अंतानानारिवो विश्वविद्यालय में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
मेडागास्कर : 15.03.2018
आप सभी को सुप्रभात! मैं अंतानानारिवो विश्वविद्यालय, जिसके बारे में मुझे बताया गया है कि यह मेडागास्कर में उच्च शिक्षा का अग्रणी संस्थान है, के विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों और शैक्षिक समुदाय के बीच उपस्थित होकर सम्मानित अनुभव कर रहा हूं। मेडागास्कर की यह मेरी पहली यात्रा है। सच तो यह है कि, भारत के किसी राष्ट्रपति द्वारा इस खूबसूरत देश की यह प्रथम यात्रा है।
2. मेडागास्कर और भारत के बीच का फासला लम्बा लग सकता है परंतु बहुत से मायनों में हम पड़ोसी हैं। हिन्द महासागर का पानी दोनों देशों के तटों को भिगोता है। इस विराट महासागर की उम्मीदें और अवसर, सरोकार और चुनौतियां हमें स्वाभाविक साझीदार बनाती हैं। इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी के अनुसार, समुद्र के भीतर के हमारे अन्वेषण क्षेत्र एक दूसरे के सर्वाधिक निकट हैं।
3. भूगोल के अलावा, हम भू-विज्ञान के माध्यम से भी जुड़े हुए हैं। 10 करोड़ वर्ष पहले भारत और मेडागास्कर एक ही विशाल महाद्वीप-गोंडवाना के हिस्से थे। महाद्वीपीय अपसरण की घटना के कारण, यह विशाल महाद्वीप टूट गया और धीरे-धीरे हजारों वर्षों के दौरान, मेडागास्कर और भारत अलग-अलग दिशाओं में बढ़ते चले गए। फिर भी, हमारी प्राचीन चट्टानों और मिट्टी की गहराइयों में कहीं, हम अभी भी एक दूसरे के परिजन हैं। हम दोनों ही गोंडवाना की संतान हैं।
4. 18वीं शताब्दी में पहली बार भारतीय प्रवासी मेडागास्कर पहुंचे। इस मैत्रीपूर्ण और आतिथ्यपूर्ण देश, जिसे अपने बहुजातीय स्वरूप और बहुलवाद पर गर्व है, में उनका खुलकर स्वागत किया गया। आज के मेडागास्कर-भारत संबंध हमारे साझे अनुभवों के इतिहास से विकसित हुए हैं। एक समृद्ध, समावेशी और सतत विश्व के हमारे साझे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दोनों देश द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर एक दूसरे के साथ सहयोग करते आ रहे हैं। अभी पिछले सप्ताहांत 10 और 11 मार्च को मेडागास्कर ने नई दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के प्रथम शिखर सम्मेलन में विशिष्ट प्रतिभागी के रूप में सहभागिता की है। हम अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में मेडागास्कर के शामिल होने के लिए उस की गहरी सराहना करते हैं। आईएसए भारत स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके हितधारक विश्वभर में, विशेषकर यहां मेडागास्कर में भी हैं।
5. एक द्वीपीय राष्ट्र के रूप में मेडागास्कर जलवायु परिवर्तन के जोखिमों और जीवाश्म ईंधन से हटकर नवीकरणीय और विशेषकर सौर ऊर्जा अपनाने की आवश्यकता को दूसरों से कहीं ज्यादा बेहतर ढंग से समझता है। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के सदस्य राष्ट्र के रूप में मेडागास्कर की पहुंच, भारत के राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान द्वारा चालू की जाने वाली सौर अनुदान प्रायोगिक परियोजना तक होगी।
देवियो और सज्जनो,
6. मेडागास्कर और भारत दोनों ही युवा देश हैं जो संकल्प और उत्साह के साथ हमारे भविष्य को बदलने की मंशा रखते हैं। इस विश्वविद्यालय में आने का एक कारण यह भी है कि मैं मेडागास्कर के युवाओं से बातचीत करने के लिए आतुर था क्योंकि इस देश की 60 प्रतिशत जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। भारत का जन-सांख्यिकीय स्वरूप भी बिल्कुल ऐसा ही है। हमारी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। हमारे देशों के युवा एक जैसे सपने देखते हैं। उनके सपनों को साकार करने के लिए हमें मिलकर कार्य करने की जरूरत है। आपके अपने देश की प्राथमिकताओं के अनुसार हमें मिलकर कार्य करने की जरूरत है जिससे कि भारत मेडागास्कर की विकास प्रक्रिया में मदद कर सके।
7. यह उपयुक्त ही है कि मेडागास्कर और भारत के संबंधों की बुनियाद शिक्षा सहयोग पर टिकी है। भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम, भारत अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन पहल और नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर स्थापित सी.वी. रमन फैलोशिप सहित अनेक मंचों के अंतर्गत भारत मेडागास्कर के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा छात्रवृत्तियां प्रदान करता है। अब तक मेडागास्कर के 355 लड़कों और लड़कियों ने ये छात्रवृत्तियां हासिल की हैं। उम्मीद है कि हमें भविष्य में बहुत से विद्यार्थियों का स्वागत करने का अवसर मिलेगा।
