भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम के उद्घाटन और सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव के भूमि पूजन समारोह में सम्बोधन
अहमदाबाद : 24.02.2021
गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा निर्मित, विश्व नां सौथी मोटा क्रिकेट स्टेडियम नुं उद्घाटन करी ने, मने खूब आनंद थयो छे।
आ प्रसंगे हुं तमाम देशवासियों, अने खास करी ने, क्रिकेट चाहको ने,अभिनंदन पाठवुं छुं।
यह एक उल्लेखनीय सुखद संयोग है कि लगभग चार दशक पूर्व, मोटेरा में निर्मित पहले क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के शुभारंभ के समय, मेरे पूर्ववर्ती तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी यहां आए थे और स्टेडियम निर्माण के पूर्ण होने तथा इसे राष्ट्र को लोकार्पित करने का सौभाग्य मुझे मिला है।
गुजरात सरकार द्वारा इसी परिसर में बनाए जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव का आज भूमि पूजन करके भी मुझे बेहद ख़ुशी हुई है।
मोटेरा स्टेडियम को वर्तमान स्वरूप प्रदान करने वाले गुजरात क्रिकेट एसोशिएशन के सभी पदाधिकारी, एजेंसियां तथा सहयोगी विशेष सराहना के पात्र हैं।
मुझे बताया गया है कि यह स्टेडियम विश्व में सबसे बड़ा होने के साथ-साथ सुविधाओं की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ है। इस अत्याधुनिक और भव्य स्टेडियम की परिकल्पना व निर्माण-योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तभी पूरी कर ली गई थी जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी भी निभा रहे थे। उनके बाद, एसोसिएशन के अध्यक्ष का पदभार केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने संभालाऔर उनके कार्यकाल में इस स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से सम्पन्न हुआ।
देवियो और सज्जनो,
नवम्बर 2018 में ऑस्ट्रेलिया की अपनी विदेश यात्रा के दौरान मैं मेलबर्न भी गया था। तब मुझे बताया गया था कि नब्बे हजार दर्शकों की क्षमता से युक्त मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड, विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम था। आज हम सभी देशवासियों के लिए गर्व की बात है कि एक लाख बत्तीस हजार दर्शकों की क्षमता के साथ मोटेरा का यह स्टेडियम आज विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम बन गया है।मुझे यह जानकारी दी गई है कि इस स्टेडियम में होने वाले डे-नाइट मैचों के लिए L.E.D. लाइटिंग से रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई है। किसी भी अन्य स्टेडियम में इस्तेमाल हो रही लाइटिंग की तुलना में यहां लगभग आधी बिजली खर्च होगी। ऊर्जा का इतना किफ़ायती व सक्षम उपयोग विशेष सराहनीय है। ग्रीन-बिल्डिंग सर्टिफिकेशन की गोल्ड रेटिंग से युक्त यह स्टेडियम इको-फ्रेंडली विकास का एक अच्छा उदाहरण भी है। यह स्टेडियम, विश्व पटल पर अपनी मजबूत पहचान बनाने वाले आज के भारत की आकांक्षाओं और क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
देवियो और सज्जनो,
भारत ने जो वर्चस्व क्रिकेट में हासिल किया है वह इस विश्वास को मजबूत करता है कि अन्य खेलों में ही नहीं बल्कि विकास के क्षेत्रों में भी हमारा देश विश्व में ऊंचा स्थान प्राप्त करने की क्षमता से परिपूर्ण है।
भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच के आयोजन के साथ, आज से इस स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की शुरुआत हो रही है। मुझे विश्वास है कि यहां की अत्याधुनिक सुविधाएं खिलाड़ियों को श्रेष्ठ प्रदर्शन करने और दर्शकों को मैच देखने का विशेष अनुभव प्रदान करेंगी।
भारत को ‘पावर हाउस ऑफ क्रिकेट’ अथवा ‘हब ऑफ क्रिकेट’ कहा जाता है। इसीलिए, यह सर्वथा उपयुक्त है कि विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम भी अब हमारे देश में ही है।
हमारे बहुत से युवा क्रिकेट खिलाड़ी, छोटे गांवों व शहरों से निकलकर, आर्थिक तंगी के बावजूद अपने संघर्ष व कड़ी मेहनत के बल पर आगे बढ़ रहे हैं और क्रिकेट जगत में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा प्रोत्साहित किए गए अनेक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में जसप्रीत बुमराह और अक्षर पटेल जैसे आज के लोकप्रिय क्रिकेटर शामिल हैं।
देवियो और सज्जनो,
