भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, 2017 के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
नई दिल्ली: 14.11.2017
मुझे भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन के प्रमुखसमारोह भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला-के उद्घाटन समारोह में उपस्थित होकर खुशी हुई है। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला का यह 37वां आयोजन है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि हमारे वार्षिक व्यापार कार्यक्रम सूची में और सांस्कृतिक कार्यक्रम सूची में भी यह एक संस्थान का रूप ले चुका है।
2. भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का महत्व किसी व्यापार मेले या प्रदर्शनी से कहीं अधिक है। प्रत्येक वर्ष 14 नवम्बर को आरंभ होने वाला यह मेला विश्व मंच पर भारत का ‘शो-केस’है। यह मेला अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रति भारत की प्राचीन और चिरस्थायी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। इतिहासकारों का मानना है कि विश्व का एक सबसे पुराना द्विपक्षीय व्यापार संबंध सिंधु घाटी सभ्यता और वर्तमान इराक की सुमेरियाई सभ्यता के बीच मौजूद था।
3. बाद में, पश्चात् रोमन लोगों ने केरल और तमिलनाडु के बंदरगाहों की यात्रा की और इसके बाद अरब लोग भारत आए। गुजराती व्यापारी सुदूर हिन्द महासागर की यात्रा पर जाते थे। उत्तरी भारत मध्य एशिया के विख्यात व्यापार मार्गों के साथ जुड़ा हुआ था। हमारे पूर्व और पूर्वोत्तर के राज्य सैकड़ों वर्षों से पड़ोसी देशों के साथ व्यापार कर रहे हैं। दक्षिण में चोल साम्राज्य ने अरब जगत में और वर्तमान में ‘आसियान’कहे जाने वाले देशों में अपने व्यापार मिशन भेजे। एक हजार साल पहले चोल सम्राट की ‘एक्ट ईस्ट’और‘गो वेस्ट’दोनों नीतियों पर चल रहे थे।
4. हमारा समाज स्वभावतः व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रति उदार रहा है। हमने उदारवादी, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को महत्व दिया है। यह भाव हमारे अंदर रचा-बसा है। यह एक ऐसी विरासत है, जिसे आधुनिक भारत और भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला आगे बढ़ा रहा है।
5. इस वर्ष का भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब भारत को विश्व अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में मान्यता मिली है। विश्व ने भारत के बदलते कारोबारी माहौल और कारोबार करने में आसानी के मामले में की गई तीव्र प्रगति को स्वीकार किया है। वस्तु और सेवा कर की शुरुआत एक मील का पत्थर रहा है। इसने राज्यों के बीच की बाधाओं को हटा दिया है। इसने एक साझे बाजार तथा बेहतर औपचारिक अर्थव्यवस्था और अपेक्षाकृत मजबूत विनिर्माण क्षेत्र के निर्माण में तेजी ला दी है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप विगत तीन वर्षों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में तीव्र बढ़ोतरी हुई है; यह 2013-14के36बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 2016-17 में 60 बिलियन अमरीकी डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश हुआ है।
मित्रो,
6. 222 विदेशी कंपनियों सहित तीन हजार प्रदर्शक भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2017 में भाग ले रहे हैं। भारत के 32 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश इसमें प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों से लेकर बड़े करोबारी घरानों तक लघु और मध्यम विनिर्माण उद्यमों से लेकर डिजिटल स्टार्ट अप तक अनेक संस्थाएं यहां मेले में शामिल हो रही हैं। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला एक लघु भारत है। यह मेला इस महाद्वीप की विविधता की तथा निपट ऊर्जा की झांकी है।
7. मैं विशेष रूप से भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, 2017 के साझीदार देश के रूप में वियतनाम की, विशेष ध्यान देने वाले देश के रूप में किर्गिज गणराज्य की और साझीदार राज्य के रूप में झारखंड राज्य की सराहना और स्वागत करता हूं।
