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अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) मैराथन के शीर्ष विद्यार्थी नवप्रवर्तकों से मुलाकात के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

नई दिल्ली : 14.11.2019

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1. मैं आप सभी का राष्ट्रपति भवन में हार्दिक स्वागत करता हूं। आज का दिन,पूरे देश के बच्चों के लिए एक विशेष दिन है और देश भर से आए बच्चों से मिलने और उनसे बातचीत करने के कारण यह दिन मेरे लिए भी विशेष बन गया है। लेकिन आप सब आज यहाँ केवल इसीलिए नहीं हैं कि आप बच्‍चे हैं, बल्कि इसलिए हैं क्‍योंकि आप हमारे देश के सबसे होनहार विद्यार्थीनवप्रवर्तकों में शामिल हैं।

2. मुझे बताया गया है कि आपको देश भर के 2700 विद्यालयों के लगभग 50,000विद्यार्थियों में से सर्वश्रेष्ठ नवप्रवर्तकों के रूप में चुना गया है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

3. मैं अभी आपके द्वारा प्रदर्शित नवप्रवर्तनोंको देखकर बहुत प्रभावित हुआ औरमेरे मन में यह विचार आया कि यदि इस देश के बालकों और युवाओं को परंपरा से हटकर सोचने का अवसर दिया जाए तो वे कितना कुछ हासिल कर सकते हैं। मुझे बहुत आशाएं भी हैं। दुनिया भर में, हमारे सामने आज अनेक कठिन चुनौतियां हैं, लेकिन हमारे पास आप जैसे प्रतिभावान युवा भी हैं,जो हमारे समक्ष खड़ी इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए अलग तरह से सोचने के लिए तत्पर हैं।

4. आप सभी की यह यात्रा वास्तव में मैराथन की तरह रही है। आपको चयन के अनेक स्तर पार करने थे और अंत में,आपको10सप्ताह के लंबे विद्यार्थी नवोन्मेष कार्यक्रम से होकर गुजरना था। इस मैराथन के अंत में, जब आज आप ‘फिनिशिंग लाइन’ पार कर रहे हैं,तब आपको स्वयं पर गर्व का अनुभव होना चाहिए। आपकी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आपको यह पहचान मिली है। अपनी सफलता का आनंद लेने के साथ-साथ, मैं चाहता हूं कि आप यह भी याद रखें कि इस सफलता के साथ ही आपको अब एक अवसर भी प्राप्त हुआ है। एक ऐसा अवसर जिसमें आप अपने नवोन्मेष के प्रोटोटाइप को व्यवहार्य उत्पादों में बदल सकें और अंततः एक स्टार्ट-अप में करें। तो, एक प्रकार से, भले हीआपकी मैराथन दौड़ समाप्त हो गई हो,लेकिन आपकी वास्‍तविक यात्रा का यह शुभारम्भ ही है।

5. यह सब आपके परिवार और मित्रों के सहयोग के बिना संभव नहीं था,जिन्होंने हर कदम पर आपका साथ दिया है। आपको अपने शिक्षकों द्वारा निभाई गई भूमिका को भी नहीं भूलना चाहिए। वे आपकी इस यात्रा में आपके दिशासूचक (जीपीएस) की तरह कार्य करते रहे हैं। आपको इस मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने आपका मार्गदर्शन किया, योजना तैयार की और आपको प्रेरित करते रहे। उन्होंने आपको विद्यार्थी से युवा नवोन्‍मेषक के रूप में रूपांतरित किया है। मुझे प्रसन्नता है कि आपकी सफलता के इस क्षण में आपमें से कुछ लोगों के गुरु आज यहाँ आपके साथ हैं।

