जांबिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
लुसाका : 11.04.2018
1. महामहिम राष्ट्रपति महोदय, शुरुआत में ही मैं उल्लेख करना चाहता हूं कि हम इस सुंदर, भावपूर्ण और मित्र देश में आकर बहुत खुश हैं। मेरी पत्नी और मैं, और वास्तव में मेरा पूरा शिष्टमंडल आपके द्वारा प्रदत्त हार्दिक आतिथेय की अत्यंत सराहना करते हैं। जांबिया की यात्रा करके मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
2. महामहिम, भारत और जांबिया के बीच अति विशेष संबंध है। हमारी साझेदारी हमारे संस्थापकों, महात्मा गांधी और राष्ट्रपति कैनेथ कोंडा की विरासत पर निर्मित हुई है।बीते हुए वर्ष, सबसे अधिक जरूरतमंदों के लिए न्याय, स्वतंत्रता और एकजुटता के प्रति हमारी वचनबद्धता और सुदृढ़ समर्थन के साक्षी रहे हैं।
3. महामहिम, इस देशऔर महाद्वीप की धरती और संसाधनों ने सदैव व्यापक हित में काम करने की प्रतिबद्धता दिखाई है: आप अफ्रीका की मुक्ति के मोर्चे पर आगे-आगे रहे हैं; और अफ्रीका की आपकी पावन धरती पर ही महात्मा गांधी ने अन्याय की जंजीरों को पहली बार झिंझोड़ा था। हम दोनों का अतीत महान रहा है।
4. महामहिम, मुझे खुशी है कि हमने वर्तमान में भी उसी शक्ति और उत्साह के साथ अपनी मैत्री को कायम रखा है। मैं कहना चाहूंगा कि हमें ‘हर विपदा और समय पर खरे उतरे मित्र’ कहा जाना हमारे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है।
5. हमारे दोनों देशों के बीच बहुत कुछ एक समान है और यह समानता केवल विश्व आश्चर्यों, जांबिया के अद्भुत विक्टोरिया फॉल्स और भारत के शानदार ताजमहल के रूप में ही नहीं है।लोकतांत्रिक सरकार, विधि के शासन, मानव अधिकारों के प्रति सम्मान और समावेशी विकास के प्रति हमारी एक साझी प्रतिबद्धता है। हमारा आर्थिक सहयोग बेहतर ढंग से आगे बढ़ रहा है परंतु हम इस पर और भी ज्यादा कार्य करने के इच्छुक हैं। आपके नेतृत्व और आर्थिक नीतियों ने भारतीय कंपनियों को बखूबी प्रोत्साहित किया है। वे आपके लोगों और आपके समुदायों की साझेदारी से नए उद्यम और परियोजनाएं कि सृजन के लिए उत्सुक हैं। हमारे द्वारा किए गए दोहरा कराधान परिहार समझौते से हमारे आर्थिक संबंधों में तेजी आएगी।‘स्मार्ट जांबिया’और ‘डिजिटल इंडिया’ एक दूसरे के साथ काफी कुछ साझा कर सकते हैं। इसी प्रकार, भारतीय विकास गाथा और जांबिया की आर्थिक विशेषताओं द्वारा एक-दूसरे को सहयोग और विकास मिलना चाहिए।
6. हमें जांबिया के साथ अपनी विकास साझेदारी पर गर्व है। यह ‘वसुधैव कुटुंबकम्’, जिसका अर्थ है, ‘सम्पूर्ण विश्व हमारा परिवार है’, के हमारे युगों पुराने मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुरूप है। स्वास्थ्य और ऊर्जा के क्षेत्रों में हमारे सहयोग से इस देश के लोगों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ा रहे हैं। हम क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण सहयोग को बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। इस प्रयोजन से, हमने जांबिया में आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव किया है। मुझे उम्मीद है इससे इस देश में नए विचार, उद्यम और स्टार्ट-अप उद्यमों को प्रोत्साहन मिलेगा।
7. महामहिम, हम अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के लिए आपका धन्यवाद करते हैं। सौर ऊर्जा से सफारियों के इस देश में चमत्कार हो सकता है और हम प्रौद्योगिकी और वित्त दोनों रूपों में आपकी सहायता करने के लिए तैयार हैं।
8. महामहिम, हमारे दोनों देश रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत साझेदार हैं। हमारे राजनीतिक संबंधों की तरह, हमारे बीच अपने रक्षा संबंधों के इतिहास की सहजता विद्यमान है। हमारी सेनाएं अनेक रण क्षेत्रों में साथ मिलकर लड़ी हैं। आइए, इस मजबूत बुनियाद को और मजबूत करें। हमें, आतंकवाद को, इसके सभी रूपों में, मिलकर पराजित और समाप्त करना चाहिए।
9. महामहिम, अनेक भाषाओं और लोगों वाले दो देशों के रूप में, हमें विविधता के मूल्य का भी बोध है। हमारा प्रवासी समुदाय, जिसमें से अधिकांश आज गौरवशाली जांबियावासी हैं, ने आपके सामाजिक ताने-बाने में सौंदर्य और रंगीन-छटाओं का समावेश किया है। उन्होंने न केवल आपकी आर्थिक प्रगतिमें योगदान दिया है बल्कि दोनों देशों के बीच मैत्री के सेतुओं के निर्माण में भी मदद की है।
10. महामहिम, हम आपकी राजनीतिक विरासत की अत्यंत सराहना करते हैं। हमें खुशी और गर्व होता है कि जांबिया इस क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है। आपने जो शांति और स्थिरता कायम रखी है और जिसका लाभ आप उठा रहे हैं, वह दूसरों के लिए एक श्रेष्ठ आदर्श है।
11. इन्हीं शब्दों के साथ, महामहिम, देवियो और सज्जनो, आइए हम सब मिलकर:
-जांबिया के राष्ट्रपति और प्रथम महिला के स्वास्थ्य और खुशहाली की;
-जांबिया की मित्र जनता कीनिरंतर कुशलता और समृद्धि की; तथा
-जांबिया और भारत की स्थायी मैत्री की कामना करें।
बोगनवीलिया और कमल की सुगंध मिलकर सभी दिशाओं को सुवासित कर दे।