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केप टाउन में भारतीय समुदाय और फ्रेंड्स ऑफ़ इंडिया के स्वागत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन

केपटाउन : 02.04.2019

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1. आप सभी से मिलकर मैं बहुत प्रसन्न हूं। आपके द्वारा किए गए गर्मजोशी और स्नेह भरे स्वागत के लिए धन्यवाद।

2. दक्षिण अफ्रीका और भारत, विविधताओं और सांस्कृतिक समृद्धि के देश हैं। यह विविधता जीवन के हर क्षेत्र में मिलती है, लेकिन इसमें एकता का मजबूत धागा मौजूद रहता है। चाहे सितार हो या सारंगी, तबला हो या मृदंग, हारमोनियम हो या बांसुरी, शास्त्रीय संगीत हो या बॉलीवुड के गीत -भारत के इन जीवंत कलारूपों ने हमेशा से ही जनमानस में आनंद और उल्लास का संचार किया है।आप सभी ने आज यहां जिस तन्मयता और लगन के साथ यह रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया है, उसे देखकर मुझे बहुत खुशी हुई है।

देवियो और सज्जनो,

3. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के इस वर्ष में दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर आना मेरे लिए विशेष सौभाग्य की बात है। इस अवसर पर हम उन्हें और शांति और अहिंसा के उनके आदर्शों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं, इसलिए, मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी तक की उनकी यात्रा में दक्षिण अफ्रीका की भूमिका को याद किया जाना स्वाभाविक है। 1893 से 1914 तक दक्षिण अफ्रीका में बिताए 21 वर्षों ने उन्हें स्वतंत्रता और न्याय के सच्चे पथ प्रदर्शक के रूप में तब्दील कर दिया। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के सम्मान में, हमने दुनिया भर में अपने समारोहों की शुरुआत कर दी है। दक्षिण अफ्रीका सहित 130 से अधिक देश उनके पसंदीदा भजन "वैष्णव जन तो तेने कहिए" के गायन में हमारे साथ जुड़े हैं। हमारे दैनिक जीवन में गांधीजी की विरासत की प्रासंगिकता पर युवाओं को संबोधित करते हुए, क्रोएशिया, बोलिविया और चिली के अपने तीन देशों की यात्रा में मैंने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

4. दक्षिण अफ्रीका में अपने भाइयों और बहनों के साथ रंगभेदी साम्राज्य के दौरान भारत उनकी पीड़ा और मुसीबत की घड़ी में मजबूती से उनके साथ खड़ा रहा। रॉबेन द्वीप से नेल्सन मंडेला की रिहाई के बाद, 1990 में जब वे भारत की यात्रा पर आए तो खुशी से हमारे आँसू छलक आए थे। उसी वर्ष, उन्हें हमारे सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का गौरव हमें प्राप्त हुआ। कल, मुझे रॉबेन द्वीप में उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर प्राप्त होगा।

5. दक्षिण अफ्रीका, पूरे विश्व में प्रवासी भारतीयों के सर्वाधिक विशाल आश्रयों में से एक है और हम आपकी सफलता और उपलब्धियों पर गर्व करते हैं। आप में से अधिकांश ऐसे समुदायों और परिवारों से हैं जो इस खूबसूरत देश में कई पीढ़ियों पहले आए थे। हम आपके पूर्वजों की प्रेरणादायक कहानियों से अवगत हुए हैं, कि कैसे उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों से पार पाकर अपने लिए जीवन की राह बनाई। आप में से कई लोग पेशेवर, शोधार्थी और उद्यमियों के रूप में हाल ही में इस देश में आए होंगे। मैं इस बात की दिल से सराहना करता हूं कि इतनी दूरी होने और इतना समय बीत जाने के बावजूद, भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी लोगों ने भारत को अपने दिल के करीब रखा है। आप अपने रीति-रिवाज और त्योहारों को बहुत धूमधाम से मनाते हैं, और आपने अपनी परंपरा और संस्कृति को गर्व और सम्मान के साथ संजोए रखा है।

6. अभी कुछ सप्ताह पूर्व ही, मुझे दक्षिण अफ्रीका के सार्वजनिक उद्यम मंत्री, श्री प्रवीण गोरधन को भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित करने का अवसर मिला। वह इस महान राष्ट्र के निर्माण में प्रवासी भारतीयों के योगदान और अहमद कथराडा, लालू चिबा, मैक महाराज, बिली नायर, फातिमा मीर, दुल्ला उमर, और प्रवासी भारतीयों में से कई अन्य विशिष्ट दिग्गजों की विरासत को आगे बढ़ाने वालों में से एक चमकते सितारे हैं जो स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में और इस आधुनिक गणराज्य के निर्माण के लिए अपने हमवतनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे।

7. इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति सिरिल रामाफ़ोसा की भारत की यात्रा ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक और अध्याय जोड़ दिया। हम दोनों महान राष्ट्रों के बीच का संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहा है। हमारी आर्थिक सहभागिता इस जीवंत भागीदारी के प्रमुख अवयवों में से एक है। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय कंपनियां देश में विकास के नए रास्ते खोलकर मूल्य संवर्धन कर रही हैं। वे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रही हैं और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के दक्षिण अफ्रीकी नेतृत्व के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। दक्षिण अफ्रीकी कंपनियां भी भारत के विकास में और ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’ और ‘स्मार्ट सिटी कार्यक्रम’ जैसी प्रमुख पहलों में सहयोग कर रही हैं।

8. वास्तव में हमारे संबंध गहरे और विविधतापूर्ण हैं। हम केवल राजनीतिक क्षेत्र में ही दक्षिण अफ्रीका के साथ नहीं खड़े रहे बल्कि हमने दक्षिण अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की भी अगुआई की। और आज ये खेल संबंध आगे बढ़ रहे हैं तथा ये न्यूलैंड्स से लेकर ईडन गार्डन तक और टेस्ट क्रिकेट से लेकर टी-20 तक फ़ैल गए हैं। भारत के हर कोने में दक्षिण अफ्रीका का एक भाग मौजूद है, और हर आईपीएल टीम में दक्षिण अफ्रीका के कुछ खिलाड़ी रहते हैं।

देवियो और सज्जनो,

9. भारत सरकार विदेश में रह रहे अपने प्रवासी भारतीयों के साथ अपने संबंधों को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं आपसे आग्रह करूंगा कि हमारे द्वारा लागू की गई स्कीमों और योजनाओं का लाभ उठाएं। हमने अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए अपनी ओसीआई योजना को सरल बनाया है। हमने प्रौद्योगिकी के माध्यम से, अपनी पहुँच को बढ़ाया है और अपनी सार्वजनिक सेवा संदाय में सुधार किया है। आज, स्वाभाविक दिनचर्या के अंग के रूप में, हम जरूरतमंद लोगों तक तात्कालिकता के आधार पर पहुँच रहे हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि पिछले चार वर्षों में हमने विदेशों में हिंसा, संघर्ष और प्राकृतिक आपदाओं में फंसे 90,000 से अधिक भारतीयों को बचाया है।

देवियो और सज्जनो,

10. कल जब मैं रॉबेन द्वीप पर युद्ध वीरों को श्रद्धांजलि दे रहा होऊंगा तो, मैं हमारे दोनों देशों के लोगों के साझा मूल्यों और हमारे दोनों राष्ट्रों के संस्थापक महापुरुषों के साझा सिद्धांतों को याद करूंगा, जो आज भी हमें समानता और समृद्धि के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ाते जा रहे हैं। मेरी कामना है कि हमारे दोनों राष्ट्र नए मार्ग प्रशस्त करें और न केवल अपने लिए, बल्कि महात्मा और मदीबा द्वारा निर्देशित पूरी मानवता हेतु, शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के लोगों की रचनात्मक ऊर्जा के सदुपयोग हेतु नए संबंध स्थापित करें।

11. आपसे मैंने कुछ समय पहले, परम्परा और संस्कृति को संजोकर रखने की बात की थी। मैं आप से एक और अनुरोध करना चाहूंगा-आप अपने घर पर अपने परिवार से मातृ भाषा में बात करें चाहे वह हिन्दी हो, कोंकणी हो, गुजराती हो, पंजाबी हो या तेलगु या तमिल हो, जो कि आपको अपनी रुट्स व सभ्यता से जोड़े रख सके। आप सभी से विदा लेने से पहले, मैं आप सभी को राष्ट्रपति भवन को देखने के लिए आमन्त्रित करता हूँ। हाँ, यह मेरा आवास एवं कार्यालय है परन्तु यह ऐतिहासिक भवन आप सभी के लिए सदैव खुला है। हमारी विरासत व लोकतान्त्रिक मूल्यों को जानने के लिए आप सभी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत है।

धन्यवाद।