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भारत के राष्‍ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द का संतोकबा ह्यूमैनिटेरीयन अवार्ड समारोह में सम्बोधन

सूरत : 29.05.2018

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1. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और राष्ट्र के वर्तमान स्वरूप के निर्माता सरदार पटेल के प्रदेश, गुजरात में आकर मुझे सदैव बहुत प्रसन्नता का अनुभव होता है।

2. गुजरात ने देश को श्री मोरारजी देसाई के रूप में एक विलक्षण व्यक्तित्व प्रदान किया है। उन्होने बॉम्बे स्टेट और बाद में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालयों में मंत्री, और अंततः भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपने आदर्शवाद और असाधारण प्रशासनिक क्षमता की अविस्मरणीय छाप छोड़ी है। मुझे भारत रत्न से अलंकृत गुजरात के उस सपूत के साथ काम करने का सुअवसर प्राप्त हुआ था। उनके साथ मुझे कई बार गुजरात आने का और यहाँ के जन-जीवन को नजदीक से देखने का अवसर मिला था।

3. देश के नेतृत्व को योगदान देने की गुजरात का प्रभावशाली परंपरा आज भी जारी है। श्री नरेंद्र मोदी जी के रूप में, गुजरात ने हमारे देश को एक ऐसा प्रधानमंत्री दिया है जिनकी आधुनिक सोच, असाधारण कर्तव्य-निष्ठा और योगदान को विश्व-व्यापी सम्मान प्राप्त हो रहा है।

4. सूरत शहर से मेरी पुरानी स्मृतियाँ जुड़ी हुई हैं। मुझे याद आता है कि मैं 1971-72 में पहली बार सूरत आया था। सत्तर के दशक में मैं अक्सर सूरत आया करता था और कई बार दस-पंद्रह दिनों के लिए यहाँ रुकना होता था। उस समय की पुराने सूरत-शहर की सड़कें और गलियाँ मुझे याद हैं। मुझे श्री हितेन्द्र देसाई जी, जिन्हे लोग अपनेपन से हितू भाई कहा करते थे, का स्मरण हो रहा है। वे इसी सूरत शहर के सपूत थे, और कई वर्षों तक गुजरात के यशस्वी मुख्यमंत्री भी रहे थे। कई बार मैं उनके ही निवास-स्थान पर रुका था।

5. गुजरात के लोग इतिहास के हर दौर में कितना सचेत रहे हैं इसका एक विशेष उदाहरण मैं आप सब के साथ साझा करना चाहूँगा। 1857 की आजादी की लड़ाई के तुरंत बाद एक ऐसा दौर आया जब भारत के अधिकांश क्षेत्रों में लोग अंग्रेजी हुकूमत को लाभकारी समझने लगे थे। उस युग में इसी सूरत जिले की धरती पर जन्म लेने वाले कवि नर्मद ने ब्रिटिश हुकूमत की नीतियों की असलियत सबके सामने रखी। उन्होने देश के लोगों को अंग्रेजों से संघर्ष करने की प्रेरणा दी। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा में लिखा भी है कि कवि नर्मद का उनकी पीढ़ी के विद्यार्थियों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था। यहाँ आने से पहले आज मुझे ‘वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय’ के दीक्षांत समारोह में भी सूरत जिले की उस विभूति को याद करने का अवसर प्राप्त हुआ।

6. पिछले वर्ष गांधी जयंती के दिन मुझे पोरबंदर में ‘कीर्ति मंदिर’ जाकर ग्रामीण गुजरात को ‘खुले में शौच से मुक्त’ घोषित करने का सुअवसर मिला था। शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में सूरत शहर ने पूरे देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। 1994 की महामारी के बाद सूरत के प्रशासन और निवासियों ने अपने संयुक्त प्रयासों के द्वारा इस शहर को देश के स्वच्छतम शहरों में स्थान दिलाया। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि वर्ष 2017 के स्वच्छ सर्वेक्षण में सूरत शहर को गुजरात में प्रथम स्थान और देश में चौथा स्थान प्राप्त हुआ। मैं यह आशा करता हूँ कि आप सभी अपने शहर को देश में प्रथम स्थान दिलाने के लिए प्रयास करते रहेंगे। स्वच्छता की संस्कृति को मजबूत बनाने के लिए सूरत के सभी नागरिकों को मैं बधाई देता हूँ।

