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स्विट्जरलैंड की फेडरल काउंसिल में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

बर्न : 13.09.2019

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1. स्विस कॉनफेडरेशन आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। मैं राष्ट्रपति मौरर का उनकी गर्मजोशी और मेरे विशेष स्वागत के लिए आभार व्यक्त करता हूं। स्विट्जरलैंड के लिए हमारे दिलों में बहुत विशेष स्थान है। हमारी भागीदारी की एक अनूठी विशेषता है। एक स्वतंत्र, संप्रभुता सम्पन्न देश के रूप में हमने अपना पहला मैत्री समझौता आप सबके देश के साथ ही किया था। पिछले वर्ष हमने उस मैत्री संधि और उदारवाद, बहुलवाद तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली हमारी साझा लोकतान्त्रिक यात्रा के 70 साल पूरे होने का उत्सव मनाया।

2. हमें और आप सभी को अपना लोकतन्त्र बहुत प्रिय है। हमने पिछले दिनों अपने देश में आम चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए। इस वर्ष अप्रैल—मई में छह सप्ताह की अवधि में, सात चरणों में आयोजित, कुल 90 करोड़ मतदाताओं और 60 करोड़ से अधिक मतदान वाले भारत के संसदीय चुनाव को हमारी धरती पर आज तक की विशालतम लोकतांत्रिक प्रक्रिया माना जाता है। हमारी लोक सभा के कुल 543 में से करीब आधे सांसद पहली बार चुने गए। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि 78 महिलाएं लोक सभा के लिए चुनी गईं जो हमारे लोकतन्त्र के इतिहास में महिला सांसदों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। संख्याओं से परे जाकर, हमारी संसद में भारत की विविधता को भी अच्छी तरह देखा जा सकता है। इस क्षेत्र में आपकी उपलब्धियां भी उतनी ही प्रभावशाली हैं और हमें एक—दूसरे के अनुभव साझा करने का सुअवसर मिलता रहा है।

3. मैं अपने साथ नए भारत के निर्माण का संदेश लाया हूं - एक ऐसा भारत जो अपनी सभ्यता के मूल्यों के साथ आधुनिक जीवन की प्रगति और समृद्धि को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है; एक ऐसा भारत जहां नागरिकों को सर्वोत्तम सुविधाएं देने की आकांक्षा के साथ-साथ देश की प्राणधारा में— ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ अर्थात ‘सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है’ का प्राचीन दर्शन रचा—बसा रहता है।

4. मैं भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष में स्विट्जरलैंड आया हूं। वे 1931 में विल्नव आए थे। आपके देश और आपके जीवन—मूल्यों के साथ उनके विशेष सम्बन्धों के सम्मान में, मैं कल वहां महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करूंगा। आपकी बौद्धिक प्रखरता और आपके देश के प्राकृतिक सौंदर्य से आकर्षित हो कर स्वामी विवेकानंद और गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर भी स्विट्जरलैंड आए थे।

5. ज्ञान और विज्ञान की आपकी प्रवृत्ति ने आपके देश को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आकर्षक स्थान बना दिया है। बड़ी संख्या में भारतीय विद्यार्थी आपके विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं। कल मुझे बर्न विश्वविद्यालय में आपके देश के युवाओं को संबोधित करने का अवसर मिला। मैं उनके दृष्टिकोण और ऊर्जा से बहुत प्रभावित हुआ। मुझे प्रसन्नता है कि लौज़ान विश्वविद्यालय में हिन्दी पीठ फिर से शुरू करने पर हम सहमत हो गए हैं।

