उज़बेकिस्तान के राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन : 01.10.2018
·उज़बेकिस्तान गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति शावकत मिर्ज़ी-योयेव तथा प्रथम महिला ज़िरोट मिर्ज़ी-योयेवा,
·महामहिमगण,
·विशिष्ट अतिथिगण,
·देवियो और सज्जनो,
हाय-रली केज़ और नमस्कार!
1. भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर राष्ट्रपति मिर्ज़ी-योयेव और प्रथम महिला का मैं हृदय से स्वागत करता हूं।
2. राष्ट्रपति महोदय, आपकी यात्रा से हमारी स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप में मैत्री और सहयोग के एक नए दौर की शुरुआत हो रही है। हमारे सदियों पुराने संबंधों को घनिष्ठ और प्रगाढ़ बनाने में आपने सराहनीय योगदान दिया है; हम इसकी बहुत क़द्र करते हैं।
3. भारत और उज़बेकिस्तान, पुराने मित्र और स्ट्रेटजिक पार्टनर हैं। इसीलिए, हमारे पास अपने सम-सामयिक संबंधों के विकास के लिए ऐतिहासिक रिश्तों की मज़बूत बुनियाद मौजूद है। आपने भारत की अपनी यात्रा की शुरुआत ताजमहल के भ्रमण से की है। ताजमहल हमारे साझे इतिहास का उज्ज्वल प्रतीक है। प्राचीन काल से ही व्यापारी और यात्री, लेखक और कवि, कलाकार और कारीग़र, हमारे बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक संबंध बनाए रखने में अपना योगदान देते रहे हैं।
4. दोनों ही देशों में अलिशेर नावोई के सूफी चिन्तन और अमीर खुसरो की रूहानी कव्वाली ने गहरा प्रभाव छोड़ा है। समरकंद और तेरमेज़ में बौद्ध मठों के भग्नावशेषों ने तथा कशीदा-कारी और इ-कत के हस्तशिल्प ने हमें चिन्तन-परम्परा और रचनात्मकता के स्तर पर एक-दूसरे से जोड़ा है।
5. महामहिम, आपकी यात्रा महात्मा गांधी की और पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर हो रही है। दोनों के साथ आपके देश का विशेष जुड़ाव रहा है। उनके प्रति आपकी जनता ने और आपने जो प्रेम और सम्मान दर्शाया है, उसके लिए हम आप सब के आभारी हैं।
6. कल, हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का विश्व-व्यापी महोत्सव आरंभ कर रहे हैं।2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किए गए अपने ‘स्वच्छ भारत’ अभियान की चौथी वर्षगांठ भी हम मना रहे हैं। इस अवसर पर, 29 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2018 तक आयोजित किए जा रहे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन में उज़बेकिस्तान की प्रतिभागिता के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था,उनके सपने को साकार करने के प्रयास में, हम आप से और अपने सभी अंतरराष्ट्रीय साझीदारों से बहुत कुछ सीखना और साझा करना चाहते हैं।
7. महामहिम, आजहमने अपनी साझेदारी को औरऊंचाई परले जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। अपनी स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने के लिए हमने आज अनेक द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम अपने बीच व्यापार और निवेश को नए धरातल पर ले जाएं। आतंकवादी और उग्रवादी ताक़तों से अपने लोगोंको सुरक्षित करने; प्रतिरक्षा सहयोग को सुदृढ़ बनाने; तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के लिए हम लोग मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।
8. अपनी जनता के जीवन को बेहतर बनाने हेतु विज्ञान और प्रौद्योगिकी के फायदे उन तक पहुंचाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं; साथ ही, हम अपने युवाओं तक डिजिटल-एज और स्टार्ट-अपके लाभ पहुंचाने की योजनाएं भी शुरू कर रहे हैं।
9. महामहिम, हमारे द्विपक्षीय सम्बन्ध बेहतर ढंग से आगे बढ़ रहे हैं।हम अपनी साझेदारी में तीव्र प्रगति लाना चाहते हैं; और इस प्रयोजन के लिए, हमें हवाई अड्डों, बंदरगाहों, राजमार्गों और सूचना-महामार्गों के जरिए बेहतर कनेक्टिविटी बनानी होगी। व्यापार के नए-नए अवसर हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। आमों की मिठास और खरबूजों का स्वाद एक दूसरे का इंतज़ार कर रहे हैं।
10. महामहिम, इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में स्थापित अश्गा बात समझौते में हमारी सदस्यता के समर्थन के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं। हमें प्रसन्नता है कि आपने इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरीडोर में शामिल होने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
11. महामहिम, उज़बेकिस्तान और भारत की मैत्री में अतीत और वर्तमान की गहराई और गर्मजोशी मौजूद है। अब इसे भविष्य की असीम संभावनाओं से जोड़ना है।
12. इन्हीं आशावादी विचारों के साथ, मैं,अपने अतिथियों से अनुरोध करता हूं कि हम सब:
-उज़बेकिस्तान गणराज्यके राष्ट्रपति और प्रथम महिला के स्वास्थ्य और कुशलता की;
-हमारे दोनों महान राष्ट्रों की जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि की, और
-उज़बेकिस्तान तथा भारत के बीच चिर-स्थायी मैत्री की कामना करें।