Back

वायुसेना स्टेशन, हाकिमपेट और 5 बेस रिपेयर डिपो को निशान प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा सम्बोधन

वायुसेना स्टेशन : 04.03.2019

Download PDF

1. आज यहां वायुसेना स्टेशन, सुलूर में वायुसेना स्टेशन, हाकिमपेट और 5 बेस रिपेयर डिपोको निशान प्रदान करने पर मुझे प्रसन्नता हो रही है।

2. पेशेवर उत्कृष्टता का इन दोनों स्टेशनों का समृद्ध इतिहास है और इन्होंने शांति और युद्ध के दौरान सम्मान और गौरव के साथ राष्ट्र की सेवा की है। राष्ट्र आज उनकी निस्वार्थ कर्तव्यनिष्ठा, पेशेवर रवैये और प्रतिकूल परिस्थितियों में साहस दर्शाने के लिए कृतज्ञता और सराहना की गहरी भावना के साथ उनका सम्मान करता है।

3. दुनिया के राष्ट्रों के बीच भारत का बढ़ता क़द हमारे सशस्त्र बलों की शक्ति और क्षमताओं के अनुरूप है। भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है,लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी पूरी ताक़त का प्रयोग करेंगे। मुझे विश्वास है कि सशस्त्र बलों के हमारे बहादुर पुरुष और महिलाएँ समय की कसौटी पर खरे उतरेंगे। यहां उपस्थित हमारे वायु योद्धाओं द्वारा पेश की गई मिसाल में, राष्ट्र की रक्षा के हमारे दृढ़ संकल्प की झलक देखी जा सकती है। उनका शौर्य और पेशेवर रवैया हाल ही में तब स्पष्ट सामने आया,जब भारतीय वायु सेना ने एक ज्ञात आतंकवादी शिविर पर प्रतिरक्षात्मक हमले को अंजाम दिया।

4. भारतीय वायु सेना समय के साथ आगे बढ़ते हुए उत्कृष्टता और व्यावसायिकता के लिए अपनी प्रतिबद्धता से परिपूर्ण आधुनिक, प्रौद्योगिकी से लैस सैन्‍य बल बन गई है। समकालीन आविष्‍कारों की मांगों के साथ तालमेल बनाए रखते हुए, भारतीय वायु सेना का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है और आधुनिकीकरण की एक अति व्‍यापक योजना चलाई जा रही है। हमारे देश की संप्रभु वायु सीमा की सुरक्षा के अलावा,भारतीय वायु सेना मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में भी आगे-आगे रही है। हमारे बहादुर वायु योद्धाओं द्वारा प्रदर्शित समुत्थान-शक्ति और दृढ़ता पूरे राष्ट्र के लिए गौरव का विषय है।

5. हमारे वायुयानों को प्रचालन के मानकों के अनुरुप बनाए रखने का कार्य महत्‍वपूर्ण है। इस संबंध में, 5 बेस रिपेयर डिपो ‘किरण, एवरो और डॉर्नियर’ विमानों की मरम्मत और रखरखाव का काम करता आ रहा है;इन विमानों में से कई विमान तो 30 साल बाद भी प्रचालन सक्षम बने हुए हैं। आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए इस बेस रिपेयर डिपो द्वारा अपनाए गए स्वदेशीकरण के कई अनोखे उपायों ने संगठनात्मक क्षमता को बढ़ाने की दिशा में प्रभावी योगदान दिया है। 5 बेस रिपेयर डिपो ने नए विचारों, नवाचारों और प्रौद्योगिकीय विकास के सन्निवेश के माध्यम से निरंतर पुनरुद्धार कार्य संपन्‍न करते हुए अपने आदर्श वाक्य 'काया कल्प' को सही मायने में प्रमाणित किया है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत काफी हद तक आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन और रक्षा विकास को बढ़ावा देने के बेस रिपेयर डिपो के प्रयास प्रशंसनीय हैं।

6. वायु सेना स्टेशन हाकिमपेट ने शानदार तरीके से राष्ट्र की सेवा की है। यह स्टेशन भारतीय वायु सेना के पायलटों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करता आ रहा है। पायलटों द्वारा स्थापित मजबूत नींव से ही उच्च प्रदर्शन वाले विमान में उनकी सफल क्रमिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। वर्ष 1965 और 1971के युद्धों के दौरान, स्टेशन के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और तकनीकी कर्मी परिचालन इकाई में शामिल हो गए और उन्होंने उल्लेखनीय साहस और पेशेवराना तौर पर अपनी सेवाएं दीं।

7. 1995 में हेलिकॉप्टर स्ट्रीम में और 2016 में फाइटर स्ट्रीम में महिला पायलटों के लिए उड़ान प्रशिक्षण शुरू करने का श्रेय भी एयर फोर्स स्टेशन, हाकिमपेट को जाता है। स्टेशन के कार्मिक विभिन्न मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों में भी शामिल रहे हैं।

8. इन सबके उत्कृष्ट प्रदर्शन की स्‍वीकृति और मान्यता के लिए, वायु सेना स्टेशन, हाकिमपेट और 5 बेस रिपेयर डिपो को निशान प्रदान करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। मैं निस्वार्थ बलिदान और राष्‍ट्र सेवा के लिए, दोनों स्टेशनों, के पूर्व और वर्तमान कार्मिकों तथा उनके परिजनों की प्रशंसा करता हूं। राष्ट्र को आप पर वास्तव में गर्व है। मैं आपके और आपके परिवारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

जय हिन्द!