6. भारत—स्विट्जरलैंड की भागीदारी में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। हमारी खूबियां एक—दूसरे की पूरक हैं जो हमें स्वाभाविक सहभागी बनाती हैं। भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमने भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। विश्व के प्रमुख व्यापारिक सूचकांकों पर हमारी उपलब्धियां प्रभावशाली रही हैं। हमारी 65 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की है। हमारे युवाओं में ऐसी प्रबल प्रेरणा, ऊर्जा और आत्म—विश्वास है कि वे मशीन—इंटेलिजेंस युग की इबारत लिख सकें और चौथी औद्योगिक क्रांति का स्वरूप निर्धारित कर सकें। हम उन्हें कौशल युक्त और सशक्त बना रहे हैं जिससे हमारी जनसंख्या हमारी शक्ति बन जाए। इन युवाओं को हमारी प्रगति और समृद्धि का वाहक बनाने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। मेरी इस यात्रा के दौरान आयोजित हो रही भारत—स्विट्जरलैंड व्यापार वार्ता से हमारे आर्थिक और टेक्नॉलॉजी संबंध और मजबूत होंगे। हमें उम्मीद है कि इस दौरान इंडिया—स्विट्जरलैंड साइंस एंड इनोवेशन एलायंस बनाने के लिए आशय—पत्र का आदान—प्रदान हो सकेगा ताकि इन क्षेत्रों में हमारा सहयोग और मजबूत हो सके।

7. मुझे प्रसन्नता है कि आगामी सप्ताहों में दोनों देशों के बीच करों से जुड़े मुद्दों के बारे में जानकारी के स्वतः आदान—प्रदान की शुरुआत हो जाएगी। यह बड़ा ही सकारात्मक कदम है। कर-चोरी और कालेधन को वैध बनाने के कारोबार के तार आतंकवाद से जुड़े हैं। आतंकवाद का अभिशाप आज विश्व के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। भारत राज्य—प्रायोजित आतंकवाद का दशकों से सामना करता आ रहा है। हर प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को पराजित व नष्ट करने में हमआप का सहयोग चाहते हैं।

8. बहुराष्ट्रीय मंचों पर अपने संयुक्त कार्यों को हमें और मजबूत बनाना है। प्रभावी होने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को समकालीन विश्व की सच्चाइयों को प्रतिबिम्बित करना होगा। मुझे यह जान कर प्रसन्नता हुई है कि भारत और स्विट्जरलैंड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सीट की उम्मीदवारियों के लिए आपसी तालमेल बनाया है। न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता हेतु भारत का लगातार समर्थन करने के लिए हम स्विट्जरलैंड के आभारी हैं। जलवायु परिवर्तन का सामना करने में आपके साथ मिलकर काम करने के लिए हम वचनबद्ध हैं। पेरिस समझौते के तहत, हमारे लिए पर्यावरण—संबंधी जो लक्ष्य रखे गए हैं, हम उन्हें पूरा करने की राह पर हैं। जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने के समझौते पर हम आज ही हस्ताक्षर करने वाले हैं। हमें यह उम्मीद भी है कि स्विट्जरलैंड इंटरनेशनल सोलर एलाएन्स में शामिल हो जाएगा।

9. हमारे संबंध घनिष्ठ सांस्कृतिक समझ पर आधारित हैं। योग, आयुर्वेद, फ्रिबर्ग संगीत और बॉलीवुड का जादू हमारे लोगों को करीब लाया है। आपके सुंदर प्राकृतिक दृश्यों, जाने—पहचाने ब्रांडों और प्रसिद्ध खिलाड़ियों को लेकर भारत में स्विट्जरलैंड के प्रति सकारात्मक भावनाएं हैं। आपको भी ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे कि भारत के साथ आपके व्यापारिक सम्बन्धऔर मजबूत बनें तथा सांस्कृतिक सम्बन्धऔर प्रगाढ़ हों। मैं एक बार फिर राष्ट्रपति मौरर और फेडरल काउंसिल के सदस्यों को उनकी गर्मजोशी तथा मैत्री के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं आज ही होने वाली आधिकारिक वार्ता को लेकर उत्साहित हूं। हम अपने सम्बन्धों में एक नए युग की शुरुआत के लिए नई ऊर्जा के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।

धन्यवाद!