भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का मिनी स्मार्ट सिटी कार्यक्रम में अभिभाषण
गुना : 29.04.2018
1. मध्य प्रदेश राज्य से मेरा पुराना लगाव रहा है। अभी 15 दिन पहले बाबा साहब डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की जन्म-स्थली महू की यात्रा करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ था। आज फिर से आपके बीच आकर मुझे प्रसन्नता हुई है। मध्य प्रदेश बाबा साहब की जन्म-भूमि तो है ही, भारत रत्न से अलंकृत पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी भी यहीं ग्वालियर में पले-बढ़े और आगे चलकर उन्होंने देश को योग्य नेतृत्व दिया। गुना का यह नगर, जन-जन में लोकप्रिय रही श्रीमती विजया राजे सिन्धिया की कर्म-भूमि भी रहा है। उन्होंने राजसी सुख-सुविधाओं को त्यागकर जन-सेवा को अपनाया था। गुना शहर मेरे लिए नया नहीं है। मैं यहां कई बार आ चुका हूं। यह शहर मेरे लिए घर जैसा है क्योंकि यहां मेरे बड़े भाई पिछले तीस वर्षों से निवास कर रहे हैं। राष्ट्रपति के रूप में अपने घर जैसे शहर में आकर और गर्मजोशी से भरा आपका स्वागत पाकर मैं अभिभूत हूं। इस स्वागत-सत्कार के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।
देवियो और सज्जनो,
2. मध्य प्रदेश सांस्कृतिक रूप से अति समृद्ध है। इतिहास, धर्म, अध्यात्म, संस्कृति, संगीत और शिल्पकला के क्षेत्रों में यह प्रदेश अग्रणी रहा है। इसी धरती पर रानी अवंतीबाई और झलकारी बाई ने जन्म लिया। मध्य प्रदेश में ही ‘तांत्या भील’ का जन्म हुआ था जिन्होंने आदिवासियों और वंचितों पर हो रहे अत्याचार का सशक्त विरोध किया। लोग प्यार से उन्हें तांत्या मामा कहते थे। गुना, ग्वालियर, शिवपुरी का यह क्षेत्र अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जन्म–भूमि और कर्म-भूमि रहा है। कहा जाता है कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम के वीर सिपाही तात्या टोपे, रानी लक्ष्मी बाई के मुंहबोले भाई थे। उनका बलिदान निकटवर्ती नगर शिवपुरी में अप्रैल, 1859 में हुआ था। इसी गुना शहर में जन्मे श्री सागर सिंह सिसोदिया जैसे क्रान्तिकारी ने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था। मध्य प्रदेश ने भारत को दो-दो मुख्य न्यायाधीश दिए हैं। पहले थे- स्वर्गीय न्यायमूर्ति श्री जे.एस. वर्मा और दूसरे हैं- हमारे बीच उपस्थित न्यायमूर्ति श्री रमेश चन्द्र लाहोटी जो इसी गुना शहर के हैं। यह शहर बहुत सौभाग्यशाली है।
3. विगत वर्ष में मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर देश में सबसे अधिक रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके लिए प्रदेश के किसान बधाई के हक़दार हैं। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई है कि अपने कार्यों में मध्य प्रदेश सरकार को राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है जिन्हें गुजरात में सार्वजनिक जीवन में सफलतापूर्वक योगदान करने का दीर्घकालीन अनुभव है।
4. गुना शहर चार लेन के राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। परिवहन की दृष्टि से गुना की अवस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। ग्वालियर से इंदौर के रास्ते में यह बीचोंबीच पड़ता है इसलिए एक शहर के रूप में इसके विकास की बहुत संभावनाएं हैं।
5. पिछले कुछ वर्षों में भारत के पर्यटन मानचित्र पर मध्य प्रदेश ने प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है और पिछले तीन वर्षों से उसे ‘बेस्ट टूरिज्म अवार्ड’ प्राप्त हो रहा है। गुना शहर भी पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। स्थानीय तौर पर, धार्मिक पर्यटन स्थलों के रूप में टेकरी मंदिर और बीसभुजा देवी मंदिर को विकसित किया जा सकता है। गुना के पास ही माधव राष्ट्रीय पार्क और करेड़ा पक्षी अभयारण्य है। इन वन्य जीव स्थलों के साथ गुना और ग्वालियर के आस-पास के धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थलों को आपस में जोड़ा जा सकता है। इससे रोजगार भी बढ़ेगा और खुशहाली भी।
देवियो और सज्जनो,
6. शहरों का भारत की अर्थ-व्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है। इसीलिए शहरों की दशा-दिशा सुधारने के लिए भारत सरकार ने ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के तहत चुनिंदा शहरों में उत्कृष्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक गतिविधि, सांस्कृतिक वातावरण और शहर की अपनी विशिष्ट पहचान का एक समेकित इको-सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसके लिए चुने गए 100 शहरों में से 7 शहर मध्य प्रदेश के हैं। राज्य सरकार ने दूरदर्शितापूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य स्तर पर ‘मिनी स्मार्ट सिटी’ परियोजना शुरू की है। मुझे खुशी है कि गुना शहर में मिनी स्मार्ट सिटी परियेाजना की आज शुरूआत हो रही है। मुझे विश्वास है कि इससे नगरवासियों की सुख-समृद्धि के नए-नए रास्ते खुलेंगे। इस उपलब्धि के लिए नगरवासियों को और मध्य प्रदेश सरकार को मेरी बधाई।
7. यह जाहिर ही है कि किसी भी स्मार्ट सिटी के लिए स्वच्छता एक अनिवार्य शर्त है। स्वच्छता सुनिश्चित करने में नागरिकों का योगदान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। कल ही मैंने किसी समाचार पत्र में ग्वालियर के निवासी श्री राजेंद्र शर्मा जी के बारे में देखा कि वे लगभग चालीस सालों से अपनी गली में खुद ही सफाई करते आ रहे हैं। वे पेशे से वकील हैं। उनके विषय में कुछ इस तरह की रोचक और प्रेरक जानकारी मिली कि उनके इस प्रयास की वजह से मोहल्ले वाले भी अब गली में कचरा नहीं फेंकते हैं। ऐसे सामान्य नागरिकों के असामान्य योगदानों से गाँव, नगर, राज्य और देश को लाभ पहुंचता है।
8. आप सब ने जो आदर और सत्कार मुझे प्रदान किया है, उसकी यादें मेरे मन में सदैव ताज़ा रहेंगी। मध्य प्रदेश के निवासियों के सुखी एवं समृद्ध जीवन के लिए मैं शुभ कामनाएं देता हूं और आपको आमंत्रित करता हूं कि जब भी आप दिल्ली आएं तो भारतीय इतिहास की एक अमूल्य धरोहर राष्ट्रपति भवन में अवश्य पधारें। वह भवन आप सब का भी है।