सामुदायिक अभिनंदन समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
जिबूती : 03.10.2017
मैं जिबूती के हमारे प्रवासी परिवार से मिलने और उसे संबोधित करने पर स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। मैं आपकी गर्मजोशी और प्रेम से अभिभूत हूं।
जिबूती की यात्रा करने वाला प्रथम भारतीय राष्ट्रपति होना मेरे लिए अत्यंत सम्मान का विषय है।
राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद, भारत के बाहर यह मेरी पहली यात्रा भी है। यह कोई संयोग नहीं है बल्कि हमारी ओर से लिया-गया एक सोचा-समझा निर्णय है। इस सुंदर महाद्वीप के साथ हमारे संबंधों का हमारे हृदय में एक विशेष स्थान है, और हम अफ्रीकी जनता के साथ भाई-चारे के अपने संबंधों को घनिष्ठ बनाने के लिए सदैव प्रतिबद्ध हैं।
मित्रो,
अफ्रीका के साथ भारत की विशेष और स्थायी साझेदारी के बारे में बात करते हुए, मुझे हमारे महानतम प्रवासी महात्मा गांधी की याद आती है, जिनके लिए यह महाद्वीप एक पवित्र धरती थी। क्योंकि यहीं पर, वे मोहनदास कर्मचन्द गांधी से महात्मा बने।
आज दोपहर, जिबूती पहुंचने के कुछ देर बाद ही, मुझे हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान प्रकट करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं, नेल्सन मंडेला स्क्वेयर पर ऐसा कर पाने से यह कार्य और भी विशेष हो गया। इस धरती पर चले-फिरे दो-दो महानतम नेताओं को एक साथ याद करना सचमुच एक नम्रताकारी अनुभव है। मैं, अफ्रीका की अपनी यात्रा की शुरुआत इससे बेहतर ढंग से नहीं कर सकता था।
मित्रो,
भारत और जिबूती के बीच अनादि काल से ऐतिहासिक संबंध और जनता के बीच आपसी संपर्क रहे हैं।
बाब-अल-मन्डाब में कठोर परिश्रम करने वाले हमारे पूर्वजों के किस्से सुविख्यात हैं। उन्होंने सोमाली और अफार व्यापारियों के साथ संबंध जोड़े; अरब व्यापारियों के साथ विचारों और वाणिज्य का आदान-प्रदान किया। मैं आपको यह किस्सा इसलिए सुना रहा हूं कि अंदाजा लग सके कि कभी अफ्रीका के साथ हमारे समुद्री संपर्क कितने मजबूत थे। हमें अब इस साझे इतिहास और अस्मिता को पुन: प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
हमारी साझी विरासत को केवल पुराने संबंधो के वास्ते ही नहीं बल्कि एक सम-सामाजिक साझेदारी निर्मित करने के लिए भी पुनर्जीवित करने के लिए बहुत प्रयासों की आवश्यकता है। समुद्री अर्थव्यवस्था और हिन्द महासागर की गहराइयों में सतत भविष्य का निर्माण करने की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। इसके उष्ण सागरों से साझी सुरक्षा चुनौतियां भी पैदा होती हैं।
हमें जोड़ने वाले मध्यसागर का नाम भले ही हिन्द महासागर हो परन्तु यह महासागर सभी का है। जिस प्रकार इसने हमें सदियों पहले जोड़ा था, उसी प्रकार हमें एक साथ लाने का काम भी यह महासागर करे।
मित्रो, जिबूती के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंधों से हमें एक बहुआयामी साझेदारी के निर्माण में बहुत आसानी हुई है। हालांकि हमने दोनों सरकार के बीच के रिश्तों को बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास किया है; लेकिन यहां उपस्थित आप सभी लोग इस साझेदारी के असली संरक्षक रहे हैं।
मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि चाहे व्यापारियों के रूप में हो यापेशेवरों या कुशल कामगारों के रूप में, आपने जिबूती को अपना घर बनाया है और ऐसा करते हुए आपने अपने आसपास लोगों के प्रति नि:स्वार्थ और समर्पित सेवा की भावना दर्शाई है।
आपने स्थानीय समुदाय के लिए सहयोग का सूत्र बनकर और हमारे लिए गर्व का जरिया बनते हुए, अपनी परंपराओं, पारिवारिक मूल्यों और मजबूत कार्य निष्ठा को सहेजते हुए, अपनाए हुए घर में स्वयं को भली-भांति ढाल लिया है।
जहां आप अपने मेले और त्योहार मनाते हैं और उन्हें संरक्षित करते हैं, वहीं आपको चाहिए कि अपने जिबूती मित्रों पर अपने त्योहारों का रंग और सौहार्द भी बिखेरें। आपको उनके साथ अपनी संस्कृति और कहानियां साझी करनी चाहिए।
किसी दिन मैं आपके साथ होली के रंग बिखेरने या नवरात्रि की आरती की ज्योत जलाने के लिए जिबूती आऊंगा। मुझे उम्मीद है कि आप मुझे आमंत्रित तो करेंगे ही!
