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भारत-चेक गणराज्य कारोबार मंच में भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

प्राग : 07.09.2018

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1. मुझे भारत-चेक कारोबार मंच को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है। आज के कार्यक्रम में दोनों पक्षों की उत्‍साहपूर्ण भागीदारी को देखकर मुझे प्रसन्नता हुई है। यहां उपस्थित जनों में ‘चेक चेंबर ऑफ कॉमर्स’ तथा ‘चेक एसोसिएशन ऑफ मीडियम एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज’ के सदस्य शामिल हैं। भारत से भारतीय वाणिज्य और उद्योग परिसंघ, भारतीय उद्योग परिसंघ, वाणिज्य और उद्योग पीएचडी परिसंघ तथा भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद का प्रतिनिधित्व करने वाला 50 सदस्यीय शिष्टमंडल हमारे साथ आया है। मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। यहां भारी संख्या में आपकी उपस्थिति वास्‍तव में उस विश्वास का प्रतीक है जो भारत-चेक कारोबार सहयोग के प्रति आपके अन्‍दर मौजूद है।

2. मैं जानता हूं कि आज आप लोगों ने आपस में बहुत ही सार्थक बातचीत की है। मुझे उम्मीद है कि आज आपके कारोबारी विचार-विमर्श से हमारे आर्थिक संबंध और तेजी से आगे बढ़ेंगे। भारत और चेक गणराज्य दोप्राचीन सभ्यताएं हैं। भारत और बोहेमिया राजशाही के बीच, बहुत पहले यानि कि नवीं शताब्दी के पहले से मसालों का भरपूर व्यापार होता था। भारत की आजादी से पहले 1920में मुंबई में चेकोस्‍लोवाक कोंसुलावास खुल गया था।‘बाटा शू कंपनी’ की स्थापना अवश्‍य इस देश में हुई थी परंतु भारत में इसकी व्यापक उपस्थिति के कारण हम इसे अपना मानते हैं। संबंधों का ऐसा प्राचीन और समृद्ध इतिहास हमें भारत-चेक व्यापार और निवेश संबंधों के उज्‍ज्‍वल भविष्य के प्रति और अधिक आशावादी बनाता है।

3. अपने आर्थिक संबंधों पर विशेष बल देते हुए भारत-चेक बहुआयामी संबंधों को अग्रसर करने के बारे में राष्ट्रपति जमान के साथ आज सार्थक विचार-विमर्श हुआ। हम दोनों को विश्‍वास है कि इस संबंध को और ऊंचे स्तर पर ले जाने की असीम संभावनाएं है।

4. हम चेक गणराज्य को अपना अग्रणी आर्थिक साझीदार मानते हैं।भारत की विकास गाथा और चेक गणराज्‍य की प्रौद्योगिकीय विशेषज्ञता एवं विनिर्माण को देखते हुए दक्षता ने दोनों सहज साझीदार बनाती हैं। भारत पिछली तिमाही में 8.2% की विकास दर के साथ विश्व की सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है। हमने स्मार्ट सिटीज, हवाई अड्डे, तीव्र गति रेलमार्ग, राजमार्ग और साइबर संयोजन सहित उन्‍नत आधारभूत ढांचे का निर्माण करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में तीव्र बढ़ोतरी हुई है और हमारी 100 से ज्यादा नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई गई हैं। इससे हमारे अंतरराष्ट्रीय साझीदारों के लिए अपार अवसर पैदा होंगे।

5. हमने अपने विनिर्माण क्षेत्र तथा ‘मेक इन इंडिया’ पहल को तेज करने के लिए साहसिक सुधार भी आरंभ किए हैं।‘वस्तु और सेवा कर’ की शुरुआत भी एक प्रमुख सुधार है। इसने पहली बार ‘एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार’के 1.3 अरब भारतीयों के सपने को पूरा किया है। केन्‍द्र सरकार और राज्य सरकारों ने भारत में कारोबार-स्‍थापना को पहले से अधिक सुगम बनाने के उपाय शुरू किए हैं। इन सुधारों से भारत विश्व बैंक की ‘कारोबार आसानी’ सूची में 42 स्थान ऊपर चढ़ने में मदद मिली है।

6. हमारी कारोबार अनुकूल नीति से यह संभव हुआ है कि 2016-17 में देश में 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया है। भारत, हाल ही में विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और 2025 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। विशाल उपभोक्ता बाजार के साथ-साथ भारतीय आर्थिक विकास और मांग से कारोबार के प्रचुर अवसरों तथा निवेशकी गुंजाइश बनी है। ‘स्वच्छ भारत’, ‘स्किल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ सहित हमारे अग्रणी कार्यक्रमों से चेक कंपनियों के लिए भारत की विकास गाथा में शामिल होने की प्रचुर संभावनाएं पैदा हुई हैं।

