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राष्ट्रपति के सैन्य विंग अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 05.08.2017

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आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे अत्यंत खुशी हो रही है। आप सभी एक ऐसी व्यवस्था के अंग हैं जिस पर पूरा भारत गर्व करता है। पूरा देश राष्ट्रपति भवन की ओर बहुत आशा और विश्वास के साथ देखता है। राष्ट्रपति भवन केवल पत्थर व स्टील से निर्मित एक भवन नहीं है। इसका अस्तित्व इस भवन में काम करने वाले लोगों पर टिका हुआ है। भारत के हर नागरिक को हम सबसे बहुत उम्मीदें हैं। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। भारत का हर एक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करके देश को मजबूत बनाता है।

इसलिए अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाकर हमें भारत की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करनी चाहिए।

अकसर हम अपने अधिकारों को ज्यादा महत्व देते हैं। हम यह भूल जाते हैं कि हमारे कर्तव्य क्या हैं?हमें अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों पर जोर देना चाहिए ताकि हम देश को एक नए आयाम पर ले जाने में कामयाब हो सकें। हमें अपने जीवन में त्याग, संयम और अनुशासन पैदा करने की जरूरत है। देश के जिन महापुरुषों ने इतिहास बनाया है,यदि हम उनके जीवन पर गौर करें तो यह पता चलेगा कि उन्होंने अपने अधिकारों पर नहीं बल्कि अपने कर्तव्यों पर ज्यादा ध्यान दिया। हमें उनके जीवन और कार्यों से सीखना चाहिए।

हम सबको और अधिक निष्ठावान,ईमानदार और मेहनती बनना होगा। देश की उन्नति के कार्य में सभी का योगदान होना चाहिए। इसलिए हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा।

मुझे उम्मीद है कि हम सभी,ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम करते हुए राष्ट्रपति भवन की गरिमा बनाए रखने में और देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने का सतत प्रयास करते रहेंगे। हम सबके लिए यही राष्ट्र सेवा है,यही राष्ट्र निर्माण है।

आइए, नए विश्वास और उत्साह के साथ देश के निर्माण के पथ पर आगे बढ़ते रहें। मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ हैं।


बहुत-बहुत धन्यवाद,

जय हिंद

वंदे मातरम्