चाहे गुजराती हो, पंजाबी हो, तमिल हो, मलयालम हो या हिन्दी हो, हम भारतीयों को अपनी भाषाओं पर अत्यधिक गर्व है। मुझे वास्तव में खुशी है कि यहां का इंडियन स्कूल हमारी युवा पीढ़ियों में यह भाषा सिखा रहा है।
मित्रो,
आपके लिए मेरा यह संदेश है कि भले ही अपनी सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए हमारे पास राजदूत हों, राजनयिक हो, आप सभी हमारे राष्ट्र के राजदूत या प्रतिनिधि हैं। विश्व भर में निवास कर रहा प्रत्येक भारतीय भारत का प्रतिनिधि है क्योंकि वही ऐसा व्यक्ति है जो भारत के लोकाचार और उसकी खूबियों को समझने में दुनिया की मदद करता या करती है।
भारत के उत्थान से सहयोग के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। भारत और दुनिया के बीच सेतु निर्मित करने में हमारे प्रवासी समुदाय की अहम भूमिका है।
भारत उच्च विकास के पथ पर अग्रसर है। हमारे देश में आशावाद और उत्साह का वातावरण है। हमने जनसाधारण के जीवन को बदलने का काम शुरू किया है; यह कामसुदूर भविष्य में नहीं बल्कि अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर वर्ष 2022 तक पूरा करना है।
हम, डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवाचार और स्वच्छ उर्जा के जरिए, अपने विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। तेज गति की रेल से लेकर उच्च गति फाइबर ऑप्टिक तक, हम अपने लोगों को सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान करना चाहते हैं। हमारे अग्रणी कार्यक्रम- ‘स्वच्छ भारत’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ अच्छी प्रगति कर रहे हैं।
हमारी वित्तीय समावेशन योजना ‘जन धन योजना’ में 300 मिलियन से अधिक गरीब लोगों को औपचारिक बैंकिंग सुविधा प्रदान की गई है।
आर्थिक सशक्तीकरण के साथ-साथ हम अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए भी उतने ही सजग हैं। हमारी उज्ज्वला योजना में अब तक 29 मिलियन से अधिक ग्रामीण महिलाओं को खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन उपलब्ध करवाया गया। जलाने की लकड़ी इकट्ठी करना और सांस द्वारा जानलेवा धुआं अंदर लेना अब उनके लिए पुरानी बात हो गई है।
विकास के प्रति हमारा नजरिया यह रहा है कि इसमें सुशासन जुड़ा रहे। भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ना और प्रत्येक व्यक्ति को उसका हक देना हमारे लिए आस्था का विषय है।
मित्रो,
हम अपने प्रवासी समुदाय के साथ पहले से ज्यादा निकट आना और जुड़ना चाहते हैं।
सोशल मीडिया के प्रयोग के जरिए, लोगों के लिए सरकार तक पहुंचना हमने आसान बना दिया है। हमने कौंसुल संबंधी शिकायतों पर ध्यान देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल ‘मदद’ शुरू किया है। आज हमारे दूतावास, विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय का घर हैं। यह हमारे लिए बहुत खुशी और संतोष की बात है।
आज, पहले से कहीं अधिक, तथा किसी और जगह से ज्यादा यहां जिबूती में आपको पता चलेगा कि आपकी मदद के लिए भारत यहां मौजूद है। जिबूती में चलाया गया हमारा ‘ऑपरेशन राहत’ विदेश में बसे हमारे लोगों के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को उजागर करता है। सहयोग करने और हमारा साथ देने के लिए हम जिबूती सरकार के प्रति आभारी हैं।
लगभग 40 देशों के 2000 नागरिकों सहित 5000 भारतीय नागरिकों को बाहर निकालने का कार्य आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता था। मैं यहां उपस्थित हमारे ओनरेरी कौंसुल श्री नलिन कोठारी, उनकी टीम और यहां के भारतीय समुदाय की भूमिका की विशेष रूप से सराहना करता हूं। मैं आपको बताना चाहूंगा कि ऑपरेशन राहत के कारण हमें विश्व समुदाय से स्थायी सम्मान और प्रशंसा प्राप्त हुई है।
यह ऑपरेशन केवल शुरूआत भर थी। चाहे लंदन में मुसीबतज़दा महिलाएं हों या कैरिबियन द्वीप समूह में समुद्री तूफान में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की जरूरत का मामला हो, आज, हम सभी जरूरतमंदों तक अपनी पहुंच बना रहे हैं।
मित्रो,
मैं, मैत्री और एकता के संदेश के साथ जिबूती आया हूं। मैंने देश के नेतृत्व को इस बंधुत्ववादी देश के साथ संबंध मजबूत बनाने का महत्व समझाया है। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा से दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग का एक नया अध्याय खुलेगा।
मैं, आपको नए भारत, जो हमारे राष्ट्र-निर्माताओं संस्थापकों की संकल्पना से प्रेरित है और जो अपनी जनता की आकांक्षाओं को साकार करने के प्रति कृत संकल्पित है, के उत्थान में अपने साथ साझेदारी के लिए आमंत्रित करता हूं।
और ऐसा करने हुए, मुझे एक अफ्रीकी कहावत याद आ रही है, ‘‘अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलो, लेकिन यदि अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं, तो मिलकर चलो। मैं यह विचार आपको सौंपता हूं।’’ आप इस पर विचार करें।
आज यहां आने के लिए मैं आप सभी कोधन्यवाद देता हूं। मैं आपको और आपके परिवार को अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की शुभकामनाएं देता हूं।