7. भारत और चेक गणराज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍थाओं में महत्‍वपूर्ण पारस्‍परिक पूरकताएं विद्यमान हैं। भारतीय कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी, अवसंरचना, औषध-निर्माण, ऑटोमोबाइल और सेवा क्षेत्रों में विशेषज्ञता अर्जित की है। भारी इंजीनियरी, प्रतिरक्षा,उन्‍नत विनिर्माण तथा ऑटोमोटिव और ऊर्जा क्षेत्रों में चेक कंपनियों के लिए भारत एक विशाल बाजार की और परस्‍पर कारोबार बढ़ोत्‍तरी की संभावनाओं से भरपूर है।नए युग की प्रौद्योगिकियों पर मिलकर काम करने तथा ‘चौथी औद्योगिक क्रांति’ के लाभों का दोहन करने के लिए भारतीय और चेक कंपनियों के बीच सहयोग के बहुत सारे अवसर दिखाई दे रहे हैं।

8. प्रतिरक्षा क्षेत्र, भारत और चेक गणराज्‍य के बीच सहयोग का एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र रहा है। निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए भारत में प्रतिरक्षा उत्‍पादों का क्षेत्र खोल दिया गया है। हमारी प्रतिरक्षा आवश्यकताएं अति-व्‍यापक हैं। भारतीय कंपनियां साझेदारी के लिए प्रमुख चेक प्रतिरक्षा कंपनियोंकी ओर देख रही हैं। मैं, चेक प्रतिरक्षा कंपनियों को भारत में आकर निवेश करने और विनिर्माण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।

9. प्रमुख भारतीय कंपनियों ने चेक गणराज्य में सूचना प्रौद्योगिकी, वाहन, चाय, वस्त्र निर्माण, औषध निर्माण और मोटर कल-पुर्जों जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है। भारत में चेक कंपनियों ने मशीनरी, परिवहन, विद्युत और ऑटोमोटिव क्षेत्रों में निवेश किया है। चेक का ऑटो ब्रांड ‘स्‍कोदा’ भारत में बढ़िया प्रदर्शन कर रहा है और हमें खुशी है कि इस कंपनी ने अपने उत्पादन में विस्तार करने के लिए एकबिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की नई योजनाओं की घोषणा की है।

10.‘मेक इन इंडिया’ पहल में चेक की बड़ी कंपनियों का निवेश, भारत-चेक संबंधों की अपार संभावनाओं की पुष्टि करता है। ‘बाटा’ से लेकर‘स्‍कोदा’ तक भारत-चेक साझेदारी का अर्थ है-लोकप्रियता, टिकाऊ परिपाटियाँ और मजबूत कारोबारी आत्‍मविश्‍वास चेक उद्यमों को प्रोत्‍साहित कर रहे हैं कि वे भारतीय विकास गाथा में हिस्‍सा लेते रहें।

11. अभी भारत-चेक द्विपक्षीय व्‍यापार 1.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है और इससे हमारी वास्तविक क्षमता प्रतिबिंबित नहीं होती है। हमें अपने प्रयासों को दुगुना करने की जरूरत है। अगले महीने हमारे वाणिज्य और उद्योग मंत्री प्राग में भारत-चेक संयुक्त आर्थिक आयोग की सह-अध्यक्षता के लिए कारोबार शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे। मुझे विश्वास है कि आयोग की बैठक से हमारे द्विपक्षीय व्‍यापार में तेजी लाने तथा करने तथा हमारे आर्थिक रिश्‍तों के विविधीकरण के नए रास्‍ते खुलेंगे।

12. एक अन्‍य क्षेत्र जिसपर हमें विचार करना चाहिए, वह है कि हम एक दूसरे के मेलों और प्रदर्शनियों में भागीदारी करें। पिछले अक्तूबर में ब्रुनो में प्रतिष्ठित एमएसवी इंटरनेशनल इंजीनियरिंग एक्सपो में साझेदार देश के रूप में भारत की भागेदारी और इस वर्ष चेन्नै में ‘इंटरनेशनल इंजीनियरिंग सोर्सिंग शो’ में साझेदार देश के रूप में चेक गणराज्य की भागेदारी से दोनों पक्षों के लिए नए कारोबार अवसर पैदा हुए हैं।

13. मनोरंजन, आर्थिक संबंधों का एक और बढ़ता हुआ क्षेत्र है। अनेक भारतीय और बॉलीवुड फिल्में चेक गणराज्य में फिल्माई गई हैं। इससे इस देश में भारत के पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है।

देवियो और सज्जनो,

14. भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत गतिशील है। हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप भारत में अपनी उपस्थिति की छान-बीन करें, उपक्रम शुरू करें तथा उनका विस्तार करें। भारतीय कंपनियां यहां निवेश करने और नए साझा कारोबार स्थापित करने के लिए भी उत्सुक हैं। मैं आपको भारत की रोमांचकारी और परिवर्तनकारी यात्रा में साझेदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। भारत की तीव्र विशाल अर्थव्‍यवस्‍था न केवल भारत और चेक गणराज्य बल्कि समूची दुनिया में नए युग की शुरुआत करने जा रही है।

धन्यवाद!