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भारत कारोबार मंच की 12वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत-इथियोपिया कारोबार संवाद में भारत के राष्ट्रपति का संबोधन

अदीस अबाबा : 05.10.2017

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भारत-इथियोपिया कारोबार संवाद और युगों पुराने संबंधों के उत्तराधिकारी कारोबारी समुदाय को संबोधित करने के लिए यहां उपस्थित होने पर मुझे खुशी हो रही है।

इथियोपिया और भारत युवा जनसंख्या वाली पुरानी सभ्यताएं हैं। इथियोपिया मानवता की विकास-भूमि है। आज सुबह इस शहर के राष्ट्रीय संग्रहालय में मुझे लूसी, जो एक प्रकार से हम सभी की जननी है, के अवशेषों की झलक पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। ऐसा अकारण नहीं है कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में पदग्रहण करने के बाद भारत के घनिष्ठ मित्र और सहोदरा सभ्यता के देश इथियोपिया को मेरी पहली विदेश यात्रा में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है।

हमारे देश सदियों से एक दूसरे के साथ व्यापार कर रहे हैं। इथियोपिया और भारत के बीच व्यापार संबंध पहली शताब्दी ईसवी से प्राचीन अक्सूय एक्ज्यूमाइट साम्राज्य के दौरान फले-फूले। सोना और हाथी दांत के बदले रेशम और मसाला लेकर परस्पर व्यापार करने के लिए लाल सागर के प्राचीन बंदरगाह एडुलिस पर भारतीय व्यापारियों का आगमन, हमारे द्विपक्षीय संबंधों का शुरुआती दर्ज प्रमाण है।

19वीं शताब्दी में इथियोपिया में भारतीय निवेश करने में अग्रणी हमारे पश्चिम राज्य गुजरात के कारोबारी थे जो इस समृद्ध और उपजाऊ देश में आकर बस गए।

हाल के वर्षों में इथियोपिया का उल्लेखनीय आर्थिक विकास और प्रगति, विश्व में सराहना का विषय रहा है और मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि व्यापार और वाणिज्य, निवेश और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान तथा इथियोपिया में मौजूद विशाल और सक्रिय भारतीय कारोबारी समुदाय के जरिए इस विकास में भारत एक साझीदार रहा है।

मैं इस समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय कारोबार मंच को बधाई देता हूं। भारत और इथियोपिया के बीच व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने और भारतीय निवेश को प्रोत्साहित करने में यह मंच, प्रमुख भूमिका निभा रहा है। मैं समझता हूं कि भारतीय व्यापार मंच की स्थापना 2005 में हुई और यह अपनी 12वीं वर्षगांठ मना रहा है। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई कि यह मंच इथियोपिया में अपनी तरह का पहला साझीदार-देश मंच है और 100 से अधिक भारतीय कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत अब इथियोपिया में सर्वोच्च तीन विदेशी निवेशकों में शामिल है। भारतीय निवेश ने वस्त्र निर्माण और कपड़े, इंजीनियरी, प्लास्टिक, जल प्रबंधन, परामर्श और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, शिक्षा, औषधि निर्माण और स्वास्थ्यचर्या में अपनी छाप छोड़ी है। इथियोपिया में भारतीय निवेश ने विनिर्माण और स्थानीय संसाधनों के मूल्य-संवर्धन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मौजूदगी दर्ज की है। उन्होंने इस देश में रोजगार पैदा किया है और इथियोपियाई परिवारों की समृद्धि में योगदान दिया है।

इथियोपिया अफ्रीका महाद्वीप में, विद्युत पारेषण और शर्करा उत्पादान परियोजनाओं के लिए एक बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक भारतीय रियायती ऋण का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता देश रहा है। मुझे यह जानकार खुशी हुई कि फिनचा शर्करा उत्पादन चीनी परियोजना पूरी हो गई है और इथियोपियाई पक्ष को सौंप दी गई है। शर्करा क्षेत्र की अन्य दो परियोजनाओं में भी उत्पादन शुरू हो गया है और वे भी बड़ी जल्दी सौंप दी जाएंगी।

यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि यहां भारतीय निवेश की सराहना की गई है और इसे अनुकरणीय उदाहरण माना गया है। इस संबंध में, मैं भारतीय कारोबार मंच और इसके सदस्यों के प्रयासों की प्रशंसा करता हूं। आप इथियोपिया के लोगों और कारोबारी हितधारकों के प्रति ईमानदार और वफादार साझीदार तथा अपने देश के श्रेष्ठ दूत रहे हैं। हम भारतीय आप पर गर्व करते हैं।

मित्रो,

इथियोपिया के साथ भारत की द्विपक्षीय साझेदारी गहरी और व्यापक है। पिछले सात दशकों में हमारे राजनयिक उपक्रमों की बदौलत मानव कार्यकलाप के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में सहयोग करने में मदद हमें मिली है। हमारी दोनों सरकारों ने निकट भविष्य में व्यापार और आर्थिक संबंधों को प्राथमिकता में रखा है। आर्थिक संबंधों में व्यापार, निजी निवेश, ढांचागत परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण तथा अधिकांशतः क्षमता निर्माण के लिए विकास सहायता शामिल हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था एक रोमांचक यात्रा की शुरुआती अवस्था में है। ‘वस्तु और सेवा कर’ की शुरुआत जैसे महत्वाकांक्षी नीतिगत उपायों से भारत में कारोबार करना आसान हो गया है। ‘वस्तु और सेवा कर’ ने अनेक राज्यों और कर अधिकार क्षेत्रों में बंटे हुए भारतीय बाजार को एकजुट किया है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ जैसे हमारे अग्रणी कार्यक्रमों के तहत हमने विश्व भर से प्रौद्योगिकी, निवेश और सर्वोत्तम पद्धतियां आकर्षित करने के ठोस प्रयास किए हैं।

हमारे कार्यक्रम हमारे युवाओं को कौशलयुक्त बनाने और सभी को आवास मुहैया कराने जैसे सामाजिक क्षेत्र की ओर उन्मुख हैं तथा विशाल ढांचागत कार्यक्रम नए अवसर पैदा कर रहे हैं और तीव्र विकास की संभावना तैयार कर रहे हैं। हम स्वेच्छा से प्रौद्योगिकी और डिजिटल समाधान भी अपना रहे हैं और इनका प्रयोग अपने सर्वाधिक पिछड़े हुए नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं।

इन सुधारों और उपक्रमों का लक्ष्य देश का कायापलट करना और नए भारत की नींव रखना है। तथापि, हम दोनों विश्वभर से और खासकर इथियोपिया जैसे साझीदार विकासशील देशों से बहुत कुछ सीख सकते हैं और परस्पर आदान-प्रदान कर सकते हैं। मैं अपने विश्व मित्रों से कहना चाहूंगा कि भारत के साथ जुड़ने का इससे बेहतर समय और कोई नहीं हो सकता।

इथियोपिया और भारत दोनों की आबादी युवा है। हमारे युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। परंतु उनकी क्षमता को साकार करने के लिए हमें उन्हें शिक्षित बनाने और निरंतर जटिल होते जाते विश्व में उपयोगी बनाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने की जरूरत है। आखिरकार, 21वीं शताब्दी की अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए मानव संसाधन का सृजन करने और उसे 21वीं शताब्दी की आर्थिक वास्तविकताओं के लिए तैयार करने की जरूरत है।

इसी प्रकार के जनसांख्यिकीय स्वरूप के साथ-साथ, इथियोपिया और भारत को हमारी आबादी के स्वास्थ्य और सेहत से संबंधित एक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत, इथियोपिया सहित अफ्रीका के लोगों के लिए किफाइती औषध जेनेरिक दवाओं और विशिष्ट स्वास्थ्यचर्या का स्रोत रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्यचर्या, इथियोपिया के साथ हमारे संबंधों के प्रमुख क्षेत्र बने रहेंगे।

