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नर्सिंग कर्मियों को ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन

नई दिल्ली : 05.12.2019

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1. आज ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ समारोह के अवसर पर आप सभी को बधाई देते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। भारत सरकार ने 1973 में ये पुरस्कार आरम्भ किए। इस पुरस्कार का नामकरण आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक और निस्वार्थ सेवाभाव की प्रतीक, फ्लोरेंस नाइटिंगेल, के नाम पर किया गया है।

2. मैं उन सभी 36 नर्सिंग कर्मियों को बधाई देता हूं जिन्हें उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा रहा है। देशवासियों के प्रति समर्पण और सेवा भाव के लिए मैं पूरे नर्सिंग समुदाय को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं स्वर्गीय श्रीमती लिनी पुथुसेरी के बलिदान को याद करना भी जरुरी समझता हूं, जिन्हें केरल में निप्पा वायरस के प्रकोप के दौरान मरीजों की देखभाल करते हुए अपनी अप्रतिम कर्तव्‍य निष्‍ठा के लिए आज मरणोपरांत सम्मानित किया जा रहा है।

3. नर्सें गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य-चर्या उपलब्ध कराने, बहु-विध स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने और व्यक्तियों, परिवारों तथा समुदायों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। दुनिया को आज देखभाल तथा करुणा की बहुत अधिक आवश्यकता है, और नर्सें वास्तव में सेवा, शुश्रूषा एवं करुणा का प्रतीक होती हैं। मरीजों और उनके परिवारों के लिए, नर्सें स्वास्थ्य-चर्या सेवाओं का साकार रूप होती हैं। इस क्षेत्र में आपका अपार योगदान है और मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2020 को ‘नर्स और मिडवाइफ वर्ष’ घोषित किया है। संयोग से, 2020 में फ्लोरेंस नाइटिंगेल की 200वीं जयंती भी मनाई जाएगी।

4. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और अस्पतालों में सेवारत हमारी नर्सों ने पोलियो, मलेरिया और एचआईवी/एड्स के उन्मूलन जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं ने इन क्षेत्रों में सराहनीय योगदान दिया है।

5. भारत सरकार ने जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य-चर्या प्रदान करने के लिए ‘आयुष्मान भारत’ योजना की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत 64 लाख से अधिक लाभार्थियों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती किया गया है और 20 हजार से अधिक अस्पतालों को इसके अंतर्गत पैनलबद्ध किया गया है। मुझे उम्मीद है कि जिन राज्यों ने अभी तक ‘आयुष्मान भारत कार्यक्रम’ को लागू नहीं किया है, वे भी जल्द ही इस योजना को अपने राज्यों में लागू करेंगे। यह एक ऐतिहासिक स्वास्थ्य-चर्या कार्यक्रम है, जिसकी सफलता में नर्सिंग समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। मरीजों के प्रति आपकी सेवा और दयालुता जख्मों में मरहम लगाने की होती है, जो मरीजों के लिए आशा की किरण बन जाती है।

6. विशेषज्ञता प्राप्‍त, दक्ष और उच्‍च कुशल नर्सों की मांग में काफी वृद्धि हुई है। तीसरे और चौथे स्तर की देखभाल के लिए भी मानव संसाधन की मांग बढ़ती जा रही है, जिसके लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण संस्थानों की आवश्यकता है। इस आवश्‍यकता की पूर्ति के लिए, सरकार ने सेवा-पूर्व और सेवा के दौरान प्रशिक्षण, नर्सिंग सेवाओं की शिक्षा और इसके उन्नयन के विकास के लिए कई पहलें की हैं।

देवियो और सज्जनो,

7. हमारे यहाँ ऐसे वृद्ध लोगों की जनसंख्या बढ़ती जा रही है जिन्हें उचित जराचिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है और जो इसके हक़दार भी हैं।इस सप्ताह की शुरुआत में,स्वीडन के महाराजा और महारानी राष्ट्रपति भवन की यात्रा पर आए थे। महारानी,बुजुर्गों के स्वास्थ्य और देखभाल से संबंधित मुद्दों पर बहुत काम करती हैं। हमारे बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई कि पूरे विश्व में बुजुर्गों को देखभाल और सहायता की आवश्यकता है क्योंकि वे बढ़ती उम्र में होने वाली समस्याओं का सामना करते हैं। वे डिमेंशिया जैसी बीमारियों से भी पीड़ित हो सकते हैं। भारत में बुजुर्गों को बुढ़ापे मे अपने परिवार में ही देखभाल हासिल हो जाती है। फिर भी, बदलती जीवनशैली के कारण बुजुर्गों की देखभाल करने वाले पेशेवरों की मांग बढ़ती जा रही है। लेकिन देखभाल करने वाले इन कार्मिकों के लिए यह आवश्यक नहीं कि वे प्रशिक्षित नर्स ही हों, लेकिन जराचिकित्सा देखभाल में बुनियादी प्रशिक्षण से वे निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे। हमारे नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान इन देखभालकर्ताओं के लिए ‘लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम’ विकसित करने पर भी विचार कर सकते हैं।

8. सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की नर्सिंग बिरादरी ने अपनी सेवा-भावना और कर्तव्य के प्रति समर्पण के कारणबहुत सम्मान और सराहना अर्जित की है। हमारे देश की सीमा से परे भी यह सराहना स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। विदेशों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हुए, आपने हमारे देश का नाम रोशन करने के साथ-साथ अपने द्वारा भेजी गई विदेशी मुद्रा के माध्यम से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपने अनुशासित और उच्च स्तर के पेशेवर रवैये के माध्यम से, आपने दुनिया के सभी हिस्सों में जबरदस्त शुभेच्‍छा अर्जित की है।

9. आज देश के उत्कृष्ट नर्सिंग पेशेवरों का सम्मान करते हुए मैं आप सभी की सफलता की कामना करता हूं। आपकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए देश आपका आभारी है। मुझे विश्वास है कि आज के पुरस्कार विजेताओं के कार्यों को देखकर सम्पूर्ण नर्सिंग समुदाय गुणवत्तापरक स्वास्थ्यचर्या मुहैया कराने के लिए और अधिक समर्पित भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित होगा।

धन्यवाद,

जय हिन्द!