Back

गिनी के भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

कोनाक्री : 03.08.2019

Download PDF

1. अपना वक्तव्य आरम्भ करने से पहले,मैं अपने प्रतिनिधिमंडल के विशिष्ट सदस्यों का परिचय आपसे कराना चाहूंगा। आज मेरे साथ हैं - श्री प्रताप चन्द्र सारंगी, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम तथा पशुपालन,डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री, भारत सरकार, वे ओडिशा के निवासी हैं; और श्री दिलीप घोष, जो पश्चिम बंगाल से लोकसभा संसद सदस्य हैं। मैं आप सभी को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। इतनी गर्मजोशी और स्नेह के साथ मेरा स्वागत करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं। गिनी की मेरी राजकीय यात्रा एक ऐतिहासिक यात्रा है। राष्ट्राध्यक्ष के स्तर पर यह भारत से इस देश की पहली यात्रा है। यहां आने से पहले,मैं बेनिन और गाम्बिया भी गया था। तीन देशों की मेरी राजकीय यात्रा पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र के साथ और सामान्य तौर पर समूचे अफ्रीका के साथ हमारे संबंधों को बढ़ाने की हमारी नई प्रतिबद्धता का सूचक है।

2. आप सभी से मिलकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई है। मैं आप सभी को यह बताना चाहता हूँ कि मैंने जिस भी देश की यात्रा की है,उस देश में रह रहे भारतीय समुदाय से मिलने को मैंने हमेशा प्राथमिकता दी है। विदेशों में रह रहे अपने लोगों से मिलने का आनंद अलग ही होता है और ये सुखद मुलाकातें मेरी स्मृति का हिस्सा बन जाती हैं।

3. आप जानते ही हैं कि इस क्षेत्र के हर देश में भारतीय समुदाय के लोग फल-फूल रहे हैं। भारत और दुनिया के इस हिस्से के बीच वे सक्रिय सेतुबंध की भूमिका निभाते रहे हैं। अफ्रीका महाद्वीप में हमने जो18 नई एम्बेसी खोलने का निर्णय लिया है, उनमें 7 एम्बेसी पश्चिम अफ्रीका क्षेत्र में खोली जानी हैं। इससे हमारे सम्बन्ध और मज़बूत बनेंगे। इस वर्ष की शुरुआत में,गिनी गणराज्य में हमारी एम्बेसी ने काम करना शुरू कर दिया है। यह एम्बेसी आपकी है और मुझे विश्‍वास है कि इस देश के अपने अनुभवों तथा स्थानीय जानकारी के बल पर आप सब इसे मजबूती देंगे।

देवियो और सज्जनो,

4. कल, मैंने राष्ट्रपति अल्फा कोन्दे से मुलाकात की और गिनी तथा भारत के संबंधों को और आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने मुझे गिनी के सर्वोच्च पुरस्कार – ‘नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उस सम्मान और आदर का प्रतीक है जो इस देश में भारत और भारतीयों के प्रति विद्यमान है और उनमें आप भी शामिल हैं। हम दोनों ही,अपने संबंधों, विशेष रूप से,हमारे आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और इनमें विविधता लाने के लिए उत्सुक ह ैं। भारत और गिनी के बीच परस्‍पर पूरक सामर्थ्य को देखते हुए,व्यापार और निवेश तथा व्यवसायों के लिए दोनों ही ओर विकास की अपार संभावनाएं हैं। गिनी के साथ हमारी साझेदारी में,स्वास्थ्य-चर्या से लेकर,इबोला के विरुद्ध लड़ाई, कृषि, परिवहन से लेकर ऊर्जा सुरक्षा तक विकासात्मक सहयोग का तत्‍व प्रधान है। इसे और बेहतर करने के लिए,कल हमने गिनी में जल सम्बन्धी परियोजनाओं के वित्‍तपोषण के लिए 170 मिलियन डॉलर की रियायती वित्त सहायता की पेशकश की। हम ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ के तहत कई सौर ऊर्जा परियोजनाओं को लागू करने के लिए भी उत्सुक हैं;सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हम गिनी को एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखते हैं। मुझे प्रसन्नता है कि हमारे निजी क्षेत्र ने भी गिनी में तरक्की और विकास में योगदान करने की हमारी प्रतिबद्धता में भागीदारी करने में रुचि दर्शाई है। मुझे बताया गया है कि 300-बिस्तर वाले ‘गिनी फ्रेंडशिप हॉस्पिटल’ का निर्माण एक भारतीय संस्था द्वारा किया जा रहा है। यह परियोजना, गिनी में हमारे मित्रों को आधुनिक स्वास्थ्य चर्या उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