अन्य खेलों की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में भी हमारे युवा बेहतरीन प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। इसके लिए जरुरी है कि हम क्रिकेट की तरह अन्य खेलों के लिए भी खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएं।इस स्टेडियम के परिसर में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स एनक्लेव बनाने की पहल के लिए मैं गुजरात सरकार को बधाई देता हूं। मुझे बताया गया है कियह स्पोर्ट्स एनक्लेव एक मल्टी-स्पोर्ट्स वेन्यू के रूप में खिलाड़ियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा तथा राष्ट्रीय खेलों और एशियाड जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी की सुविधाएं भी प्रदान करेगा।मुझे जानकारी दी गई है कि यह पूरा एनक्लेव अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार और सस्टेनेबिलिटी के मापदंडों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में ‘सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव’, अहमदाबाद शहर को स्पोर्ट्स इन्फ्रॉस्ट्रक्टर की दृष्टि से पूरे विश्व में एक नई पहचान दिलाएगा।
श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में खेल-कूद को काफी प्रोत्साहन दिया था। जैसा कि केन्द्रीय खेल मंत्रीऔर केन्द्रीय गृह मंत्री के सम्बोधनों सेहम सबको ज्ञात हुआ है कि केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में खेल की एक नई संस्कृति विकसित की जा रही है।‘खेलो-इंडिया’ तथा ‘फिट-इंडिया’ जैसे अभियान देशवासियों में स्वास्थ्य तथा खेल-कूद के प्रति रुझान पैदा कर रहे हैं।‘टार्गेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम’ यानि टॉप्स जैसे कार्यक्रमों से खेल जगत में भारत की प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। खेलों से जुड़ी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। खेल प्रतिभाओं की पहचान करके उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
खेल सुविधाओं का विकास तो महत्वपूर्ण है ही, उससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि व्यापक स्तर पर प्रतिभाशाली खिलाड़ी इन सुविधाओं का लाभ उठा सकें।Facility तथा access to facility, दोनों ही जरूरी हैं। पिछले वर्ष एक समाचार पत्र से मुझे यह जानकारी मिली कि ढाबे में काम करने वाला एक होनहार साइकिलिस्ट बालक दिल्ली में राज्य स्तर की प्रतियोगिता में उधार ली हुई साइकिल चलाकर सिल्वर मेडल जीत चुका था। लेकिन, उपयुक्त ट्रैक पर साइकिल चलाने का अभ्यास नहीं कर पाने के कारण वह साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की एकेडमी में प्रशिक्षण के लिए होने वाले चयन में विफल हो रहा था। उसके पास अच्छी साइकिल नहीं थी तथा ट्रैक के उपयोग के लिए प्रवेश शुल्क के पैसे नहीं थे। उस बच्चे को राष्ट्रपति भवन द्वारा एक नई साइकिल दी गई। उसके लिए ट्रैक का इस्तेमाल करने की सुविधा प्रदान की गई। उसके बाद, वह साइकिलिंग फेडरेशन द्वारा प्रशिक्षण के लिए चयन में सफल हुआ। अब उसे स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से प्रशिक्षण तथा आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। ऐसे अनेक होनहार बेटे-बेटियां आर्थिक अभाव, दूर-दराज के इलाकों में रहने या अन्य रुकावटों के कारण अपनी प्रतिभा के अनुरूप प्रशिक्षण का अवसर नहीं प्राप्त कर पाते हैं। युवा खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन प्रयासों को और भी व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाने से हमारे देश में छुपी खेल प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा।
अच्छी खेल सुविधाएं और खेलों में उत्कृष्टता किसी भी देश के विकास का मापदंड भी होते हैं।टीम भावना विकसित करने में खेलों का महत्व सभी मानते हैं। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की संस्कृति का आधार भी खेल के मैदानों में तैयार होता है। निस्वार्थ भाव से टीम की विजय के लिए अपना योगदान देने की भावना का संचार भी खेलों के दौरान होता है। खेल के मैदानों में केवल शारीरिक विकास ही नहीं होता बल्कि चरित्र निर्माण भी होता है। मुझे विश्वास है कि देश की स्वस्थ युवा पीढ़ी एक अच्छे समाज एवं विकसित राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करती रहेगी।
इसी विश्वास के साथ, आज शुरू होने वाले टेस्ट मैच के लिए मैं भारत व इंग्लैंड दोनों टीमों के सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। और एक बार फिर आप सबको इसक्रिकेट स्टेडियम के उद्घाटन तथा मल्टी-स्पोर्ट्स फेसिलिटी के शिलान्यास की हार्दिक बधाई देता हूं।
ख़ूब ख़ूब अभिनंदन !
खूब-खूब सुभेच्छाओ !
आभार !
जय हिन्द !