प्रिय बच्चो,

6. आप अलग-अलग राज्यों से हैं, भिन्न-भिन्न भाषाएँ बोलते हैं और अलग-अलग संस्कृतियों में पले-बढ़े हैं। फिर भी, समान उद्देश्य ने आप सभी को एकसूत्र में बांधा है। वह उद्देश्य है - हमारे समाज के सामने उपस्थित समस्याओं का नवाचारी समाधान खोजना। लेकिन आपको इनका समाधान अकेले खोजने से नहीं मिल पाएगा। आपको दूसरों के साथ मिलकर काम करना,एक दूसरे के विचारों को सम्मान देना और अलग-अलग दृष्टिकोणों को समझना सीखना होगा। आपने देखा है कि अलग तरह से सोचना कितना लाभदायी हो सकता है,लेकिन आपको यह भी याद रखना चाहिए कि जब तक आप साथ मिलकर काम नहीं करेंगे तब तक आप अपने विचारों को फलीभूत होते नहीं देख पाएंगे।

7. मैं चाहूंगा कि युवा नवप्रवर्तक के रूप में,आप एक और बात का ध्यान रखें। अपने से कम सौभाग्यशाली लोगों की जरूरतों के प्रति आप संवेदनशील रहें। जब आप ऐसी समस्याएं चुनें जिनका समाधान आप करना चाहते हैं या आपने कोई समाधान ढूंढा हो,तो स्वयं से पूछें कि क्या यह वंचित लोगों जैसे - दिव्यांग-जनों या जरूरतमंद बच्चों के लिए मददगार होगा। एक समाज के रूप में प्रगति करने के लिए,हमें साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा, और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पीछे न छूट जाए।

देवियो और सज्जनो,

8. पिछले कुछ वर्षों से,नवाचार के महत्व और नवाचार की संस्कृति को विकसित करने के बारे में, मैं अपने विचार व्यक्त करता रहा हूं। हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से राष्ट्रपति भवन में नवाचार और उद्यमिता पर्व का आयोजन करते आ रहे हैं,और इस वर्ष हमने यह पर्व लोगों के बीच मनाया। मार्च में,मैंने गांधीनगर में इस पर्व का उद्घाटन किया। वहां समारोह को संबोधित करते हुए,मैंने इस बात पर जोर दिया था कि हमें ऐसे स्कूलों की आवश्यकता है जहाँ बच्चे याद करने और रटने के बजाय समझने और समाधान ढूंढने पर जोर दें। हमें ऐसी कार्य संस्कृतियों की आवश्यकता है जहाँ युवा प्रतिभाएँ आगे आएं और सवाल पूछें - न कि पीछे रहकर हर बात पर हामी भरें। और इसके लिए सरकार को अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में,‘अटल इनोवेशन मिशन’ और ‘अटल टिंकरिंग लैब’ की टीम द्वारा किए गए कार्य से मुझे बहुत प्रसन्नता हुई।

9. मुझे बताया गया है कि आपने शीर्ष50 टीमों का चयन किया और उनके साथ15 अटल सेवा केन्द्रों में पूरी मेहनत से काम किया,जहां इन विद्यार्थियों ने पूरे सप्ताह व्यावसाय विकास के विभिन्न पहलुओं की बारीकियों के बारे में सीखा। यह वाकई सराहनीय है।हमें ऐसा वातावरण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है जहां इन युवा मस्तिष्कों द्वारा किये जाने वाले नवाचारों का पोषण किया जा सके। बच्चों के मन को जागृत करके और नवाचार के लिए प्रोत्साहित करके, हम एक ऐसी पीढ़ी को बढ़ावा दे रहे हैं जो आत्मनिर्भर बनेगी और साधन संपन्न होगी। यह एक ऐसी पीढ़ी होगी जो केवल रोजगार प्राप्त करने वाली न होकर,रोजगार देने वाली भी होगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि ये युवा बालक और बालिकाएं एक दिन सफल उद्यमी बनेंगे और इसके लिए ‘अटल इनोवेशन मिशन’ को उनकी आगे की यात्रा में उनका सहयोग करना होगा।

10. मैं उन सभी बच्चों को जिनसे आज मैं मिला, उनके गुरुओं और संपूर्ण अटल नवाचार परिवार को शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि आप इस सद्कार्य को निरंतर आगे बढ़ाएंगे और भविष्य में इस तरह के और ‘टिंकरिंग मैराथन’ आयोजित करना जारी रखेंगे।


धन्यवाद,

जय हिन्द!