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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द का संबोधन

नई दिल्ली : 11.05.2018

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1. मुझे 20 वें राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, जो हमारे देशकी एक महत्वपूर्ण घटना की वर्षगांठ है,के लिए यहां आकर खुशी हुई है। दो दशक पहले इसी दिन, पोखरण परमाणु परीक्षण किए गए थे और एक परमाणु हथियार संपन्‍न राष्ट्र तथा संवेदनशील जानकारी के प्रयोग में सक्षम, परिपक्व और जिम्मेदार प्रौद्योगिकी शक्ति के रूप में, भारत की क्षमता का प्रदर्शन हुआ था।

2. मई 1998 के पोखरण परीक्षण वैज्ञानिक क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति-दोनों का प्रदर्शन था। भारत का परमाणु कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी प्रतिबंध की अवधि के दौरान सीढ़ी दर सीढ़ी निर्मित किया गया था। तथापि हमारे वैज्ञानिकों और हमारे प्रौद्योगिकीविदों ने लगन के साथ कार्य किया और हमारे देश को और ऊंचे शिखर पर ले गए। 1998 में तत्कालीन सरकार ने परीक्षण करनेका साहसिक निर्णय लिया और भारत को वैश्विक स्तर पर पुन:स्थापित किया। इन परीक्षणों का भारत के प्रति विश्व के नजरिए पर, हमारी विदेश नीति, हमारे सामरिक संबंध और अंततोगत्वा हमारे अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकीय सहयोगों पर दूरगामी असर पड़ा।

3. इसीलिए आज हम अपने पूर्ववर्ती भारत के राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को याद करते हैं जिन्होंने उस समर्पित वैज्ञानिक दल का नेतृत्व किया जिसने पोखरण परीक्षण के लिए तैयारी की। हम अपने तत्कालीन प्रधानमंत्री, श्री अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व और साहस को भी याद करते हैं।

4. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस एक ऐतिहासिक घटना की वर्षगांठ से कहीं ज्यादा अर्थ रखता है। प्रौद्योगिकी की भांति यह भी भविष्य का मार्ग है।आज हम अपने कुछ सर्वोत्तम वैज्ञानिकों और नवान्वेषकों की उपलब्धियों तथा लोगों के जीवन को बदल देने वाले प्रयोज्‍य, वाणिज्यिक उत्पादों और प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी को रूपायित करने की सफलता पर गर्व करते हैं। यहां उपस्थित सभी लोगों विशेषकर पुरस्‍कार विजेताओं को मेरी बधाई।

5. आज हमने जिन उपलब्धियों की सराहना की है उनमें बच्चों में अतिसार से होने वाली मौतों के प्रमुख कारण रोटावायरस को समाप्त करने में मदद करने वाले टीके से लेकर किडनी और अन्‍य असंक्रामक रोगों के लिए एक किफायती लेकिन उच्‍च गुणवत्ता वाली नैदानिक मशीन शामिल है। आज जिन्होंने प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप पुरस्कार जीते हैं उनमें वे कंपनियां शामिल है जिन्होंने बेतार संचार,कैंसर रोगियों को औषधि संदाय तथा एंटी माइक्रोबियल प्रतिरोध की बढ़ती समस्या से लड़ने में मदद करने वाले चिकित्सा परीक्षणों में प्रगति दर्शाई है। हमने लीथियम आयन बैटरियों के चार्जर के लोकार्पण के साक्षी बने हैं और हमने कुछ अन्य प्रौद्योगिकीय नवाचारों की जानकारी भी प्राप्त की है।

6. इन नई प्रौद्योगिकियों में तीन गुण एक जैसे हैं। पहला, वे ऐसे समाधान उपलब्‍ध कराती हैं जो भारतीय संदर्भ में आवश्यक हैं, और हमारे लोगों की सामाजिक और आर्थिक जरूरतों में योगदान देती हैं। दूसरा, वे प्रतिस्पर्धी कीमत स्‍तर पर रहते हुए ऐसा करती हैं। और तीसरा, और जो मेरे विचार से सबसे महत्वपूर्ण है, वह है - गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न करना।

7. हमारे नवाचार और प्रौद्योगिकी प्रयासों में गुणवत्ता पर बल दिया जाता है और इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कभी ऐसा समय भी था जब हम कम खर्च वाले और किफायती नवाचार को जुगाड़ समझते थे। जुगाड़ का मतलब- छोटा-मोटा, थोड़ा-थोड़ा करके किया जाने वाला प्रगामी परिवर्तन या मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी में कट एंड पेस्ट वाला तरीका था। एक समाज के रूप में, हमने ऐसी मानसिकता को समाप्त किया है और आगे भी करते रहना चाहिए। आज के पुरस्कार विजेता इस बात के उदाहरण हैं कि हम कैसे निर्भीक होकर, जोखिम लेते हुए और कुशलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं और कैसे हम कल्पनाशक्ति और नवाचार के साथ तेजी से प्रगति कर रहे हैं। उत्‍पादों और प्रक्रियाओं से परे, हमारे प्रौद्योगिकी इनक्यूबेटरों के बीच यह जो नई ऊर्जा है, वह स्फूर्ति दायक है।

