भारतीय पुलिस सेवा के 70 आरआर (2017 बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द का सम्बोधन
राष्ट्रपति भवन : 12.10.2018
1. मैं आप सभी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करता हूंlमैं आप सभी को बहुत ही कठिन प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने और भारतीय पुलिस सेवा में आपके प्रवेश पर बधाई देता हूंl
2. मुझे विश्वास है कि आप सभी को इसका अंदाजा है कि आईपीएस अधिकारी होने के नाते, आपके कंधों पर भारी जिम्मेदारी हैlयह एक ऐसी सेवा है जो हमारी राष्ट्रीय प्रशासनिक प्रणाली के स्तंभों में से एक हैlयह एक ऐसी सेवा भी है जो हमारे पुलिस बल में आम नागरिकों के विश्वास की कसौटी भी हैl नागरिकगण, आईपीएस अधिकारियों को ऐसे अधिकारी के रूप में देखते हैं, जो कानून व्यवस्था के रखवालेऔर न्याय दिलाने में मदद करने वाले हैंl
3. अखिल भारतीय सेवा के सदस्य के रूप में, निस्संदेह आप विभिन्न राज्यों में सेवाएं देंगे- लेकिन आप एक राष्ट्रीय विचार का प्रतिनिधित्व करेंगेl आपका अधिदेश कानून के शासन और हमारी लोकतांत्रिक राजव्यवस्था की सामान्य अवधारणा को बनाए रखने का हैlइस प्रकार से, आपन केवल कानून-व्यवस्था और ईमानदार आचरण के -अपितु कानून की गरिमा के भी रखवाले हैंlसरकारें आती जाती रहती हैं, परन्तु आप व्यवस्था में निरंतरता के और संविधान के प्रतिनिधि हैंl
4. आईपीएस अधिकारी के तौर पर आपको ऐसे विशेष अधिकार और शक्तियां प्राप्त होती हैं जो वास्तव में लोगों की सेवा कासाधन बनती हैंl आपका प्राथमिक कर्तव्य आम नागरिकों की सेवा करना, और यह सुनिश्चित करना है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को न्याय मिलेlयह बहुत दुर्लभ है कि किसी पेशे में आपको केवल कुछ व्यक्तियों के नहीं बल्कि हजारों लोगों के जीवन में अंतर लाने का मौका मिलता हैlआप ऐसे ही एक दुर्लभ पेशे में प्रवेश कर रहे हैं और आपको इस अवसर का सदुपयोग करना चाहिएl
5. कुछ लोगों का मानना है कि हम किसी समाज का और राष्ट्रीय विकास के स्तर का आकलन उसकी पुलिस व्यवस्था की गुणवत्ता सेकर सकते हैंl कई मायनों में पुलिस स्वयं प्रशासन की गुणवत्ता का प्रतीक होती है और प्रशासन की प्रतिनिधि भीlकिसी आम नागरिक और देश में आए पर्यटकों के लिए प्रशासन और शासन की छवि सिग्नल पर तैनात यातायात कॉन्स्टेबल, पड़ोस में गश्त करने वाले बीट अधिकारी और पुलिस थाने में रिसेप्शन डेस्क अधिकारी के साथ होने वाले संपर्क और उनके प्रभाव से बनती हैlहमें बुनियादी पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी आवश्यक कार्य करने चाहिए और किसी संवेदनशील एवं पेशेवर पुलिस बल की पहचान भी यही होती हैlइससे हमें ऐसे माहौल का निर्माण करने में मदद मिलेगी जहां नागरिक कानून लागू करने वालों से डरने की बजाय कानून से डरें और इसका सम्मान करेंl
6. हमारे पुलिस बलों के अधिकारी के रूप में आप इस क्षेत्र में वास्तविक योगदान कर सकते हैंlआपको स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिए और अपना कर्तव्य बिना किसी भय या पक्षपात के तथा बिना विलंब के निभाने चाहिएlपेशेवर लोक सेवक के तौर पर, राजनैतिक उच्चाधिकारियों को अपनी ईमानदार और निष्पक्ष सलाह देने के लिए तत्पर रहेंlआपके लिए संविधान सर्वोच्च और सतत् मार्गदर्शक होना चाहिएl
7. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में आपके समक्ष कई चुनौतियां आएंगीlइनमें से कुछ वर्तमान समय के अनुसार विलक्षण होंगीlउदाहरण के तौर पर, आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद द्वारा उत्पन्न चुनौतियां हैं, जिनके घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों आयाम हैंlमुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि आप इन चुनौतियों का पूरे दृढ़ निश्चय से सामना करेंगे, किंतु आपको ऐसा इस प्रकार करना चाहिए कि निर्दोष जनता को इससे परेशानी न होl
8. आपके सामने ऐसे अपराधों की चुनौतियां भी आएंगी जो आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकीय तरक्की के कारण उपजी हैंlहमारे पुलिस बलों को चाहिए कि वे सफेदपोश और कारपोरेट अपराध के निवारण, प्रबंधन और शमन में विशेषज्ञता हासिल करेंlऔर जहां प्रौद्योगिकी तथा इंटरनेट हमारे समाज में बेहतरी के लिए परिवर्तन ला रहे हैं, वहीं इनसे अत्याधुनिक, डिजिटल अपराध के लिए जमीन भी तैयार हो रही हैlमुझे यकीन है कि हमारे पुलिस बलों के आप सभी नौजवान मुखिया इनका मुकाबला करने योग्य बनेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि हम इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर लेंl
9. प्रौद्योगिकी, हमारे लिए चुनौती और साधन दोनों हैlप्रौद्योगिकी से आपको अपना कर्तव्य बेहतर दक्षता के साथ करने की सक्षमता प्राप्त होती हैl नागरिकों को पुलिसबल से संवाद करने-और अपने घर और कंप्यूटर या मोबाइल फोन से ही आसानी से-शिकायत दर्ज कराने की भी सहूलियत मिलती हैl कृपया इस प्रक्रिया को प्रोत्साहित करेंlएक आदर्श पुलिस व्यवस्था वह है जहां जनता को पुलिस थाने में जाए बगैर पुलिस की सेवाएं सुचारू रूप से प्राप्त होंl
10. मैं इस कथन के साथ अपनी बात समाप्त करूंगा जो राष्ट्रपति भवन में आने वाले विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों से मैं हमेशा कहता हूंl आपको अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत सफलता के लिए प्रयास करने हैं वहीं आपको यह नहीं भूलना है कि आप सभी लोग-चाहे शिक्षा या पद या किसी अन्य तरीके से-किसी न किसी रूप में सौभाग्यशाली हैंlआईपीएस अधिकारी के रूप में आप सभी से पुलिस बलों का नेतृत्व करने की और अपना कार्यपूरी सत्यनिष्ठा से करने की अपेक्षा की जाती हैlकिन्तु आपको इससे और बेहतर करना चाहिएlआपको समाज तथा कमजोर वर्गों के लोगों के प्रतिदाय का अपना कर्तव्य निभाना चाहिएlआप यह किस प्रकार करेंगे, यह मैं आप पर छोड़ता हूंlलेकिन यह याद रखिए कि आप में से हर व्यक्ति को और वास्तव में इस कक्ष में उपस्थित हम सभी लोगों को उन लोगों के जीवन में सकारात्मक योगदान करना ही होगा जो पिछड़ गए हैंl
11. मैं आप सभी को हमारे देश की सेवा में एक लंबे और सफल करियर के लिए शुभकामनाएं देता हूंl