भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का ‘कानपुर नगर निगम’ द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह के अवसर पर भाषण
कानपुर : 30.11.2019
1. ‘कानपुर नगर निगम’ द्वारा आयोजित इस समारोह में, आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। यहां उपस्थित अनेक लोग, मेरी प्रारंभिक जीवन यात्रा के साक्षी रहे हैं और कुछ लोग, जीवन की धूप-छांव से गुजरते हुए, मेरे सहयात्री भी रहे हैं।
2. कानपुर मेरा अपना शहर है। कानपुर देहात में मेरा जन्म हुआ और कानपुर नगर में मेरी माध्यमिक और उच्च शिक्षा हुई। मुझे हमेशा महसूस होता है कि मैं आज जो कुछ भी हूं, जैसा भी हूं और जहां भी हूं, उसका श्रेय कानपुर को ही जाता है। परौंख के एक साधारण परिवार में जन्मे और बड़ी कठिनाइयों से अपनी पढ़ाई पूरी करने वाले, मुझ जैसे साधारण व्यक्ति ने जो कुछ भी अर्जित किया है, वह कानपुर की धरती और आप सबके आशीर्वाद की देन है।
3. मेरे मानस में कानपुर की अनेक छवियां अंकित हैं। एक ऐसा कानपुर, जो गर्मियों के मौसम में,मोती झील के फव्वारों से छन कर आती ठंडी हवा देने वाला कानपुर है; ऐसा कानपुर, जहां विश्व-प्रसिद्ध लाल इमली मिल के पीछे खड़े इमली के विशाल दरख्तों से लाल रंग की इमलियां टपकती थीं। एक ऐसा कानपुर, जहां के सरसैया और परमट घाट पर भोर के समय गंगा-स्नान करने वालों की भीड़ हुआ करती थी और ऐसा कानपुर भी, जहां सुबह -शाम पत्थर कोयले की अंगीठियों का उठता धुआं बताता था कि लोग जाग गए हैं।
4. कानपुर की एक और छवि मेरे ध्यान में आती है। उत्तर प्रदेश के मध्य में, पावन गंगा के किनारे बसे इस ऐतिहासिक शहर कानपुर ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। इसने स्नान-पर्व पर उमड़ते श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखी है, तो स्वाधीनता की लड़ाई में सर्वस्व बलिदान कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के वीरान घर भी। इसने, बड़े-बड़े उद्योगों की गगनचुंबी चिमनियों से निकलता धुआं देखा है, तो मिलें बन्द हो जाने पर मिल मजदूरों के घरों के ठंडे चूल्हे भी। इस शहर से होकर, वर्तमान में देश की सबसे तेज रेलगाड़ी ‘वंदे भारत’ दौड़ती है, तो पुराने जमाने की निशानी के रूप में इक्के और तांगे भी। ऐसा महसूस होता है जैसे कानपुर अपने जीवन में नवीनता और प्राचीनता दोनों के साथ जी रहा है।
देवियो और सज्जनो,
5. आज से लगभग 60 वर्ष पहले कानपुर नगर निगम की स्थापना हुई और श्री राम रतन गुप्ता पहले मेयर बने। वही नगर निगम अब श्रीमती प्रमिला पाण्डेय के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2017 में, मुझे यहां ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरूआत करने का अवसर प्राप्त हुआ था। मुझे बताया गया है कि नगर निगम ने इसी ध्येय को लेकर, शहर में गंदगी वाले स्थानों को चिन्हित करके व्यापक स्तर पर साफ-सफाई का अभियान चलाया है। इसके बावजूद, कभी-कभी प्रदूषित शहरों की सूची में कानपुर नगर के शामिल होने की ख़बरें भी मिलती हैं।
6. मुझे ज्ञात हुआ है कि कानपुर की टैनरियों एवं सीवेज के अपशिष्ट जल का शोधन करने और शहर के कूड़े-कचरे के समुचित निस्तारण पर तेजी से काम किया जा रहा है। हम, एक क़दम और आगे बढ़कर, स्मार्ट टैक्नोलॉजी और इंटेग्रेटिड वेस्ट मैनेजमेंट फॉर एनर्जी जैसी प्रणाली का प्रयोग करके कचरे से बिजली पैदा कर सकते हैं और इमारतों के मलबे की री-साइक्लिंग करके उससे ईंटें या टाइल्स बना सकते हैं, जैसे कि दिल्ली में किया जा रहा है। ऐसा करके, न केवल नगर को साफ-सुथरा रखा जा सकता है, बल्कि 'वेस्ट टु वेल्थ' की संकल्पना को भी साकार किया जा सकता है।
7. मुझे प्रसन्नता है कि वर्तमान में निगम के कुल 109 पार्षदों में से 40 अर्थात् लगभग 37 प्रतिशत महिला पार्षद हैं। यह संख्या उत्साहवर्धक है और आश्वस्त करने वाली भी। यह भी एक सुखद संयोग है कि मंच पर मेरे साथ तीन-तीन सन्नारियां विराजमान हैं। महिला सशक्तीकरण की दिशा में देश के प्रयासों के लिए यह एक शुभ संकेत है।
प्रिय पार्षदगण,
8. नगर निगम के आप सभी पार्षदों ने भारत के संविधान के प्रति निष्ठा और अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने की शपथ ली है। सब के हित और कल्याण के लिए कार्य करना, आपका कर्तव्य है क्योंकि सभी पार्षद अपने वार्ड के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं; उन लोगों का, जिन्होंने आपको वोट दिया है, और उन लोगों का भी, जिन्होंने आपको वोट नहीं दिया है। आप सब, अपने-अपने वार्ड के सभी मतदाताओं की आशाओं और आकांक्षाओं के संरक्षक हैं और, मुझे उम्मीद है कि आप सब अपने दायित्व को पूरा करने के प्रयास कर भी रहे होंगे।
देवियो और सज्जनो,
9. जिन उपलब्धियों हेतु अभिनंदन करने के लिए आपने मुझे आमंत्रित किया है, उनमें और बढ़ोतरी करते रहने के लिए मुझे आप सबका स्नेह प्राप्त होता रहेगा, इसी विश्वास के साथ इस कार्यक्रम के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं। मुझे यह विश्वास भी है कि आप सभी लोग मिलकर, कानपुर के सर्वांगीण विकास और आम जनता की बेहतरी के लिए सदैव प्रयत्नशील रहेंगे।