8. स्वतंत्रता के बाद भारत ने अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी और ज्ञान अर्जन के सोपान पर आगे बढ़ना शुरू किया। आज हमने संचार प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, औषध विज्ञान और जैव-प्रौद्योगिकी की अपने किस्‍म की सर्वोत्तम क्षमताओं का विस्तार किया है। इससे हमारे देश के बारे में अवधारणाएं बदल गई हैं और हमारे लोगों और हमारी अर्थव्यवस्था-दोनों को इससे मदद मिली है। पिछले वर्ष में ही हमने इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम 1 एल के प्रक्षेपण जैसी अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। हम चंद्रमा के लिए चंद्रयान-2 मिशन की भी तैयारी कर रहे हैं। भारत को दवाओं और रोग प्रतिरक्षण टीकों के मामले में प्रचुर ख्याति प्राप्त है। और चिकित्सा यंत्रों और निदान मशीनों के निर्माण के बारे में मुझे उम्मीद है कि हम अपनी सफलता को जेनेरिक दवाओं की तरह इन क्षेत्रों में भी दोहरा सकते हैं।

9. अब हमें नए सीमांतों को खोजना होगा। सरकार रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल विनिर्माण, बिग-डेटा विश्लेषण विज्ञान, क्वांटम संचार और इंटरनेट ऑफ थिंग्स में युवा प्रौद्योगिकीविदों को प्रशिक्षित करने के लिए उत्कृष्टता केन्‍द्र स्थापित करना चाहती है। सरकार स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के प्रदर्शन और अधिष्ठापन तथा जल उपलब्धता की चुनौती से निपटने के लिए सफल प्रौद्योगिकी समाधानों की दिशा में भी काम कर रही है। ये 21वीं सदी की चुनौतियां हैं और इनके लिए 21वीं सदी के समाधानों की ही जरूरत है। दर्शकगण में मौजूद हमारे युवा प्रौद्योगिकीविदों द्वारा ऐसे समाधान प्रदान किए जाएंगे।

देवियो और सज्जनो

10. प्रौद्योगिकी और नवाचार के निहितार्थ बहुत व्‍यापक हैं। मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, आयुष्मान भारत, कृषि पैदावार और कृषि आय में बढ़ोत्‍तरी आदि हमारे सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए प्रौद्योगिकी के रूप में विशाल प्रेरक शक्ति की आवश्‍यकता है। हमारे सभी लोगों के लिए किफायती आवास का निर्माण करने तथा सभी को ऊर्जा सुलभ करवाने के हमारे प्रयास के लिए प्रौद्योगिकी के रूप में विशाल प्रेरक शक्ति की जरूरत है। चाहे हमारे शहरों में वायु प्रदूषण या हमारी नदियों के जल के प्रदूषण से लड़ने का हमारा प्रयास हो, उसके लिए प्रौद्योगिकी के रूप में विशाल प्रेरक शक्ति की आवश्यकता है। एक प्रौद्योगिकी समर्थित समाज हमारा लक्ष्य है और इस लक्ष्य की प्रगति में भी प्रौद्योगिकी का प्रयोग समाहित होगा। प्रौद्योगिकी हमारी नियति है।

11. प्रौद्योगिकी हमारी नियति है परंतु प्रौद्योगिकी को समतापूर्ण भी होना चाहिए। इसके फायदे सभी को मिलने चाहिए। वित्त और संसाधन उन सभी प्रौद्योगिकीविदों को उपलब्ध होने चाहिए जो उद्यमी बनना चाहते हैं और जो प्रयोगशाला से निकलकर विनिर्माण क्षेत्र में पहुंचना चाहते हैं। सबसे बढ़कर प्रयास यह होना चाहिए कि लैंगिक समता को प्रौद्योगिकी उत्पादन और प्रौद्योगिकी साझेदारी के साथ एकीकृत किया जाए। हम चाहते हैं कि हमारे देश की युवतियां पहले से अधिक संख्‍या में प्रौद्योगिकी और नवान्वेषण के क्षेत्र में प्रवेश करें। जो यहां पहले से कार्य कर रही हैं वे उल्लेखनीय काम कर रही हैं परंतु उनकी संख्या बढ़ाए जाने की आवश्‍यकता है और यह कार्य जितना जल्‍दी किया जाए, उतना अच्‍छा होगा।

12. इन्हीं शब्दों के साथ और इस विश्वास के साथ कि जिज्ञासा और प्रयोग, विज्ञान और नवाचार तथा प्रौद्योगिकी और परिवर्तन का जादुई संगम भारत में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला है, मैं आप सभी को आपके भावी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

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