स्वाजीजलैंड के किंग द्वारा आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का अभिभाषण
स्वाजीजलैंड : 09.04.2018
1. महामहिम, सबसे पहले मैं आपके सद्भावपूर्ण स्वागत और आपके हार्दिक आतिथेय के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि मैं भारत की ओर से स्वाजीलैंड की अब तक की पहली राजकीय यात्रा पर आया हूं। वास्तव में, आज का दिन हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए विशेष और ऐतिहासिक दिन है।
2. हम स्वाजीलैंड की अत्यंत सुंदर दृश्यावली से अभिभूत हैं। हमने सुना था कि प्रकृति ने महामहिम की राजशाही पर भरपूर कृपा की है, परंतु वास्तविक अनुभव हमारी उम्मीदों से कहीं ज्याद मधुर रहा है।
3. महामहिम, स्वाजीलैंड और भारत आकार और जनसंख्या के मामले में बिल्कुल भिन्न देश हैं। तथापि हम बहुत से मामलों में एक समान हैं। हमारे दोनों देश हमारी प्राचीन परंपराओं के साथ घनिष्ठता से जुड़े हुए हैं। इसी प्रकार, हम में अपनी आबादी की भौतिक प्रगति में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकीय उन्नति की आकांक्षा भी है। आधुनिकता और परंपरा के इस अनूठे समागम ने ही हमें एक सूत्र में बांधा है।
4. हमारे दोनों देशों के लिए हमारे प्राचीन मूल्य और परंपराएं ऐसा संबल प्रदान करती हैं जो हमें तेजी से बदलती हुई दुनिया के अवसरों और चुनौतियों के बीच जूझते हुए भी सुस्थापित और सुस्थिर रखे हुए है। महामहिम, अपनी राजशाही को अगले 5 वर्ष के भीतर एक विकसित राष्ट्र में बदलने के महामहिम के ‘विजन 2022’ कार्यक्रम के पीछे , अपनी पहचान को कायम रखते हुए आधुनिकता को अपनाने की भावना को मैं स्पष्ट देख रहा हूं। यह एक साहसिक और महत्वाकांक्षी संकल्पना है और इसके सफल कार्यान्वयन के लिए मैं स्वाजीलैंड राजशाही को अपनी शुभकानाएं देता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भारत आप की विकास यात्रा में साझेदार बनकर स्वयं को सौभाग्यशाली समझेगा। हम कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा संस्था-निर्माण, अवसंरचना और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अपने विकास अनुभव को आपके साथ साझा करने के लिए तत्पर हैं।
5. देवियो और सज्जनो, हमारा स्वाजीलैंड और अफ्रीका के साथ एक विशेष संबंध है। इस महाद्वीप के साथ हमारा गहरा रिश्ता है। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आपके पड़ोसी देश दक्षिण अफ्रीका में अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ और अहिंसक संघर्ष की ताकत का साक्षत्कार किया था। हमारे लोगों के बीच आपसी संबंध इसी साझी विरासत पर निर्मित होते रहे हैं।
6. महामहिम, हम 2015 में भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन में आपकी उपस्थिति से सम्मानित हुए थे।तत्पश्चात, आपने पिछले वर्ष यात्रा करके एक बार फिर हमें गौरवान्वित किया। इन संपर्कों ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति प्रदान की है और मुझे उम्मीद है कि मेरी राजकीय यात्रा से हमारी साझेदारी में और तेजी आएगी।
7. महामहिमगण, मैं भविष्य में भारत और स्वाजीलैंड के बीच की साझेदारी की महती संभावनाएं देख रहा हूं। अनेक प्रकार से, हमारी जरूरतें और क्षमताएं एक दूसरे की पूरक हैं। भारत स्वाजीलैंड को निवेश, कम खर्चीली प्रौद्योगिकियां और विकास सहायता प्रदान कर सकता है। दूसरी ओर, आपकी कृषि और आपके खनिज संसाधनों को भारत में सतत बाजार मिल सकता है। अपनी युगों पुरानी परंपराओं से प्रेरणा प्राप्त करते हुए, हम आपकी पारंपरिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेद के लाभों को जोड़ सकते हैं और बहुत से लोगों को सतत जीवन का विकल्प प्रदान कर सकते हैं। मुझे खुशी है कि योग इस देश में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। सच तो यह है कि हमारे बीच बराबरी की साझेदारी स्थापित करने की क्षमता मौजूद है।
8. महामहिम, मुझे ज्ञात है कि हमारे परस्पर संबंधों के प्रति आपकी भी ऐसी ही अभिलाषा और संकल्पना है। आइए स्वाजी-भारत साझेदारी को भारत-अफ्रीकी सहयोग का एक बादर्श बनाएं।
9. महामहिमगण, देवियो और सज्जनो, इसी आशावादी विचार के साथ, आइए हम सब मिलकर:
- महामहिम किंग और महामान्या क्वीन मदर के स्वास्थ्य और खुशहाली की;
- स्वाजी लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि की;
- तथा स्वाजीलैंड राजशाही तथा भारत गणतंत्र के बीच स्थायी और निरंतर सुदृढ़ मैत्री की कामना करें।