7. यह कहा जा सकता है कि सूरत शहर अवसरों का शहर है और यहाँ एक ‘मिनी-इंडिया’ देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश आदि अनेक राज्यों से लोग रोजगार की तलाश में यहाँ आते हैं। उनमे से बहुत से लोग अपना व्यवसाय भी करते हैं। यहाँ के लोग अपने सौहार्द से उन्हे अपने साथ मिला लेते हैं। कहा जाता है कि सूरत के लोग जीने की कला जानते हैं। यहाँ के लोगों का खान-पान मशहूर है जिसे ‘सूरत नू जमण’ की कहावत चरितार्थ करती है। समय से रात का भोजन करके ताप्ती नदी के आस-पास जाकर टहलना यहाँ के अधिकांश निवासियों की जीवनचर्या का हिस्सा है। विपरीत परिस्थितियों में भी सूरत के लोग अपना उत्साह और उल्लास बनाए रखते हैं। इन्हीं कारणों से एक प्रमुख आर्थिक केंद्र होते हुए भी सूरत शहर में एक खास तरह का निश्चिंत माहौल देखने को मिलता है।

8. सूरत के साथ-साथ, पूरे गुजरात को समग्र विकास के रास्ते पर निरंतर आगे ले जाने के लिए मैं राज्यपाल श्री ओम प्रकाश कोहली जी के अनुभवी मार्ग-दर्शन और मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी जी के कुशल नेतृत्व के लिए उनकी सराहना करता हूँ।

9. सूरत के उद्यमी लोगों ने प्राचीन काल से ही विश्व-स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उसी कड़ी में आज सूरत के गोविंद ढोलकिया जी ने व्यापार-जगत में अपना स्थान बनाया है। सूरत और गुजरात के लोग अपनी उद्यम-शीलता, सहकारिता और मानव-कल्याण के कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। मुझे खुशी होती है कि गुजरात की इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ढोलकिया जी जैसे अनेक सफल उद्यमी नैतिकता और समाज-कल्याण के कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं। अपने कर्मचारियों में स्वच्छता, समाज-सेवा और पवित्र जीवन-चर्या को प्रोत्साहन देकर गोविंद ढोलकिया जी तथा उनकी कंपनी SRK एक्स्पोर्ट्स ने सराहनीय कार्य किया है। यह अन्य संस्थानों के लिए अनुकरणीय है।

10. डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन और डॉक्टर वर्घीस कुरियन तथा अन्य ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करके, जिन्होंने समाज के हित में प्रभावशाली योगदान दिया है, SRK नॉलेज फ़ाउंडेशन ने समाज के हित में किए जाने वाले कार्यों के महत्व को रेखांकित किया है। ‘संतोकबा ह्यूमैनिटेरीयन अवार्ड’ उद्यमियों द्वारा समाज-कल्याण को प्रोत्साहित करने का अच्छा उदाहरण है। इस वर्ष के सम्मान के लिए चुने गए श्री कैलाश सत्यार्थी जी और श्री किरण कुमार जी, भी समाज कल्याण की प्रभावशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हैं।

11.ISRO के भूतपूर्व निदेशक श्री किरण कुमार जी अन्तरिक्ष विज्ञान के उपयोग द्वारा सामान्य लोगों के जीवन-स्तर को सुधारने में सदैव प्रयास-रत रहे हैं। मुझे बताया गया है कि अपने लंबे कार्यकाल के दौरान वे ‘चंद्रयान’ और ‘मंगलयान’ समेत अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं से जुड़े रहे हैं। उनके प्रयासों का लाभ किसानों, मछुआरों, वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों, व्यापारियों और दूरसंचार का उपयोग करने वाले सभी लोगों को मिलता है।

12. बच्चों के मानवाधिकारों के लिए अपने असाधारण योगदान के कारण नोबेल पुरस्कार से सम्मानित, श्री कैलाश सत्यार्थी जी लगभग 40 वर्षों से निरंतर कार्यरत रहे हैं। मुझे बताया गया है कि आपके प्रयासों से 85,000 से अधिक बच्चों को शोषण से मुक्त किया जा सका है। यही नहीं, उन बच्चों को शिक्षा के अवसर मिले हैं तथा वे अपने जीवन को नए सिरे से शुरू कर पाए हैं। पिछले वर्ष राष्ट्रपति भवन में आयोजित उनकी संस्था के एक समारोह, ‘सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत’ में मुझे कुछ ऐसे बच्चों से मिलकर उनके जीवन के बारे में जानने का अवसर मिला था।

13. मैं SRK नॉलेज फ़ाउंडेशन को, श्री ए. एस. किरण कुमार जी व श्री कैलाश सत्यार्थी जी को ‘संतोकबा ह्यूमैनिटेरीयन अवार्ड’ से सम्मानित करने के लिए बधाई देता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि SRK नॉलेज फ़ाउंडेशन तथा सूरत के सभी उद्यमी अपने समाज-कल्याण के प्रयासों में निरंतर आगे बढ़ते रहेंगे और पूरे समाज के लिए आदर्श प्रस्तुत करेंगे।

धन्‍यवाद

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