‘इंटरप्राइज इण्डिया शो’ के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन
यंगून : 13.12.2018
1. मैं यंगून में पांचवें इंटरप्राइज इंडिया शो का उद्घाटन करने के लिए यहां आकर प्रसन्न हूँ।इस आयोजन में मेरी भागीदारी और भारत के एक उच्च-स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल की यहां उपस्थिति से म्यांमार के साथ हमारे आर्थिक संबंधों के महत्व का पता चलता है।इस आयोजन में म्यांमार की अग्रणी व्यवसायिक संस्थाएं और 50 से अधिक भारतीय कंपनियां जो विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित और अत्याधुनिक निर्माण में लगी हुई बड़ी कंपनियों से लेकर लघु एवं मध्यम उद्यम तक भाग ले रही हैं।मैं भारतीय उद्योग परिसंघ और म्यांमार फेडरेशन ऑफ चैंबर्स ऑफ कॉमर्स यूनियन को इस आयोजन की मेजबानी करने और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने की सराहना करता हूं।
2. म्यांमार और भारत घनिष्ठ पड़ोसी हैं और हमारी मैत्री चिरस्थायी हैl हालांकि हमारी व्यापार और निवेश साझेदारी बहुत पुष्ट नहीं है।लेकिन हम दोनों उन्हें उंचाइयों पर ले जाने के लिए गंभीरता से प्रतिबद्ध हैं।हमारे सामने - व्यापार का विस्तार करने, संयुक्त उद्यम बनाने और एक दूसरे की तरक्की और विकास में निवेश करने के रूप में कई अवसर मौजूद हैं।
3. आज जब म्यांमार एक आर्थिक बदलाव की ओर अग्रसर है और भारत ने खुद को दुनिया की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है तब दोनों देश एक-दूसरे की सक्षमताओं से सीखने और लाभ उठाने के लिए एक साथ आकर बहुत कुछ कर सकते हैं।मुझे खुशी है कि एंटरप्राइज इंडिया शो ने म्यांमार में व्यापार साझेदारों, स्टार्ट-अप उद्यमों, इनक्यूबेटरों और ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ भारतीय उत्पादों, सेवाओं, नवाचारों और तकनीकी जानकारी से अवगत कराया है।और मुझे आशा है कि दोनों पक्ष अगले कुछ दिनों में सामने आने वाले अवसरों का लाभ उठाएंगे।
देवियो और सज्जनो,
4. म्यांमार के साथ अपने आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने के लिए हम बहुआयामी कार्यविधि अपना रहे हैं। अपनी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के जरिए हम दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ा रहे हैं।और आपसी समझ और समझौतों के माध्यम से, हम व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भू-सीमा पार करने (लैंड बॉर्डर क्रॉसिंग) की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
5. हमें पहले से जारी अपने प्रयासों की संपूर्ति के रूप में तत्काल मोटर वाहन समझौते पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता है।इससे सीमा पर रहने वाले लोगों के लिए प्रगति और समृद्धि के लिए, म्यांमार के लिए अधिक प्रभावी और किफायती तौर पर माल और सेवाओं के लिए और हमारे लिए बांस, जलकुंभी और अन्य प्राकृतिक वनस्पतियों से बने पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों के आदान-प्रदान के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी। मुझे खुशी है कि म्यांमार सरकार ने मेरी यात्रा के दौरान ने पी तॉ, यंगून और मांडले हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा-ऑन-अराइवल-सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।इससे हमारे देशों में लोगों के बीच परस्पर आदान-प्रदान और व्यापार संबंधों को बहुत बढ़ावा मिलेगा।
6. दोनों सरकारों की नज़र व्यापार और निवेश संबंधों में विविधता लाने की कार्यनीति पर है।मुझे उम्मीद है कि इस आयोजन के दौरान होने वाली बातचीत हमारे बीच सीमित द्विपक्षीय व्यापार और निवेश पर केन्द्रित होगी और उनका विस्तार करने के विचार और विकल्प इस बातचीत से सामने आयेंगे। हम डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स, टिकाऊ उत्पादों और हरित समाधानों के क्षेत्र में म्यांमार के साथ नई साझेदारी विकसित करने के इच्छुक हैं।
देवियो और सज्जनो,
7. भारतीय विकास गाथा मेंम्यांमार के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए बहुत कुछ है।भारत आज न केवल वस्तुओं और सेवाओं का एक स्रोत है, बल्कि प्रौद्योगिकी, वित्त, सर्वोत्तम व्यवसाय प्रथाओं, नवाचार और स्मार्ट समाधानों का स्रोत भी है।हमने अपनी अर्थव्यवस्था की कायापलट महत्वाकांक्षी बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं, स्मार्ट-सिटी कार्यक्रमों, हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर, हरित क्षेत्र हवाई अड्डों, पत्तन-आधारित औद्योगिक विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी आई-वेज़ के माध्यम से करना शुरु किया है।हमारे ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम नई व्यापारिक संभावनाओं का निर्माण कर रहे हैं और परिवर्तनकारी सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और प्रगति की शुरुआत कर रहे हैं।ये विशेष परियोजनाएं और वर्तमान में इनके माध्यम से भारत में बढ़ रहे व्यवसाय-जगत से म्यांमार के लिए कई अवसर सामने आते हैं।हमारी कंपनियों और उनकी क्षमताओं से म्यांमार के समक्ष बेहतरीन बुनियादी सुविधाएं, अत्याधुनिक उत्पाद और सेवाएं और ‘फिन-टेक’ से लेकर बायोटैक तक-डिजिटल रूप से संचालित विकल्प और साथ ही अन्य बहुत कुछ – प्रस्तुत करते हैं। अगर म्यांमार की कंपनियाँ, 'पश्चिम की ओर देखने' का फैसला करती हैं, तो उन्हें अपने भारतीय समकक्षों के साथ सहयोग के लिए निश्चित रूप से अनेक अवसर प्राप्त होंगे।
