहरण के लिए,टेली-मेडिसिन के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच आसान हो सकती है,डॉक्टर के पास जाए बिना ही मरीज परामर्श प्राप्त कर सकता है। खदानों के इलाकों और दूर-दराज के स्थानों में रहने वाले मरीजों को स्मार्टफोन पर वीडियो परामर्श के माध्यम से, समय पर राहत मिल सकती है।Secondary और tertiary हेल्थकेयर तक लोगों की पहुंच में सुधार लाना भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। मुझे प्रसन्नता है कि सरकार द्वारा संचालित विश्व के सबसे बड़े हेल्थकेयर इनीशिएटिव अर्थात् ‘आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

देवियोऔरसज्जनो,

ओडिशा ने भारत को अनेक हॉकी खिलाड़ी दिए हैं। यहां के हॉकी खिलाड़ियों ने ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। रियो ओलंपिक 2016 की भारतीय महिला हॉकी टीम में ओडिशा की चार खिलाड़ी शामिल थीं। इस प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीन आयोजन 2014, 2017 और 2018 में हो चुके हैं। ओडिशा ऐसा पहला प्रदेश है जो भारतीय हॉकी टीम का प्रायोजक रहा है। संभवत: इसीलिए वर्ष 2023 के Men’s FIH Hockey World Cupकी मेजबानी के लिए ओडिशा का चयन किया गया है। मुझे बताया गया है कि जल्दी ही राउरकेला में देश का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम बनाया जाएगा। मैं आशा करता हूं कि ओडिशा के खिलाड़ी हॉकी में अपने प्रदर्शन को नई बुलंदियों तक ले जाएंगे।

मुझे विश्वास है कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की स्थानीय इकाई राउरकेला स्टील प्लांट और पूरे‘सेल’समुदाय द्वारा सामाजिक क्षेत्र में, विशेष रूप से स्वास्थ्य,शिक्षा और खेल के क्षेत्र में योगदान बढ़ाया जाता रहेगा। मैं एक बार पुनः इस आधुनिक चिकित्सा सुविधा से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं। मैं आज इस सुअवसर पर इस प्रार्थना के साथ अपना वक्तव्य समाप्त करना चाहूंगा कि:

सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया:।

अर्थात– सभी सुखी रहें, सभी निरोगी रहें।

धन्यवाद,

जयहिन्द!

किया है। रियो ओलंपिक 2016 की भारतीय महिला हॉकी टीम में ओडिशा की चार खिलाड़ी शामिल थीं। इस प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीन आयोजन 2014, 2017 और 2018 में हो चुके हैं। ओडिशा ऐसा पहला प्रदेश है जो भारतीय हॉकी टीम का प्रायोजक रहा है। संभवत: इसीलिए वर्ष 2023 केMen’s FIH Hockey World Cupकी मेजबानी के लिए ओडिशा का चयन किया गया है। मुझे बताया गया है कि जल्दी ही राउरकेला में देश का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम बनाया जाएगा। मैं आशा करता हूं कि ओडिशा के खिलाड़ी हॉकी में अपने प्रदर्शन को नई बुलंदियों तक ले जाएंगे।

मुझे विश्वास है कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की स्थानीय इकाई राउरकेला स्टील प्लांट और पूरे‘सेल’समुदाय द्वारा सामाजिक क्षेत्र में, विशेष रूप से स्वास्थ्य,शिक्षा और खेल के क्षेत्र में योगदान बढ़ाया जाता रहेगा। मैं एक बार पुनः इस आधुनिक चिकित्सा सुविधा से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं। मैं आज इस सुअवसर पर इस प्रार्थना के साथ अपना वक्तव्य समाप्त करना चाहूंगा कि:

सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया:।

अर्थात– सभी सुखी रहें, सभी निरोगी रहें।

धन्यवाद,

जयहिन्द!