महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
सोफिया : 06.09.2018
1. महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण, राष्ट्रपति रादेव के साथ मिलकर करके आज मैं सम्मान का अनुभव कर रहा हूं।
2. बल्गारियाई लोगों के लिए आज का दिवस एक पावन दिवस है। आप आज अपना‘राष्ट्रीय एकीकरण दिवस’मना रहे हैं। इस अवसर पर आप सभी को मेरी शुभकामनाएं। मैं इस विशेष दिवस पर इस सुंदर देश में महात्मा गांधी को स्थायी महत्वदेने के लिए बल्गारिया के लोगों का आभारी हूं।
3. विख्यात बल्गारियाई शिल्पकार इवान रूसेव द्वारा इस प्रतिमा की संकल्पना और निर्माण,उस विभूति के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है जिसने अपना संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया। तनाव, अविवेकपूर्ण हिंसा और अनियंत्रित विध्वंस की वर्तमान परिस्थितियों में गांधी जी के विचार और मूल्य पहले से अधिक प्रासंगिक हैं।
4. उनकी प्रतिमा की स्थापना का इससे बेहतर समय और कोई नहीं हो सकता था। एक महीने से भी कम समय में यानी आगामी 2 अक्टूबर को हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपने विश्वव्यापी समारोहों का शुभारंभ करने जा रहे हैं। मैं बल्गारिया में इसकी सफलता के लिए आपके सहयोग की अपेक्षा करता हूं।
5. मेरे लिए यह एक भावात्मक क्षण है जब हम अपने राष्ट्रपिता तथा शांति और अहिंसा के विश्वदूत के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक रूप से अकल्पनीय स्थिति को एक राजनीतिक संभावना में बदल दिया था।
6. उनका जीवन ऐसी नैतिक शक्ति से भर-पूर था जिसने बहुत से लोगों को प्रभावित किया। दक्षिण अफ्रीका में उनके संघर्ष ने नेल्सन मंडेला को रंगभेद के विरुद्ध ऐतिहासिक संघर्ष छेड़ने के लिए प्रेरित किया और सत्याग्रह का उनका सिद्धांत,संयुक्त राज्य अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग द्वारा चलाए गए नागरिक अधिकार आंदोलन के लिए प्रेरणा बन गया।
7. महात्मा गांधी का बल्गारिया के साथ एक विशेष संबंध रहा है। प्रसिद्ध बल्गारियाई चित्रकार बोरिस जियोर्जिव ने गांधीजी के घनिष्ठ साहचर्य में उनके आश्रम में काफी समय बिताया था।
8. मैं भारत सरकार और भारत की जनता तथा अपनी ओर से उन सभी का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस शानदार पहल को साकार करने में योगदान दिया है। मैं एक बार फिर बल्गारियाई लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं।