गिनी में अपने सम्मान में आयोजित राज-भोज पर भारत के राष्ट्रपति का संक्षिप्त संबोधन
कोनाक्री : 02.08.2019
1. महामहिम, मैं आपके गरिमामय स्वागत भाषण के लिए आपका आभारी हूं। आपकी उदारता और गिनी की परम्परा के अनुरूप गर्मजोशी भरे अतिथि-सत्कार की मैं सराहना करता हूं।
2. भारत की ओर से गिनी गणराज्य की यह पहली राजकीय यात्रा है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की यात्रा में यह एक ऐतिहासिक दिन है। आपने मुझे अपने सर्वोच्च सम्मान, ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से सम्मानित कर इसे सच में और विशेष बना दिया है। मैं इस सम्मान को विनम्रता और गौरव के साथ स्वीकार करता हूं। मैं इस सम्मान को, हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच लंबे समय से चली आ रही पारस्परिक मैत्री के प्रतीक के रूप में देखता हूं। मैं इस पुरस्कार को अपने देशवासियों को, गिनी और यहाँ के लोगों के प्रति उनके सम्मान को तथा गिनी और भारत की मैत्री को समर्पित करता हूं। मेरी कामना है कि अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में काम करते हुए हम इस सम्मान से प्रेरित होते रहें। और यह सम्मान, हमारे पारस्परिक भरोसे और विश्वास का चिरस्थायी प्रतीक बने।
3. राष्ट्रपति महोदय, हमारी बीच आज हुई चर्चाओं से मैं आश्वस्त हूं कि हमारे संबंध और घनिष्ट तथा मजबूत हो सकते हैं। आपके लोगों के समावेशी विकास के लिए आपके नेतृत्व और आपके प्रयासों की हम प्रशंसा करते हैं। हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर करने के आपके प्रयासों के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं। हमारी मैत्री और सहयोग को और बढ़ाने करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। आइए हम अपने लोगों की शांति और प्रगति के लिए साथ मिलकर आगे बढ़ें।
इन्हीं विचारों के साथ, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि हम सब मिलकर:- - राष्ट्रपति कोन्डे के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की; - गिनीके लोगों की निरंतर समृद्धि की; - तथा गिनी और भारत के बीच मजबूत और चिरस्थायी मैत्री की कामना करें!