भारतीय लागत लेखाकार संस्थान के प्लेटिनम जुबली समारोह के उद्घाटन के अवसर पर, भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
नई दिल्ली : 14.07.2018
1. मुझे भारतीय लागत लेखाकार संस्थान के प्लेटिनम जुबली समारोह के उद्घाटन के लिए यहां आकर प्रसन्नता हुई है। हमारे देश के कॉरपोरेट और कारोबार इतिहास की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए मैं लागत लेखाकार समुदाय को बधाई देता हूं।
2. भारतीय लागत लेखाकार संस्थान, जिसे पहले भारतीय लागत और निर्माण लेखाकार संस्थान के रूप में जाना जाता था, की स्थापना कंपनी अधिनियम के अंतर्गत एक पंजीकृत कंपनी के तौर पर 1944 में की गई थी।इसे लागत लेखांकन कार्य के उन्नयन, नियमन और विकास का कार्य सौंपा गया था। मई, 1959 में संसद के विशेष अधिनियम अर्थात् लागत और निर्माण लेखाकार अधिनियम द्वारा एक संवैधानिक पेशेवर निकाय के रूप में इस संस्थान की स्थापना की गई थी। इसे लागत और प्रबंधन लेखांकन के पेशे के नियमन का दायित्व दिया गया था। तभी से, इसने उद्योग और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दिया है।
3. आज भारतीय लागत लेखाकार संस्थान विश्व का दूसरा सर्वाधिक विशाल और एशिया का सबसे बड़ा संस्थान है। इसके देशभर में और वास्तव में विश्व में लगभग पांच लाख विद्यार्थी और 75000 हजार सदस्य हैं।
4. लागत लेखाकार, विशेषकर विनिर्माण में शामिल प्रक्रियाओं तथा पूंजी उपयोग की दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लागत लेखाकार किसी कारोबारी संगठन के तीन ‘एम’ के सर्वोत्तम प्रबंधक होते हैं। ये‘एम’ हैं:- वहां काम करने वाले महिला और पुरुष (men and women), आगमों के रूप में सामग्रियों (materials) का उपयोग;तथा प्रसंस्करण, निर्माण और सृजन के लिए लगाई गई मशीनें (machines)। आने वाले दशक में वैश्विक विनिर्माण का विकास होने तथा हमारे‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के परिपक्व होने पर भारत में विनिर्माण तेज होगा। उस समय लागत लेखाकारों की भूमिका अपेक्षाकृत और बढ़ जाएगी। यह सुनिश्चित करना लागत लेखाकारों का दायित्व रहा है और रहेगा कि उत्पादों और सेवाओं को, गुणवत्ता से समझौता किए बिना प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उपलब्ध करवाया जाए।
5. लागत लेखाकारों को यह सुनिश्चित करना है कि उत्पादन प्रक्रिया में से निरर्थक कार्यकलापों और लागतों को समाप्त किया जाए। लागत लेखाकारों का कार्य अपरिहार्य लागतों को कम करने के लिए प्रक्रियाओं और प्रणालियों के नवाचार और सुधार तथा निवेश किए गए प्रत्येक रुपए को और अधिक लाभकारी बनाने में मदद करने का है। लागत लेखाकारों को हमारे कारोबार परिदृश्य में यदाकदा उभरने वाले ऊपरी दिखावे को कम करने में सहायता करनी है। इन सभी से भारत को विश्व स्तरीय उत्पादों के, कम लागत वाले और प्रतिस्पर्धी विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के राष्ट्रीय प्रयास को मजबूती मिलेगी।
6. जैसे-जैसे हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, मुझे उम्मीद है कि लागत लेखाकारों की मांग में और तेजी आएगी। यह मांग केवल कॉरपोरेट क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सरकारी संगठनों में भी बढ़ेगी। राज्य सरकारें तथा केन्द्र सरकार के मंत्रालय और विभाग खर्च और लागत को तर्क संगत बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय लागत लेखाकार संस्थान द्वारा प्रवर्तित एक सेक्शन 8 कंपनी ने भारतीय रेल की मौजूदा लागत प्रणाली के अध्ययन के लिए तथा और अधिक कुशलता कुशलता की दृष्टि से सुधारों के बारे में सुझाव देने के लिए भारतीय रेल के साथ एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। आने वाले दिनों में इस ज्ञान का प्रयोग, रक्षा अभिग्रहणों और अवसंरचना विकास सहित अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है।
7. जैसा कि आप जानते हैं, भारत सरकार ने कारोबार सुगमता को बढ़ाने, देश भर में एक सरलतर और एकरूप कर-निर्धारण प्रणाली शुरू करने तथा वित्तीय घोटालों के मामलों पर रोकथाम के लिए अनेक कदम उठाए हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपके संस्थान ने इन उपायों में सहयोग दिया है। उदाहरण के लिए, संस्थान ने नई व्यवस्था के अनुपालन के लिए कारोबारियों की मदद करने तथा समुचित जानकारी हासिल करने में पेशेवरों की सहायता के लिए वस्तु और सेवा कर सहायता पटल स्थापित किया है। संस्थान ने समय-समय पर वस्तु और सेवा कर प्राधिकारियों को सुझाव और टिप्पणियां भी भेजी हैं।
8. इसी प्रकार, आपके संस्थान की ऋणशोधन क्षमता पेशेवर एजेंसी ने ऋणशोधन क्षमता और दिवालियापन संहिता 2016 के प्रावधानों के अनुसार, ऋणशोधन क्षमता पेशेवरों का नामांकन और विनियमन कार्य आरंभ कर दिया है। इस श्रेणी के पेशेवर कारोबार प्रक्रियाओं को सुगम बनाने तथा हमारी कॉरपोरेट और बैंकिंग प्रणाली मेंविवादों के निपटान में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
9. भारतीय लागत लेखाकार संस्थान भारत में कौशल और उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास अभिकरण के साथ कार्य कर रहा है। यह हमारी जनसंख्या के एक बड़े हिस्से के तौर पर युवाओं के लिए आर्थिक अवसर बढ़ाने में काफी लाभकारी रहेगा।
10. मुझे खुशी है कि संस्थान की प्लेटिनम जुबली के आयोजन के भाग के रूप में, आप छात्राओं और सशस्त्र सेना में कार्यरत कर्मियों के बच्चों को विशेष छात्रवृतियां; आर्थिक रूप से वंचित विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता; युवाओं के लिए वस्तु और सेवा कर प्रणाली प्रशिक्षण सत्र; तथा रक्तदान शिविर के द्वारा समाज में योगदान करने का प्रयास कररहे हैं। मैं, महिलाओं विशेषकर युवतियों की वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने में मदद के लिए आपको प्रोत्साहित करना चाहूंगा। मैंने पहले भी इस बारे में उल्लेख किया है और मैं मानता हूं कि इससे हमारे समाज में महिलाओं के प्रति रवैए में बदलाव लाने और उन्हें सशक्त बनाने में बड़ी सफलता मिलेगी। वित्तीय औरकारोबारी पेशेवरों के रूप में आपको इस सामाजिक परिवर्तन का हिस्सा बनना चाहिए।
11. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार फिर इस संस्थान के प्लेटिनम जुबली समारोह के उद्घाटन के अवसर पर आपको बधाई देता हूं। मैं कामना करता हूं कि लागत लेखाकार समुदाय संस्थान के पेशेवर आचरण, कारोबार और उद्योग तथा भारत के लोगों के प्रति आने वाले अनेक वर्षों तक निष्ठापूर्वक सेवा करता रहे।