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'इंडिया—स्विट्जरलैंड बिजनेस राउंड टेबल' में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

बर्न : 13.09.2019

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1. स्विट्जरलैंड और भारत की भागीदारी अति विशिष्ट है। नवाचार तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी युक्त आर्थिक सहयोग इसकी प्रमुख प्रेरक शक्ति है। हमने मिलकर अपने लिए और पूरे विश्व के लिए समृद्धि और व्यापार के अवसर जुटाए हैं। राष्ट्रपति मौरर की गरिमामयी उपस्थिति के लिए और भारत—स्विट्जरलैंड सम्बन्धों को उनके द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। थोड़ी देर पहले, हमने अपने व्यापार सम्बन्धों के विस्तार को प्राथमिकता देने पर चर्चा की थी जिससे हमारी प्रगति और सतत विकास में सहायता मिल सके। राष्ट्रपति मौरर के पास वित्त विभाग भी है इसीलिए आर्थिक सम्बन्धों को बढ़ावा देने को वह बहुत महत्व देते हैं।

2. मैं, भारत और स्विट्जरलैंड के व्यापार संघों की, इंडिया—स्विट्जरलैंड बिजनेस राउंडटेबल के इस आयोजन के लिए सराहना करता हूं। मैं इकॉनॉमीसुइस और भारतीय उघोग परिसंघ को उनकी प्रस्तुतियों तथा व्यापारिक प्रतिनिधियों की व्यवस्था के लिए धन्यवाद देता हूं।

3. यहां उपस्थित ज़्यादातर लोग भारत की प्रगति—गाथा से अवगत हैं। हमने 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। हम आज विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम अपने देश और व्यापार करने के अपने तौर-तरीकों में आमूल बदलाव ला रहे हैं। हमारे प्रयासों के परिणाम मिलने लगे हैं। विश्व बैंक के व्यापार सुगमता सूचकांक में हमने 65 अंकों की छलांग लगाई है। नकदी—रहित कारोबार में वृद्धि के साथ हमारी अर्थव्यवस्था औपचारिक रूप ले रही है। डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्तीय टेक्नॉलॉजी के क्षेत्रों में नई उपलब्धियां हासिल की जा रही हैं। भारत के ‘रुपे कार्ड’ को भारत से बाहर भी बाज़ार में अच्छी स्वीकृति मिल रही है। वस्तु और सेवा कर लागू करने के महत्वपूर्ण फैसले से भारत, इतिहास में पहली बार एकल कर—प्रणाली वाला बाज़ार बन गया है।

4. हम तेजी से बदलते व्यापारिक विश्व में जी रहे हैं। बुनियादी बदलावों के दौर में नवाचारों का एक गुणवत्तापूर्ण इको-सिस्टम होना ज़रूरी है। नयेपन के दौर में आगे बने रहने के लिए हमने महत्वाकांक्षी ‘स्टार्ट—अप इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया है। 21 हज़ार से ज्यादा स्टार्ट—अप उद्यमों वाले भारत का, इस समय विश्व में तीसरा स्थान है। हमारी 30 यूनिकॉर्न (एक बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य वाली निजी कंपनियां) कंपनियों का मूल्य 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। स्विट्जरलैंड की स्टार्ट—अप प्रणाली भी बहुत प्रभावशाली है। हमें मिलकर एक—दूसरे की समृद्धि बढ़ानी होगी।

5. भारत का नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम इस समय दुनिया में अपनी तरह के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है। पवनऊर्जा उत्पादन में भारत का विश्व में चौथा स्थान है और सौर ऊर्जा तथा नवीकरणीय ऊर्जा के कुल क्षमतामें विश्व में पांचवां स्थान है। हमारा लक्ष्य 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 175 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने का है। हमने 2020 तक, 60 से 70 लाख बिजली से चलने वाले और हाइब्रिड (बिजली तथा जीवाश्म ईंधन दोनों से) वाहन सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा है।

6. मुझे प्रसन्नता है कि स्विस कंपनियों की भारत में दिलचस्पी बढ़ रही है। इस समय भारत में 250 से अधिक स्विस कंपनियां काम कर रही हैं। ये कंपनियां— सीधी बिक्री से लेकर अन्य देशों में निर्यात के लिए विनिर्माण करने जैसे अलग—अलग व्यापार मॉडल अपना रही हैं। कामकाज की इस विविधता से स्विस निवेशकों के भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास का पता चलता है।

7. स्विट्जरलैंड अति आधुनिक टेक्नॉलॉजी अपनाने वाला देश है और भारत में विश्व स्तर की मानव पूंजी तैयार की जा रही है। फार्मास्युटिकल्स, स्वास्थ्य—सेवाओं, सूचना प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, वाहन उद्योग, अन्तरिक्ष और जैव प्रौद्योगिकी में भारत का विश्व में प्रमुख स्थान है। हमारी अर्थव्यवस्थाएं काफी हद तक एक—दूसरे की पूरक हैं। पूंजी, टेक्नॉलॉजी, विज्ञान और विभिन्न कौशलों में हमारी सापेक्ष महारत को परस्पर जोड़ने की व्यापक संभावनाएं हैं।

8. हमारे प्रमुख कार्यक्रमों — मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटीज, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्टार्ट—अप इंडिया और स्किल इंडिया में हमें स्विट्जरलैंड का सहयोग मिला है। भारत की करीब आधी जनसंख्या यानि 60 करोड़ लोग 25 साल से कम उम्र के हैं और हमारी श्रम शक्ति में करीब 55 करोड़ लोग शामिल हैं। इस तरह, भारत के पास प्रचुर संख्या में युवा मानव संसाधन उपलब्ध है।

9. भारत में बदलाव लाने तथा इसकी प्रगति के लिए, हम स्विस कंपनियों को और अधिक निवेश व सहयोग के लिए आमंत्रित करते हैं। भारत में निवेश के अवसरों को रेखांकित करने के लिए हमने ऑनलाइन पोर्टल— ‘इंडिया इनवेस्टमेंट ग्रिड’ स्थापित किया है। मेरा आग्रह है कि आप इस ऑनलाइन पोर्टल पर नज़र अवश्य डालें।

10. मुझे विश्वास है कि आप लोगों के बीच आज होने वाले विचार—विमर्श से भारत और स्विट्जरलैंड के व्यापारिक तथा निवेश संबंध और भी घनिष्ठ हो सकेंगे।

धन्यवाद!