मित्रो,

इस कारोबार संवाद ने हमारे कारोबारी समुदायों के बीच के अंतराल को पाटने में हमारी मदद की है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चाहे वीजा नीतियों का मामला हो, बैंकिंग प्रक्रियाओं और कानूनों का क्षेत्र हो या सीमा शुल्क विनियमों और पद्धतियों का क्षेत्र हो-दोनों सरकारों ने उन कार्यों की पहचान की है जिनसे हमारे बीच निवेश और व्यापार अधिक सुचारू बन सकता है।

हम दोनों देशों की सरकारें एक अनुकूल माहौल बनाना चाहती हैं। इसके लिए हम आज अपने कारोबारी समुदायों द्वारा की गई विशिष्ट सिफारिशों को महत्व देते हैं।

इथियोपिया के साथ भारत के संबंध अफ्रीकी महाद्वीप, जिसका अदीस अबाबा एक महत्वपूर्ण केन्द्र है, के साथ रिश्तों का प्रतीक हैं। 2015 में नई दिल्ली में तृतीय भारत अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन में हमने अगले पांच वर्षों में अफ्रीका को दस बिलियन अमरीकी डॉलर का रियायती ऋण देने की घोषणा की थी। यह वर्तमान ऋण कार्यक्रम के अतिरिक्त है। हमने 600 मिलियन अमरीकी डालर की अनुदान सहायता का भी वादा किया है जिसमें 100 मिलियन अमरीकी डॉलर का भारत-अफ्रीका विकास निधि और 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की भारत-अफ्रीका स्वास्थ्य निधि शामिल है। एशिया-अफ्रीका विकास गलियारा एक अन्य पहल है, जो संभावनाओं से भरी हुई है।

मैं आपको इन योजनाओं में साझीदार बनने और इनसे लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करता हूं। यह महत्वपूर्ण है कि ऐसी विशाल परियोजनाओं को पारदर्शी ढंग से तैयार किया जाए और स्थानीय समुदाय इनसे समृद्ध बने। अंत में यही कहना है कि व्यापार और निवेश उस स्थिति में ही सर्वोत्तम रूप से कार्य करते हैं जब मेजबान समुदायों और लोगों की इनसे वास्तविक मदद होती है।

इथियोपिया के चिरस्थायी साझीदार के रूप में, भारत आपकी विकास गाथा के प्रति आशावादी रहा है और उसने इसमें निवेश किया है। हम हल्के विनिर्माण से लेकर खाद्य प्रसंस्करण, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर स्वास्थ्यचर्या जैसे क्षेत्रों में तथा दोनों देशों के लोगों और संस्थाओं की क्षमता निर्माण के मामले में हमारी असंख्य सहक्रियाओं अनेक सहयोग और पूरकताओं की बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं। आज हमने नवान्वेषण और प्रौद्योगिकी में साझीदारों के रूप में नई शुरुआत की है। हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों से प्रेरणा प्राप्त करते हुए भारत और इथियोपिया के बीच संबंधों के आगे बढ़ने की कोई सीमा नहीं है।

अंत में, यथार्थ के धरातल पर लौटते हुए मैं इथियोपिया और भारत से आग्रह करूंगा कि वे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और मौद्रिक संचालन संस्थाओं के सुधार के लिए मिलकर कार्य करें और उन्हें हमारे युग के अनुरुप प्रासंगिक बनाएं। यह उचित ही होगा कि भारत और इथियोपिया जैसे पुराने कारोबारी साझेदार देश, एक अधिक समतामूलक और सम-सामयिक विश्व आर्थिक संरचना निर्मित करने के लिए मिलकर प्रयास करें।

अपने साझे सिद्धांतों के लिए हमें ये कार्य करने ही होंगे। बहु-पक्षीय विश्व-व्यवस्था के लिए हमें ये कार्य करने होंगे। अपने दोनों देशों के युवाओं जिन्हें यह भविष्य में इस विरासत को संभालने वाले हैं, के लिए ये कार्य करने होंगे।

इन्हीं शब्दों के साथ, मैं यहां उपस्थित इथियोपियाई और भारतीय कारोबार प्रतिनिधियों और भारत कारोबार मंच तथा इस कक्ष में मौजूद सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद।