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भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द का डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

कांगड़ा : 29.10.2018

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1. दीक्षांत समारोह के इस अवसर पर उपस्थित सभी पदक विजेताओं, शिक्षकों, अन्य सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों को बहुत-बहुत बधाई।आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत हर्ष का अनुभव हो रहा है।

2. हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौन्दर्य तथा यहाँ के निवासियों की कर्मठता और अतिथि सत्कार नेसदैवमुझ पर गहरी छाप छोड़ी है। सन 1974 में, मैं पहली बार हिमाचल प्रदेश आया था। तब से लेकर आज तक प्रत्येक यात्रा ने मुझ में एक नई स्फूर्ति का संचार किया है। कवियों, कलाकारों, शक्ति के उपासकों और भगवान बुद्ध के अनुयाइयों ने इस प्रदेश में, विशेषकर कांगड़ा क्षेत्र में, प्रेरणा प्राप्त की है। चित्रकला की विश्व-प्रसिद्ध ‘पहाड़ी शैली’ इसी कांगड़ा क्षेत्र में विकसित हुई थी।

3. देश के पहले परम वीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा तथा अंग्रेजी साम्राज्य से लोहा लेने वाले शहीद राम सिंह पठानिया का जन्म कांगड़ा की इसी पवित्र धरती पर हुआ था। सूरमाओं की धरती, हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गाँव के नौजवान भारतीय सेना को सेवा प्रदान कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश को देव-भूमि के साथ-साथ वीर-भूमि कहना सर्वथा उपयुक्त है।

4. आज हिमाचल प्रदेश को पहाड़ी क्षेत्रों के विकास का मॉडल माना जाता है। इसके लिए मैं राज्य के आप सभी निवासियों को बधाई देता हूँ। विकास हेतु मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी और कुशल नेतृत्व द्वारा प्रभावशाली परिणाम हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी की मैं सराहना करता हूँ।

5. किसी भी राज्य या क्षेत्र के समग्र विकास के लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का होना जरूरी है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि यह मेडिकल कॉलेज एक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है और पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

6. जैसा कि आप सब जानते ही हैं कि सन 1958 में यहाँ एक टीबी सेनेटोरियम का उद्घाटन भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने किया था। वही सेनेटोरियम, आगे चलकर सन 1997 में, इस मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित हुआ। इस प्रकार, भारत के पहले राष्ट्रपति की स्मृति से जुड़े इस चिकित्सा संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह में, भारत के राष्ट्रपति के रूप में उपस्थित होकर मुझे संतोष की अनुभूति हो रही है। इस संतोष का कारण है, भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में हुआ विकास।

7. आज से लगभग साठ वर्ष पहले, जब डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी ने इस सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में एक चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन किया था, तब देश में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बहुत पिछड़ा हुआ था। आज भारत में उचित पैसों में विश्व-स्तर की स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने के लिए पूरी दुनियाँ से मरीज आते हैं। इसे मेडिकल टूरिज़म का नाम दिया जाता है।

8. हमारे देश में औसत आयु सीमा अब लगभग उनहत्तर वर्ष तक पहुँच चुकी है, जो आजादी के समय मात्र बत्तीस वर्ष थी। पोलियो और स्मॉल-पॉक्स जैसी जानलेवा बीमारियों को अब हम हरा चुके हैं।अन्य बहुत से मानकों पर भी प्रभावशाली उपलब्धियां दर्ज की गयी हैं। लेकिन अभी भी बहुत सी चुनौतियों पर विजय पाना बाकी है। इन प्रयासों में सरकार तथा अन्य स्टेक-होल्डर्स के साथ-साथ आप सबभावी डॉक्टरोंकी भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

9. हाल ही में, 23सितंबर, 2018 को हमारे देश में ‘आयुष्मान भारत’ नाम की ‘जन आरोग्य योजना’ की कार्य-रूप में शुरुआत की गई। यह योजना, विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है जिससे करोड़ों परिवारों पर बीमारी के कारण पड़ने वाला आर्थिक बोझ घटेगा।मुझे बताया गया है किइस योजना के लॉन्च होने के एक माह केअंदर ही एक लाख से अधिक मरीजों ने अस्पतालों में भर्ती होकरचिकित्सा सुविधाएं प्राप्त की हैं।

