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'एम्स' जोधपुर के द्वितीय दीक्षांत समारोह में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

जोधपुर : 07.12.2019

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1. वीर—भूमि राजस्थान में आपके बीच आ कर मुझे प्रसन्नता हो रही है। आज के दीक्षांत समारोह का यह अवसर विद्यार्थियों के जीवन में एक चरण के सम्पन्न होने और दूसरे चरण के प्रारम्भ का अवसर है। मैं सभी स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों पर बधाई देता हूं। यह आपके लिए ही नहीं, आपके माता—पिता के लिए भी गर्व का क्षण है जिन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने में आपकी मदद की है। मुझे विश्वास है कि आप अपने माता—पिता, शिक्षकों और समाज के प्रति कृतज्ञता महसूस कर रहे होंगे जिन्होंने आपके लिए यहां अध्ययन करपाना संभव बनाया।

2. इस प्रकार के संस्थान में, विकास के दो सबसे महत्वपूर्ण पक्ष जुड़ जाते हैं। ये पक्ष हैं —स्वास्थ्य और शिक्षा। हमारे देश ने स्वास्थ्य—सेवा सहित अनेक क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन अच्छी स्वास्थ्य—सेवाओं तथा शिक्षा की सुविधा को सभी नागरिकों, खास तौर पर ग्रामीण तथा दूर—दराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगोंतक पहुंचाने के लिए हमें और अधिक प्रयास करने होंगे। जैसा कि आप जानते हैं, दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि ‘एम्स’ ऐसा स्थान है जहां दूर—दूर से लोग चिकित्सा में विशेषज्ञ सेवा प्राप्त करने के लिए आते हैं। अधिक से अधिक क्षेत्रों में भरोसेमंद स्वास्थ्य—सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत नए ‘एम्स’ स्थापित किए हैं। जोधपुर का यह संस्थान, उन्हीं संस्थानों में से एक है।

3.‘एम्स’ जोधपुर की स्थापना इस क्षेत्र के लोगों को देश में उपलब्ध सर्वोत्तम सेवाओं के स्तर की स्वास्थ्य—सुविधाएं तथा चिकित्सा—शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई। मुझे यह जान कर प्रसन्नता हुई है कि सात वर्ष की छोटी सी अवधि में इस संस्थान ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है और अब यह, ‘एम्स’ दिल्ली के बाद, मेडिकल शिक्षा के लिए विद्यार्थियों की पहली पसंद बन गया है। इससे यहां के शिक्षकों और विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का पता चलता है। मुझे विश्वास है कि इस संस्थान को उच्चतर शिखर तक पहुंचाने के लिए आप सब निरंतर प्रयास करते रहेंगे।

4. मुझे बताया गया है कि ‘एम्स’ जोधपुर एक अत्याधुनिक शोध केन्द्र के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहा है। यह जानकर उत्साहवर्धन होता है कि शोध—कार्यों को सहायता प्रदान करने के लिए इस संस्थान को मात्र आंतरिक अनुदानसे ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से भी आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। विभिन्न विशेषज्ञता-केन्द्रों और प्रयोगशालाओं की स्थापना से शोध—सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का पता चलता है। इसके साथ ही, यह संस्थान इस क्षेत्र में स्थानीय स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विषयों पर भी कार्यरत है।

5. किफ़ायती निदान, उपचार और पुनर्वास सेवाएं विकसित करने की भी आवश्यकता है। मुझे बताया गया है कि यह संस्थान आईआईटी जोधपुर के सहयोग से एक इनोवेटिव सेंटर फॉर मेडिकल टेक्नॉलॉजी स्थापित कर रहा है। दोनों संस्थान मिलकर एक एम्स—आईआईटी इनोवेशन क्लस्टर बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं। यह स्वागत—योग्य कदम है क्योंकि इससे देश के मेडिकल टेक्नॉलॉजी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण है कि भारत अपने चिकित्सा उपकरणों का स्वयं निर्माण करना शुरू करे जिससे न केवल लोगों को किफ़ायती स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि ऐसे प्रयासों से, ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के अंतर्गत, भारत को मेडिकल टेक्नॉलॉजी केंद्र बनाया जा सकेगा। देश में कुछ ही ऐसे शहरहैं जहां एम्स और आईआईटी दोनों हैं और जोधपुर का यह गौरवशाली शहर उनमें से एक है। मैं यहां के इन दोनों संस्थानों से आग्रह करता हूं कि इस क्षेत्र और देश के लोगों की बेहतरी के लिए मिल कर काम करते रहें।

