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भारतीय समुदाय और फ्रेंड्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित स्‍वागत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द का संबोधन

सोफिया : 04.09.2018

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1. आप सभी से मिलकर बल्‍गारिया की अपनी राजकीय यात्रा शुरू करके मुझे अपार प्रसन्नता हुई है। इतनी गर्मजोशी और अपनत्‍व के साथ आपके द्वारा किए गए स्‍वागत से मैं अभिभूत हूं। यह भारत और बल्गारिया के बीच मैत्री, इतिहास और संस्कृति के स्थाई संबंधों का प्रमाण है। मैं आपके हार्दिक और भव्य स्वागत के लिए आपको धन्यवाद देता हूं।

2. भारत-बल्गारिया मैत्री बहुत ही विशेष है। हमारे संबंध परिपक्‍व और पुरातन हैं। हमारी संस्कृतियों में परस्‍पर आश्‍चर्यजनक समानताएं हैं और हमारे बीच घनिष्ठ एवं स्‍थायी संपर्क भी रहे हैं। आप किसी बल्गारियाई से मिलेंगे तो वह आपको बताएगा कि पारंपरिक बल्गारियाई संगीत से बहुत नजदीकी से जुड़ा हुआ संगीत भारतीय संगीत ही है। हम भारतीय आपके क्रांतिकारी जॉर्जी राकोवस्की द्वारा हमारी स्वतंत्रता के प्रति दिए गए समर्थन के लिए सदैव उनके आभारी रहेंगे। उनके सम्मान में हमने दिल्ली के एक विद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया है। महान बल्गारियाई चित्रकार बोरिस जॉर्जीव महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे। हमारे महान कवि रवीन्‍द्रनाथ टैगोर ने 1926 में बुल्गारिया की यात्रा की थी और हमारे सांस्कृतिक संबंधों में एक और अध्याय जोड़ा था।

3. मैं, हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए कल राष्ट्रपति रादेव से अपनी मुलाक़ात की प्रतीक्षा कर रहा हूं। कल 5 सितंबर का दिवस, मेरे विख्यात एवं विद्वान पूर्ववर्ती डॉ. राधाकृष्णन का जन्म दिवस है। उनके सम्मान में भारत में यह दिवस,‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। मुझे खुशी है कि इस विशेष दिन मैं सोफिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित करूंगा। मैं सोफिया के साउथ पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण की भी उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा हूं। अब से एक महीने से भी कम समय यानी 2अक्टूबर को हम उनकी 150वीं जयंती का विश्वव्यापी महोत्सव आरंभ करने जा रहे हैं। मैं उनके जीवन और विरासत के प्रचार-प्रसार में आपके उन्मुक्‍त सहयोग की कामना करता हूं।

4. इस विशिष्ट जनसमूह में जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों के भारतीय उपस्थित हैं। वे पेशेवर, विद्यार्थी, शोधार्थी और कारोबारी के रूप में यहां मौजूद हैं। आप में से कुछ लोग दशकों पहले इस देश में आए होंगे जबकि अन्‍य लोग कुछ वर्ष पहले ही यहां आए होंगे। लेकिन एक ऐसा साझा सूत्र है जो हम सभी को एक-दूसरे से जोड़ता है और सूत्र है-यह हमारी साझी संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत का। मुझे खुशी है कि आपने इस देश में हमारी परंपराओं और पर्वों को जीवित रखा है। परंतु वास्तव में जिस प्रकार हमारे बल्‍गारियाई मित्र हमारी संस्कृति और लोकाचार की सराहना करते हैं, वह सबसे ज्यादा ह्दयस्पर्शी बात है।