देवियो और सज्जनो,

5. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि गिनी में भारतीय समुदाय भले ही कम संख्या में हो,फिर भी सक्रिय है और इस देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। अपने उद्यम और व्यापार कौशल के माध्यम से,आपने यहां एक मजबूत व्यापारिक उपस्थिति दर्ज कराई है। आप में से कुछ ने सामाजिक और आर्थिक दोनों क्षेत्रों में निवेश किया है,जिससे गिनी में युवाओं के लिए नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। अभी यहाँ कुछ ऐसे अन्‍य लोग भी हैं जो पेशेवर और प्रौद्योगिकी-विशेषज्ञ के रूप में इस क्षेत्र में आए हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं। आप इस देश में जिस भी रूप में निवास कर रहे हों,आपमें से प्रत्येक ने अपने साथ-साथ भारत के लिए यहां सम्मान और नाम कमाया है।हमें आप पर और आपकी सफलता पर गर्व है।

6. एक देश के रूप में,भारत समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाली एक प्राचीन सभ्यता है। मुझे प्रसन्नता है कि भारत से इतनी दूर रहते हुए भी आपने अपनी परंपराओं और त्योहारों का संरक्षण और पोषण किया है। आपने इस वर्ष 21 जून को कोनाक्री में बहुत धूम-धाम के साथ ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया। अब कोनाक्री में पक्‍के तौर पर हमारे दूतावास की स्‍थापना हो जाने के बाद,भारत और गिनी के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए आप और भी बहुत कुछ कर सकते हैं। इस वर्ष हम अपने राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। हम आशा करते हैं इस आयोजन को कोनाक्री में सफल बनाने में आपकी अच्छी भागीदारी और समर्थन रहेगा।

देवियो और सज्जनो,

7. आप जानते ही हैं किहाल ही में भारत में संसदीय चुनाव का आयोजन हुआ। नई सरकार को मजबूत और निर्णायक जनादेश मिला है। इसे ध्यान में रखते हुए,हमने भारत में परिवर्तनकारी बदलावों को लागू करने के अपने प्रयासों में तेजी लाई है। हमने अगले 7 वर्ष में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। आर्थिक प्रगति के साथ-साथ,हम अपने समाज के हर वर्ग को विकास का लाभ उपलब्‍ध कराने और सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। विनिर्माण के लिए ‘मेक इन इंडिया’,डिजिटल संयोजन के लिए ‘डिजिटल इंडिया’,सूक्ष्म-वित्‍तपोषण के लिए‘मुद्रा’ योजना, स्वास्थ्य बीमा के लिए ‘आयुष्मान भारत’ और महिला सशक्‍तीकरण के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के रूप में हमने, समावेशी और सतत विकास के लिए कुछ प्रमुख योजनाएं लागू की हैं। इनके सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं।

8. हम अपने प्रवासी भारतीय समुदाय को अपनी परिवर्तनकारी यात्रा का अभिन्न अंग मानते हैं। गिनी में अपने विचारों,उद्यम और जमीनी उपस्थिति के माध्यम से,आप भारत में प्रगति और विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। हम आपके साथ अपने संपर्कों को भी सुदृढ़ करना चाहते हैं। ‘प्रवासी भारतीय दिवस’,‘भारत को जानिए’ क्विज और ‘भारत को जानो’ कार्यक्रम जैसी हमारी पहलें इस संबंध में सर्वाधिक मददगार रही हैं। हमने पासपोर्ट,दूतावास और ओसीआई सेवाओं का कुशलता पूर्वक उपलब्‍ध कराने के लिए भी उपाय किए हैं। हमारे दूतावासों को जरुरतमंदों के लिए चौबीसों घंटे सेवा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। हमने संकट में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग किया है। वास्तव में, हमने विदेशों में रह रहे अपने भाइयों और बहनों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पिछले 5 वर्षों में,विदेशों में मानवीय आपदाओं और किसी दूसरे प्रकार के संकट में फंसे हुए अन्य 50 देशों के नागरिकों के साथ-साथ लगभग 90,000 से अधिक भारतीयों को हमने बचाया है। जब कभी भी आपको हमारी आवश्यकता होगी,हम दृढ़ता और मजबूती से आपके साथ खड़े होंगे।

देवियो और सज्जनो,

9. मैं फिर से कहना चाहूंगा कि यह जानकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है कि आपने इस देश में अपने लिए एक स्‍थान बनाया और भारत को गौरवान्वित किया। वास्तव में,आप भारत के सच्चे सांस्कृतिक राजदूत रहे हैं। भारत के शांति,सौहार्द और सद्भावना के संदेश को कृपया दुनिया तक पहुंचाते रहें। मैं आपके पेशेवर और व्यक्तिगत प्रयासों में आपकी सफलता की कामना करता हूं।

10. अपना संबोधन समाप्त करने से पहले, मैं आप सभी को आमंत्रित करता हूं कि अगली बार जब आप दिल्‍ली आएं तो राष्‍ट्रपति भवन अवश्‍य आएं। भले ही यह मेरा आधिकारिक निवास हो,लेकिन वह भवन सभी भारतीयों का है। वह हमारी विरासत और गौरव का हिस्सा है।और अंत में,मैं गिनी की सरकार और गिनी के लोगों को उनके प्यार,स्नेह, और एक समुदाय के रूप में आपके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे उम्मीद है कि हमारे देशों और लोगों के बीच मैत्री और आपसी विश्वास का यह बंधन समय के साथ मजबूत होता जाएगा।


धन्यवाद!