10. स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए देश में‘हेल्थ केयर ईको सिस्टम’ में बदलाव लाया जा रहा है। प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बड़ी तादाद में अच्छे डाक्टरों, अच्छे मेडिकल कॉलेजों की जरूरत है। मेडिकल एजुकेशन की चुनौतियों के साथ शीघ्रता से निपटते हुए, अच्छे मेडिकल संस्थानों को प्रोत्साहन देने हेतु, हाल ही में The Indian Medical Council (Amendment) Ordinance 2018 जारी किया गया है। इससे मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, विस्तार और आधुनिकीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा एवं विद्यार्थियों तथा मरीजों का शोषण करने वाले संस्थानों पर रोक लगेगी। यह बदलाव आप जैसे युवा डाक्टरों के भविष्य के लिए बहुत सहायक सिद्ध होगा।

प्यारे विद्यार्थियो,

11. आप के मेडिकल कॉलेज ने बहुत कम समय में तेजी से प्रगति की है। मुझे बताया गया है कि अब यहाँ पोस्ट-ग्रेज्युएशन के सत्रह कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। हाल ही में ‘सुपर-स्पेशियलिटी ब्लॉक’ और ‘बर्न यूनिट’ की स्थापना से आप सबको शिक्षा के नए और उच्च-स्तरीय अवसर प्राप्त होंगे।

12. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आपके मेडिकल कॉलेज ने एम्स, नई दिल्ली; स्टेनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन; और यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा के साथ भागीदारी की शुरुआत की है। मुझे विशेष प्रसन्नता इस बात की है कि भारत सरकार ने अपनी कुछ महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं के लिए जिन थोड़े से संस्थानों को चुना है उनमें आपका यह मेडिकल कॉलेज भी शामिल है।

प्यारे विद्यार्थियो,

13. आज के दीक्षांत समारोह में आप सबने अपने परिश्रम तथा अपने परिवार एवं शुभचिंतकों की सहायता के बल पर अपनी डिग्री प्राप्त करने का लक्ष्य हासिल किया है। अब आप सब से समाज और देश की अपेक्षाएँ बदल जाएंगी। एक तरफ आप अपनी योग्यता को और अधिक निखारेंगे, विशेषज्ञता हासिल करने के प्रयास करेंगे और दूसरी ओर, अपने करियर की प्रगति और सामाजिक कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाने की चुनौतियों का सामना करेंगे।

14. आपने अपने लिए जिस नोबल मेडिकल प्रोफेशन को चुना है, वह केवल जीविकोपार्जन का साधन नहीं है। वह मूलतः सेवा का मार्ग है, जिसमें मानवीय संवेदनाओं को प्राथमिकता दी जाती है। आपके सेवा-भाव और निष्ठा से किसी की जान बच सकती है। किसी मरीज की जान बचाकर जो संतोष एक डॉक्टर को मिलता है वह पैसों में नहीं आँका जा सकता है।हमारे देश में, अधिकांश लोग, डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। मरीजों के, विशेषकर गरीब तबके के मरीजों के, हितों को सर्वोपरि रखना आप सबका मूल कर्तव्य है।

15. आज के युग में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्फॉर्मेशन टेक्नालजी और डिजिटल तथा रोबोटिक सुविधाओं के उपयोग द्वारा, स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव आ रहा है। मैं आशा करता हूँ कि आप सभी युवा डॉक्टर technology experts की सहायता लेकर इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

16. टेक्नॉलॉजी और अन्य आधुनिक पद्धतियों के उपयोग के साथ-साथ आप सबको मानवीय पक्ष को हमेशा ध्यान में रखना होगा। आप सब युवा डॉक्टर यह हमेशा याद रखें, कि कोई भी मरीज केवल एक मेडिकल case नहीं होता है। वह एक मनुष्य होता है, जिसमें आशंकाएँ, भावनाएँ और संवेदनाएँ होती हैं। अतः मरीज की अच्छी देख-भाल के लिए एक डॉक्टर में competence और compassion दोनों का होना जरूरी है और इसके साथ साथ मरीज का विश्वास भी जीतना है।

17. मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि आज यहाँ स्वर्ण पदक पाने वाले आठ विद्यार्थियों में सात बेटियाँ हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी ऐसी बेटियाँ, विकसित भारत का निर्माण करने में अपना विशेष योगदान देंगी।

18. मैं एक बार फिर, विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और दीक्षांत समारोह से जुड़े हुए सभी लोगों को बधाई देता हूँ। मैं यहां उपस्थित विद्यार्थियों को आशीर्वाद देता हूं और उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना करता हूं।

धन्यवाद

जय हिन्द!