6. ‘एम्स’ जोधपुर, भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से, राजस्थान के इस हिस्से में जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाने का भी प्रयास कर रहा है। यह प्रयास उन्नत भारत अभियान का भी हिस्सा है। एम्स जैसे संस्थानों से ऐसे ही उत्तम प्रयासों की अपेक्षा की जाती है। उन्हें, न केवल रोगियों का उपचार करना है, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए रोग-निवारण सेवा भी प्रदान करनी है। राष्ट्रीय महत्व का संस्थान होने के नाते, इस क्षेत्र में सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने और चिकित्सा-कर्मियों को प्रशिक्षण देने में एम्स जोधपुर की महत्वपूर्ण भूमिका है।

7. एम्स जैसे संस्थानों को विकसित करने का उद्देश्य यह है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवा दी जा सके। यह प्रसन्नता की बात है कि एम्स जोधपुर में अब तक 24 लाख लोगों को चिकित्सा—परामर्श दिया गया है। इसके डेटाबेस से इस क्षेत्र की स्वास्थ्य—संबंधी चिंताओं का समाधान करने और यहां के लिए स्वास्थ्य नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। कम खर्च में अति आधुनिक शल्य-चिकित्सा सुलभ कराने के लिए इस संस्थान ने रोबोटिक सर्जरी भी शुरू की है।

8. भारत को चरक और सुश्रुत की भूमि के रूप में जाना जाता है। विश्व भर के शोधकर्ता अब भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में रुचि ले रहे हैं। सरकार ने भी ‘आयुष’ यानि आयुर्वेद, योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी की पहुंच बढ़ाने पर ध्यान दियाहै। मुझे प्रसन्नता है कि एम्स जोधपुर में भी ‘आयुष’ सेवाएं प्रदान की जाने लगी हैं। इस पहल के पूरक के रूप में अब संस्थान को इन चिकित्सा पद्धतियों में शोधकार्य शुरू करना चाहिए। इससे, पारंपरिक और आधुनिक, दोनों प्रकार की चिकित्सा एक ही स्थान पर सुलभ हो सकेगी।

9. अब मैं आज स्नातक बन रहे विद्यार्थियों के साथ कुछ विचार साझा करना चाहता हूं। अब आप डॉक्टर या नर्स बन गए हैं। विश्व के सभी समाजों में डॉक्टरों और नर्सों को विशेष सम्मान मिलता है। हमारे देश में तो उन्हें भगवान जैसा ही माना जाता है। यह आदर-भाव इसलिए है कि आपने लोगों की जान बचाने का ज्ञानव कौशल प्राप्त किया है। आप देख—भाल करते हैं, दुख-दर्द दूर करते हैं। दुख और पीड़ा से भरी आज की दुनिया में आप लोग एक असाधारण सद्गुण—करुणा - के साकार रूप हैं।

10. आप में से कुछ लोग अब निजी प्रैक्टिस शुरू करेंगे या किसी अस्पताल में काम करेंगे। कुछ लोग उच्चतर अध्ययन का रास्ता चुनेंगे तो कुछ लोग चिकित्सा संस्थानों में अध्यापन करेंगे। आप जो भी राह चुनें, मेरा आपसे आग्रह है कि आप सबके हृदय में सदैव करुणा—भाव बनारहे तथा अपने कौशल व ज्ञान के उपयोग से लोगों के जीवन को बचाने या बेहतर बनाने का कोई भी अवसर आप हाथ से जाने न दें। अपने पूरे कैरियर में आप नैतिकता के मानदंड और पेशेवर कौशल के उच्चतम स्तर को बनाए रखें। सभी डॉक्टरोंव नर्सिंग स्नातकों को यह सदैव याद रखना चाहिए कि आस-पास के समुदाय के लोग उनकी ओर सम्मान की दृष्टि से देखते हैं तथा उन्हें इस पेशे के अनुरूप श्रेष्ठ आचरण बनाए रखना होगा।

11. मैं एक बार फिर सभी विद्यार्थियों और उनके माता—पिता को इस महत्वपूर्ण दिन पर बधाई देता हूं और उन सभी के जीवन में हर प्रकार की सफलता की कामना करता हूं। मैं एम्स जोधपुर के संकाय सदस्यों के योगदान की भी सराहना करता हूं। आप सब देश की महती सेवा कर रहे हैं और मुझे विश्वास है कि भविष्य में भी करते रहेंगे। एम्स जोधपुर के सभी भावी प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं!

धन्यवाद

जय हिंद!