8. इसी तरह, अगर भारतीय व्यवसाय म्यांमार के बाजार में अपार संभावनाओं और अवसरों का अध्ययन करें तो वे विशेष रूप से अक्षय ऊर्जा, बिजली, हल्की इंजीनियरिंग, कृषि उत्पाद और मशीनरी, आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्यचर्या सेवा और शिक्षा क्षेत्रों में नई परियोजनाओं और प्रस्तावों को सामने लाने में सफल होंगे।
9. भारत में, हम तीव्र विकास के मार्ग पर चल रहे हैं।लेकिन वह केवल हमारी कहानी का आधा हिस्सा है; हम इसे समानता के साथ भी जोड़ रहे हैं ताकि हमारी प्रगति का प्रतिफल अधिकाधिक लोगों को मिल सके।इस प्रयास में, हम विशेष रूप से सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने, वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने और कौशल प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।हमारी सूक्ष्म-ऋण योजना ‘मुद्रा’ ने छोटे व्यवसायों को शुरू करने के लिए अब तक 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के 128 मिलियन ऋणों का वितरण किया है।इससे उद्यमशीलता, स्व-रोजगार और सूक्ष्म उद्यम फल-फूल रहे हैं। इस संबंध में हमारे पास म्यांमार के साथ साझा करने के लिए महत्वपूर्ण अनुभव हैं, क्योंकि दोनों देश समान सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और हमारे उद्देश्य भी हैं।इसलिए, मुझे विशेष रूप से खुशी है कि इस कार्यक्रम के साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र पर पूरे दिन का एक सम्मेलन रखा गया है।
देवियो और सज्जनो,
10. एक मित्रवत् पड़ोसी के रूप में भारत, राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में म्यांमार के समक्ष आने वाली बाधाओं को समझता है।आपके देश में मानव और प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं। यदि खास तौर से ऊर्जा, दूरसंचार, बैंकिंग, बीमा और स्वास्थ्य-चर्या सेवा के क्षेत्रों में, सही विनियामक वातावरण तैयार किया जाता है, तो यहाँ हर प्रकार का निवेश आने है और इसे विकसित होने, पनपने और तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलने की वजह मौजूद है।
11. मुझे खुशी है कि म्यांमार पहले से ही व्यापार और पूंजी को आकर्षित करने के लिए अपनी नीतियों में सुधार कर रहा है।निवेश और विदेशी आर्थिक संबंध के एक अलग मंत्रालय का गठन एक स्वागत योग्य कदम है।मुझे उम्मीद है कि यह एक निवेश गंतव्य के रूप में म्यांमार के आकर्षण को बढ़ाने में सक्षम होगा।भारत ने पिछले चार वर्षों की अवधि में विश्व बैंक की व्यापार सुगमता की रैंकिंग में 65 स्थान की छलांग लगाई है।हमें इस संबंध में म्यांमार के साथ अपना अनुभव साझा करने में खुशी होगी।
12. क्षमता निर्माण और कौशल विकास के क्षेत्र में, हमें म्यांमार के साथ अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। कल, भारतीय सहायता के साथ निर्मित उन्नत कृषि अनुसंधान और शिक्षा केन्द्र और राइस बायो-पार्क, म्यांमार की जनता को को लोकार्पित करने का सम्मान मुझे प्राप्त हुआ।अपनी आजीविका और खेती के विकल्पों को बढ़ाने में ये सुविधाएं लोगों के कौशल उन्नयन में काम आएंगी।इसी तर्ज पर, हमारे व्यवसाय एक-दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं और इस देश में युवाओं के लिए ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की दुनिया का दरवाजा खुल सकता है।
देवियो और सज्जनो,
13. हमारे द्विपक्षीय व्यापार में दालों के विशेष महत्व से मैं अवगत हूं।भारत म्यांमार की फलियों और दालों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और मुझे ज्ञात है कि हाल ही में इस क्षेत्र में कुछ कठिनाइयां सामने आई हैं।मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि दोनों ओर के किसानों का हित हमारे ध्यान में है और पारस्परिक रूप से लाभकारी समाधान खोजने के लिए म्यांमार सरकार के साथ हम मिलकर काम कर रहे हैं।
देवियो और सज्जनो,
14. हमारी "नेबरहुड फर्स्ट" और "एक्ट ईस्ट" नीतियों में म्यांमार का विशेष स्थान है।हमारे करीबी संबंधों के अनुरुप अपने आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए हम मिलकर काम करना जारी रखेंगे।और ऐसा करने में, हम अपने उद्योगों और हमारे व्यापार हितधारकों की ऊर्जा, विचारों और उद्यमशीलता पर भरोसा करते हैं।आप सभी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।