8. इनमें से प्रत्येक चयन के पीछे एक लंबी कहानी है। वियतनाम एक महत्वपूर्ण मित्र और ‘आसियान’का सदस्य देश है। वह, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक स्तंभ भी है। हम वियतनाम और दक्षिण पूर्व एशिया जो हमारे सबसे महत्वपूर्ण व्यापार साझीदारों में से एक रहा है, के साथ व्यापार संबंधों को मजबूत बनाते आ रहे हैं।
9. किर्गीज गणराज्य भारत के प्राचीनतम व्यापार गंतव्यों में से एक मध्य एशिया क्षेत्र का भाग है। किर्गीज-भारत व्यापार विविधतापूर्ण है जिसमें औषधि से लेकर उपभोक्ता वस्तुएं तक शामिल हैं। इसमें विकास की असीम गुंजायश है। मुझे विश्वास है कि किर्गीज गणराज्य और भारत के बीच तथा वियतनाम और भारत के बीच व्यापार संबंध इस व्यापार मेले के संपन्न होने के बाद और भी मजबूत होंगे।
10. अब मैं झारखंड का जिक्र करना चाहूंगा। यह राज्य, सर्वाधिक संभावनाशील राज्यों में से एक है और संसाधनों से भरपूर है। झारखंड का हिस्सा भारत के खनिज संसाधनों में 40 प्रतिशत है और यहां प्राकृतिक खूबसूरती सर्वत्र बिखरी पड़ी है। इसमें खनन और औद्योगिक केन्द्र के साथ-साथ पर्यटन गंतव्य बनने की भी क्षमता है। यह एक दुर्लभ संयोग है। मुझे विश्वास है कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, 2017 से झारखंड,अपने व्यापार और कारोबरी संपर्कों का विस्तार करने का अवसर प्राप्त होगा।
मित्रो,
11. भारत के आर्थिक सुधारों और नीतियों का प्रमुख ध्येय गरीबी को मिटाने तथा करोड़ों साधारण परिवारों की समृद्धि को बढ़ाने का है। आखिरकार व्यापार से जनसाधारण को भी मदद मिलनी ही चाहिए। वे ही इसमें सबसे बड़े हितधारक हैं।
12. ‘मेक इन इंडिया’ ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्टार्ट अप इंडिया’, ‘स्टैंड अप इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’, ‘स्मार्ट सिटीज’तथा किसानों की आय को दुगुना करने का संकल्प जैसी भारत सरकार की प्रमुख पहलें आर्थिक सुधारों को समाज के सबसे निचले स्तर पर जीवन-यापन करने वाले लोगों के लिए सार्थक बनाने का प्रयास हैं। इन पहलों में व्यापार और निवेश के घटक भी शामिल हैं।
13. आदर्श स्थिति तो यह होगी कि गांवों की पारंपरिक रूप से पिछड़ी हुई पृष्ठभूमि की महिला उद्यमी अपनी खुद की खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया के तहत प्राप्त वित्तीय सहायता का इस्तेमाल करे। वह छोटे किसानों से फल खरीदें और इस प्रकर उसकी आय बढ़ाएं। इन फलों से वह अचार बनाएं, इसके बाद डिजिटल इंडिया के माध्यम से उपलब्ध कराई गई ब्रॉड बैंड पहुंच का प्रयोग करते हुए वह दूर-दराज के किसी शहर या देश में खरीददार की पहचान करे और उससे संपर्क करे। यह सब एक सपना सा लग सकता है परंतु इस सपने को भारत में धीरे-धीरे साकार किया जा रहा है।
14. इन सब प्रयासों से कारोबार और वाणिज्य के क्षेत्र में काम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्र निर्माता का रूप ले सकता है। इस प्रकार से व्यापार को हमारे राष्ट्र निर्माण का एक माध्यम बनाया जाता है। इसीलिए भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला जैसे आयोजनों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है।
15. निष्कर्ष रूप में, मैं भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2017 के सभी हितधारकों को शुभकामनाएं देता हूं कि वे अपने सामान और सेवाओं का प्रचार करें, उत्पादों की खरीद और बिक्री करें, नए-नए सौदे संपन्न करें और व्यापार का इस्तेमाल हमारी साझी दुनिया को निकटतर लाने के लिए करें।
16. भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले को निरंतर एक विश्व स्तरीय आयोजन का स्वरूप देने के लिए मैं इंडिया ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइजेशन को विशेष तौर पर बधाई देता हूं। मैं जानता हूं कि इंडिया ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइजेशन प्रगति मैदान को एक अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र के रूप में पुनः विकसित करने का काम कर रहा है। यह कार्य एक उदीयमान अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की प्रतिष्ठा के अनुकूल होगा। मैं प्रतीक्षा करूंगा उस दिन की जब नया प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केन्द्र बनकर तैयार हो और मैं इसे देखने आऊं। इस आशावादी और भविष्योन्मुखी दृष्टि के साथ मैं भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2017 के उद्घाटन की घोषणा करता हूं।
धन्यवाद,
जय हिन्द!