देवियों और सज्जनों,

5. मैं जानता हूं कि आप भारत के घटनाक्रम पर बारीकी से गौर करते हैं। हमने देश के समावेशी विकास और सुशासन की संकल्पना के नए उद्देश्य और स्‍पष्‍टता के लिए अनेक परिवर्तनकारी नीतिगत उपाय शुरू किए हैं। हमने अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा प्रदान की है। इसके परिणाम आपके सामने हैं। भारत 8.2% की वर्तमान विकास दर के साथ विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था है। हम 2025 तक 5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था और विश्व का तीसरा विशालतम उपभोक्ता बाजार बनने की दिशा में मजबूती से अग्रसर हैं। भारत के साथ विश्व का जुड़ाव एक नई ऊंचाई पर है।विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के नवीनतम अनुमानों के मुताबिक, 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8% की विकास दर के साथ गतिशील रहेगी। भारत ने सर्वाधिक विश्वसनीय सरकारों की विश्व आर्थिक मंच की 2017 की सूची में, तीसरा स्थान प्राप्त किया और हम विगत कुछ वर्षों के दौरान विश्व बैंक की कारोबार सुगमता सूची में 42 स्थान ऊपर आ गए हैं। यह बढ़ता हुआ भारत है, यह प्रगतिशील भारत है।

6. हमने लीक से हटकर अनेक आर्थिक सुधार किए हैं। वस्तु और सेवा कर ने भारत के इतिहास में पहली बार एकल एकीकृत बाजार की स्‍थापना की है। भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी क्रांति में अपना योगदान दे रहा है और उसकी शुरुआत का साक्षी बन रहा है, जिससे अपने नागरिकों के साथ हमारी सरकार के संबंधों के तौर-तरीके में परिवर्तन आ रहा है।‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम देश की जन सेवा संदाय की तस्वीर बदल रहा है। निर्धनता उन्मूलन और सभी के लिए साझी समृद्धि हमारा मिशन बन चुकी है। हमने सूक्ष्म वित्त योजना, ‘मुद्रा’ के अंतर्गत उद्यमिता को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के लिए 90 बिलियन अमरीकी डॉलर मूल्‍य के 128 मिलियन ऋणों का वितरण किया है। इनमें से 74% लाभार्थी महिलाएं हैं। हमने अपने नागरिकों के लिए किफायती और समावेशी स्वास्थ्यचर्या प्रदान करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। हमारे महत्वाकांक्षी स्वास्थ्यचर्या कार्यक्रम ‘आयुष्मान भारत’ का लक्ष्य हमारी आबादी के 40% हिस्से को प्रभावी तरीके से अपने दायरे में लाकर 500 मिलियन लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाना है।

7. आज भारत में एक नया आत्‍मविश्‍वास दिखाई दे रहा है। हमारे युवा, विचारों और ऊर्जा से भरपूर हैं। हम नवान्वेषण को आगे बढ़ा रहे हैं, रोजगार सृजित कर रहे हैं और लोगों को कौशल प्रदान कर रहे हैं। और हम स्वच्छ ऊर्जा पथ पर आगे बढ़ने और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के मामले में विश्व की अगुआई कर रहे हैं। हमारे वैज्ञानिक और नवान्वेषक नए सीमान्‍तों चाहे मंगल ग्रह पर हमारा अंतरिक्ष मिशन हो या ग्रामीण इलाकों में हाइड्रोपोनिक प्रौद्योगिकियों की स्थापना करना हो, पर चुनौतीपूर्ण कार्यकर रहे हैं।

देवियों और सज्जनों,

8. बल्गारिया ने समृद्धि की दिशा में तेजी से प्रगति की है और दोनों देश अपने-अपने विकास और प्रगति में एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं। हम दोनों की सर्वाधिक मजबूत संपत्ति हमारी जनता है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और सह्दयता हमारे राष्ट्र की आधारशिला रही है। और वे परस्‍पर ऐसे विस्‍मयकारी संबंधों से जुड़े हुए हैं जो सदियँ गुज़र जाने पर भी अभी तक कायम है।

9. बल्‍गारिया में अवस्थित भारतीय प्रवासी समुदाय हमारे दोनों देशों के बीच एक सजीव सेतु है। आप संख्‍या में कम हो सकते हैं परंतु आपने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दिया है। आप भारत की समृद्ध विविधता, सांस्‍कृतिक विरासत और परम्‍पराओं का सच्‍चा प्रतिबिंब है। हम आपको भारत का सांस्कृतिक राजूदत मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि आप भारत के सौंदर्य और लोकाचार को दूर-दूर तक प्रसारित करेंगे।

