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जांबिया-भारत कारोबार मंच की बैठक में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द का संबोधन

लुसाका : 11.04.2018

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1. मुझे जांबिया-भारत कारोबार मंच की बैठक में भाग लेकर खुशी हुई है। महामहिम, सर्वप्रथम मैं यहां आपकी विशिष्ट उपस्थिति और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के प्रति आपकी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। मैं समझता हूं कि दोनों देशों के कारोबार प्रमुखों के बीच आज सार्थक विचार-विमर्श और चर्चा हुई है। मुझे विश्वास है कि इससे आने वाले दिनों में जांबिया-भारत कारोबार सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।

2. देवियो और सज्जनो, जांबिया और भारत पुराने और चिरस्थाई मित्र हैं। दोनों देशों की सरकारों और जनता के बीच ऐतिहासिक और विशेष सहजता मौजूद है। एकजुटता की इस मजबूत नींव पर निर्मित हमारे द्विपक्षीय आर्थिक संबंध फले-फूले हैं परंतु हम इससे भी बेहतर कर सकते हैं। हमारे कारोबारी क्षेत्र के लिए सामाजिक उद्यमों से लेकर नई प्रौद्योगिकी तक; सामुदायिक परियोजनाओं से विशाल राजमार्गों तक और ‘डिजिटल इंडिया’ से ‘स्मार्ट जांबिया’ तक काम करने के नए अवसर मौजूद हैं। जांबिया के राष्‍ट्रपति के साथ मेरी बैठक में, उन्होंने हमारे कारोबारी संबंधों का विस्तार करने की गहरी आकांक्षा व्‍यक्‍त की है। उनकी आर्थिक नीतियां और सुधार कार्य बहुत उत्साहजनक रहे हैं। हमारी ओर से भी ऐसी ही प्रतिबद्धता जताई गई है। आपको नए कारोबार, रोजगार और समृद्धि का वातावरण तैयार करने के लिए इस समझ-बूझ का फायदा उठाना चाहिए। दोनों सरकार ने आज दोहरे कराधान परिहार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों पक्षों के कारोबार के लिए यह अत्‍यंत उत्‍साहवर्धक सिद्ध होगा।

3. मुझे यह जानकर प्रसन्‍नता हुई है कि भारत जांबिया के सबसे बड़े व्‍यापारिक साझीदारों में से एक है। दोनों देशों के बीच व्यापार में पिछले कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। परंतु,आगे बढ़ते हुए हमें अपनी व्यापार व्याप्ति में बढ़ोत्तरी करनी होगी। मैं सभी हितधार कों अर्थात् छोटे और मध्यम उद्यमों, वाणिज्य संघों, विशाल कंपनियों, नए उद्यमियों से दो तरफा जांबिया-भारत कारोबार क्षेत्र को विविध और व्यापक बनाने काआग्रह करता हूं।

4. देवियो और सज्जनो, जांबिया लंबे समय से अफ्रीका में भारतीय कंपनियों का बसेरा रहा है। इस महान देश और इसके लोगों ने अपनी स्वतंत्रता से पहले से ही भारतीय व्यापारियों का स्वागत किया है। हम इसके लिए हमेशा आपके आभारी रहेंगे। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत, जांबिया में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश के साथ सबसे बड़े निवेशक के तौर पर उभरा है। हमारी कंपनियों ने स्थानीय समुदायों के लिए बड़ी संख्या में रोजगार और कौशल पैदा किए हैं तथा सामाजिक-आर्थिक तरक्‍की का संचार किया है। ये कंपनियां अन्‍य क्षेत्रों के साथ-साथ ऊर्जा, बैंकिंग, खनन, दूर संचार,अतिथि-सत्‍कार, सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटो-मोबाइल क्षेत्रोंमें काम कर रही हैं।इससे भी आगे बढ़ते हुए कृषि,अवसंरचना, स्वास्थ्यचर्या, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जाजैसे क्षेत्र भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं।आज आपने इन क्षेत्रों के संबंध में व्‍यापक बातचीत की है। संभावनाओं को परियोजनाओं और विचारों को उद्यम में बदलने के लिए प्रयास आपको करने चाहिए।

5. जांबिया में प्राकृतिक संसाधन और अनेक दूसरे आर्थिक लाभकारी संसाधन प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं। जांबिया की सातवीं राष्ट्रीय योजना मेंघोषित ‘विजन 2030’ में अपनी अर्थव्यवस्था के विविधीकरण पर जोर दिया गया है। लुसाका ‘कॉमन मार्केट फॉर ईस्‍टर्न एंड सदर्न अफ्रीका’ (कॉमेसा) का मुख्यालय है। जांबिया अन्‍य अनेक क्षेत्रीय संगठनों के साथ भी जुड़ा हुआ है। मैं,आपसे इन अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह करता हूं।

6. देवियो और सज्जनो, भारत तीव्र प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारे ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों से जांबिया की अर्थव्यवस्था और कारोबारी क्षेत्र को आगे बढ़ने के अवसर उपलब्‍ध हो रहे हैं। हमारे किफायती नवाचार और कम लागत लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी जांबिया के लिए भी बेहद लाभकारी हो सकती है। भारत दुनिया भर के लोगों के लिए कम खर्चीली दवाओं और विशेषीकृत स्वास्थ्यचर्या का स्रोत रहा है। भारत की विशेषज्ञता एचआईवी के खिलाफ जांबिया की लड़ाई को मजबूत बनाने के साथ-साथ इसके लिए स्वास्थ्य संबंधी नए लाभ भी सामने ला सकती है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारत और जांबिया अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के अंतर्गत बहुत से कार्य कर सकते हैं। हमने अफ्रीकाकी सौर परियोजनाओं के लिए 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता की पेशकश की है। मैं इस पेशकश को आगे बढ़ाने के लिए जांबिया सरकार और अन्य हितधारकों को आमंत्रित करता हूं।

7. देवियो और सज्जनो, हमारे कारोबार संबंध दोनों देशों में वृहत्‍तर सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाने के मामले में भी गृहणशील होने चाहिए। भारत उन कपितय देशों में से एक है जहां लघु और मध्यम उद्यम भी रोजगार पैदा करते हुए और धन का वितरण सुनिश्चित करते हुए, विशाल कंपनियों के साथ-साथ फलते-फूलते हैं। हम जांबिया के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। जांबिया और भारत दोनों को आबादी के युवा होने का लाभ प्राप्त है। हमें स्टार्ट-अप, कौशल, प्रौद्योगिकी और नए विचारों के जरिए अपने युवाओं को परस्‍पर जोड़ने की जरूरत है। उनकी ऊर्जा हमारे लिए आश्चर्यजनक परिणाम पैदा कर सकती है। हमें यह पता लगाना होगा कि किस प्रकार‘स्किल इंडिया’ और‘डिजिटल इंडिया’ के मंच जांबिया की उन्नति में काम आ सकते हैं।

8. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं कारोबार मंच को सफलता की शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस देश में भारतीय उद्यमियों और कारोबार का स्वागत करने के लिए जांबिया की सरकार को धन्यवाद देता हूं। मुझे उनके निरंतर सहयोग पर भरोसा है। आइए जांबिया और भारत के घनिष्‍ठतर संबंधों के लिए हम सब मिल कर कार्य करें।

धन्यवाद!