बेलारूस गणराज्य के राष्ट्रपति, श्री एलेक्जैण्डर लुकाशेनको के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन : 12.09.2017
बेलारूस गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री एलेक्जैण्डर लुकाशेनको,
आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यगण,
देवियो और सज्जनो,
राष्ट्रपति लुकाशेनको, मैं आपका और आपके शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत करता हूं। आपके लिए भारत नया नहीं है। आप यहां पहले भी आए हैं, परंतु इस बार की यह यात्रा बहुत ही विशेष है। इस वर्ष, हम दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर, हमारे द्विपक्षीय संबंधों की मुझे एक और घटना याद आती है, जब 1931 में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, जिन्होंने भारत को राष्ट्रगान दिया, ने बेलारूस की राजधानी मिंस्क की यात्रा की थी।
महामहिम,
हमारी द्विपक्षीय साझेदारी, सद्भावना और मैत्री पर आधारित रही है; हमारे संबंध भविष्य में भी बेहतर दिखाई दे रहे हैं।
दोनों राष्ट्रों की एक जैसी विश्व संकल्पना है। भारत और बेलारूस सभी राष्ट्रों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखण्डता और एकता का सम्मान चाहते हैं।
हम दोनों विश्व में शांति और स्थिरता का समर्थन करते हैं और विवादों और संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।
हम दोनों, आतंकवाद के सभी रूपों की और उसे ज़ाहिर करने के हर तरीके की घोर निंदा करते हैं। हम पूरी दुनिया के साथ मिलकर इस खतरे का मुकाबला करने के लिए वचनबद्ध हैं।
महामहिम,
2007 में आपकी पिछली यात्रा के बाद से भारत ने बहुत तरक्की की है। हाल के वर्षों में,भारत ने तेजी से आर्थिक विकास किया है और हमने अनेक प्रमुख कार्यक्रम शुरू किए हैं। यह खुशी की बात है कि बेलारूस हमारे‘मेक इन इंडिया’ कार्यकम में साझेदार बनना चाहता है। भारतीय कंपनियां भी बेलारूस में नए अवसर तलाश कर रही हैं।
हमें खुशी है कि ‘इंडिया यूरेशियन इकॉनोमिक यूनियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ पर जल्द ही बातचीत शुरू होगी। इसके पूरा होने के बाद, हमारे आर्थिक संबंधों में तेजी आएगी।
महामहिम,
चाहे पोटाश हो या बेलारूस के मशहूर ट्रेक्टर, हमारे किसान उनसे बड़े प्रसन्न हैं और आपके देश के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्हें खेती में सहायता मिली है और उनका पैदावार बढ़ा है। इससे हमारी खाद्य सुरक्षा भी बेहतर हुई है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हमारा सहयोग जारी है। ग्रोदनो बिजली परियोजना, जिसे हमने स्थापित करने में मदद की,हैदराबाद में एडवांस रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स की स्थापना में बेलारूस की भूमिका दर्शाती है कि हम मिलकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।
हमें, अपने वैज्ञानिक ज्ञान का इस्तेमाल भावी पीढ़ी को एक साफ-सुथरी धरती सौंपने के लिए भी करना चाहिए। आपके हरे-भरे शंकुधारी वन और हमारे स्वच्छ ऊर्जा प्रयास बेहतर जलवायु वाले विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
महामहिम, हमारे लोगों के आपसी संबंध मजबूत हैं। हमारे बीच बहुत सी समानताएं हैं। हम दोनों हॉकी खेलते हैं भले ही वो अलग-अलग सतह पर हों; हम दोनों बॉलीवुड को पसंद करते हैं भले ही वह अलग-अलग सब-टाइटल में हों।
आप अपने जिमनास्टों के बेहतर प्रदर्शन के लिए योग का लाभ उठा रहे हैं, और हम तबले की लय पर ‘बैले' की खूबसूरती दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुझे इस बात की भी खुशी है कि जल्द ही बेलारूस के स्टेट यूनिवर्सिटी में हिन्दी पढ़ाई जाएगी।
महामहिम,
आपने अब तक दस वर्षों के अंतराल में भारत का दौरा किया है। आप यहां1997 में आए, फिर 2007 में आए और अब 2017 में आए हैं। मैं आशा करता हूं कि फिर से आपका स्वागत करने के लिए हमें दस वर्षों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा!
मैं एक बार फिर आपका हार्दिक स्वागत करता हूं और आपको और आपके शिष्टमंडल के सदस्यों को शुभकामनाएं देता हूं।
देवियो और सज्जनो,आइए हम सब मिलकर:
• राष्ट्रपति लुकाशेनको के अच्छे स्वास्थ्य और कुशलता;
• बेलारूस के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि;तथा
• भारत और बेलारूस की चिरस्थायी मैत्री की कामना करें।