10. मैं बलगारिया के ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ की गहरी सराहना करता हूं जिन्‍होंने भारत के प्रति अपने गहरी प्रतिबद्धता और प्रेम के जरिए सांस्कृतिक और शैक्षिक संस्थाओं योग विद्यालयों और आयुर्वेद केन्‍द्रों एक अद्भुत नेटवर्क तैयार किया है मैं आपके वार्षिक प्रकाशन ‘स्‍वेतीलनिक’ की भी सराहना करता हूं जो सभी भारतीयों से जुड़ी हर वस्‍तु के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।

11. सोफिया विश्वविद्यालय का भारत-विद्या विभाग पिछले 35 वर्षों से इस देश में भारतीय भाषाओं, दर्शन, इतिहास और संस्कृति के बारे में जागरुकता फैलाने का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। मुझे जानकर खुशी हुई कि इसके विद्वानों ने इस वर्ष प्रमुख उपनिषदों में से आठ को का संस्कृत से बलगारिया ही भाषा में अनुवाद किया है मैं इस अवसर पर, हाल ही में मॉरीशस में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन में विश्व हिंदी पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विभाग की प्रोफेसर गलीना सोको लोवो को बधाई देता हूं।

देवियों और सज्जनों,

12. हमारी प्रवासी समुदाय संबंधी नीति और संपर्क विस्‍तार में एक नया जोश आया है। हमने आपको भारत के साथ बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। हमने अपने अधिक से अधिक भारतवंशी लोगों को अपने पूर्वजों की भूमि के साथ जोड़ने के लिए अपनी ‘ओसीआई’ योजना को सरल बनाया है हम यह भी चाहते हैं कि आपके बच्चे भारत के युवाओं के साथ जुड़ें। हमने हमारे प्रवासी समुदाय के युवाओं को परस्‍पर मिलाने और भारत की जानकारी देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम ‘दनो इंडिया प्रोग्राम’ भी शुरु किया है। आपको इसका फायदा उठाना चाहिए।

13. और इतना ही नहीं, हमने हमारे प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए एक ही स्थान पर संसाधन केन्‍द्र के रूप में नई दिल्ली में एक नई सुविधा ‘प्रवासी भारतीय केन्‍द्र’ का भी सृजन किया है। यह भारत में आपका थाई बसेरा है। इस केन्‍द्र की यात्रा करें और देखें कि आप इसकी प्रगति और विकास में कैसे योगदान कर सकते हैं। मैं अगले वर्ष21 से 23जनवरी तक वाराणसी में आयोजित होने वाले ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ के लिए भी आपको आमंत्रित करता हूं।

14. हमें आप पर और आपकी उपलब्धियों पर गर्व है। नि:संदेह आपने यहां बढ़िया प्रदर्शन किया है, परंतु भारत में आपके लिए असीम अवसर प्रतीक्षा कर रहे हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि भारत के साथ अपने संबंधों को केवल भावनात्मक संबंधों तक ही सीमित न रखें बल्कि एक कदम आगे बढ़ाएं। आज भारत उन लोगों के लिए अवसरों की भूमि है जो भारत से जुड़ना चाहते हैं, नवाचार करना चाहते हैं, व्यापार और निवेश करना चाहते हैं। हम भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में आपकी सहभागिता का स्वागत करते हैं। एक उदीयमान भारत आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।

15. आपके साथ बातचीत करके मुझे बहुत खुशी हुई है। मैं आपको और आपके परिवार को शुभकामनाएं देता हूं। और मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि जब भी आप भारत आएं, राष्ट्रपति भवन जरूर आएं। यह मेरा आधिकारिक आवास हो सकता है, परंतु सबसे पहले और सबसे बढ़कर यह आपका है और समूचे राष्ट्र का है। आप भारत और बल्‍गारिया की प्रगति और समृद्धि के लिए कार्य करते रहें।

ब्लागोदारिया वुई

धन्यवाद!