8. मेडागास्कर के युवा इस देश के भविष्य हैं। भारत के युवाओं के साथ मिलकर कार्य करते हुए वे 21वीं सदी में एक बेहतर विश्व का निर्माण करने में मदद करेंगे। मैं जोर देकर कहना चाहूंगा कि मेडागास्कर के लोग चाहे विद्यार्थियों या पर्यटकों के रूप में आएं या कारोबार के लिए आएं, भारत में उनका हार्दिक स्वागत होता रहेगा। भारत में प्रचुर अवसर मौजूद हैं परंतु ये अवसर हमारे अकेले के लिए नहीं हैं। हम मेडागास्कर के अपने मित्रों को उन अवसरों का हिस्सा बनाना चाहते हैं।
9. मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि यहां के सैकड़ों विद्यार्थियों ने 2010 में शुरू हुई ‘पैन अफ्रीकन ई-नेटवर्क परियोजना’ का इस्तेमाल किया है। भारत सरकार इस नेटवर्क को उन्नत बनाने की प्रक्रिया में लगी हुई है ताकि मेडागास्कर और अफ्रीका के अधिक से अधिक विद्यार्थी ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से लाभ उठा सकें।
10. शिक्षा की तरह जन-स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में भी मेडागास्कर को एक तत्पर साझीदार के रूप में भारत का साथ मिलता रहेगा। मेडागास्कर के स्वास्थ्य पेशेवर अधिकाधिक संख्या में भारतीय चिकित्सा संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इंस्तीत्यूत मेदिकाल दे मेडागास्कर के साथ मिलकर टेली-मेडिसिन सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। वर्ष 2010 से भारत के बड़े अस्पताल मेडागास्कर के रोगियों को मुफ्त निदान उपलब्ध कराने के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं।
11. मेडागास्कर और भारत दोनों ही कृषक समाज हैं जिनके पास विशाल, उपजाऊ खेत और मेहनती किसान हैं। यह उचित ही है कि कृषि-क्षेत्र में अनुसंधान और अपने किसानों की पैदावार और आय बढ़ाने में मदद करने की आकांक्षा हमें नजदीक लाएगी। मेरी यात्रा के दौरान, ‘सेंटर फॉर जियो-इंफॉर्मेटिक्स एप्लीकेशन्स इन रूरल डेवलपमेंट’ का उद्घाटन करने का सौभाग्य मुझे मिला है। यह केन्द्र हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रति एक सम्मान है और इससे मेडागास्कर के लोग ग्रामीण विकास के अनेक अनुप्रयोगों में भू-स्थानीक प्रौद्योगिकियों का प्रयोग कर सकेंगे।
12. अभी कुछ सप्ताह पहले फरवरी, 2018 में ही हमारे संयुक्त कृषि कार्य समूह की बैठक अंतानानारिवो में हुई थी। भारतीय सहयोग से निर्मित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं से मेडागास्कर के किसानों को अपनी मृदा की जरूरतों और गुणों के बारे में तथा आवश्यक विशेष पोषक तत्वों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद उपलब्ध करा रही है।
13. भारत मेडागास्कर में एक उर्वरक संयंत्र का निर्माण करने में भी मदद कर रहा है और मुझे विश्वास है कि यह जल्दी ही तैयार होकर काम करने लगेगा। अन्य प्रयासों के साथ-साथ संगत सहयोग परियोजनाओं से सिंचाई में सुधार आएगा और चावल की पैदावार और खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी। हम मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। मिट्टी के कटाव का मुकाबला करने से लेकर खाद्य प्रसंस्करण अपनाने में किसानों की मदद करने तक ऐसे बहुत से अनुभव हैं जिन्हें हम भारतीय लोग आपके साथ सहर्ष साझा करना चाहेंगे।
14. मेडागास्कर और भारत में बहुमूल्य प्राकृतिक और खनिज संसाधनों का भंडार है। यह महत्वपूर्ण है कि इनका प्रबंधन और विकास सतत और पर्यावरण अनुकूल तरीके से किया जाए जिससे स्थानीय समुदाय को रोजगार, लाभ और खुशहाली हासिल हो। इसमें भी भारत को मेडागास्कर के प्रयासों में मदद करके खुशी होगी।
15. वास्तव में हमारा प्रमुख साझा संसाधन यह महासागर है; जल का यह अपने भीतर बहुत सी समृद्धियां, बहुत सी आशाएं और कभी-कभी छिपी हुए चुनौतियों को भी अपने में समेटे हुए है। हमें समुद्र का दोहन करने की और मेडागास्कर के मछुआरा समुदायों की मदद करने की जरूरत है। इसके समानांतर,हमें समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यावरणीय क्षय से बचाव सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। सबसे बढ़कर हमें मानवीय आपदाओं तथा समुद्र के अप्रत्याशित मिज़ाज के लिए तैयार रहने की जरूरत है। मेडागास्कर और भारत की नौसेनाएं घनिष्ठ साझेदार हैं और भारतीय जलयानों ने मेडागास्कर की अनेक मैत्रीपूर्ण यात्राएं की हैं। मुझे विशेषकर 2016 में हमारे जलयान आईएनएस लिकांड की यात्रा याद आ रही है। मुझे खुशी है कि अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान इस जलयान और इसके दल ने डीयाना क्षेत्र में ‘बुश फायर’आपदा के बाद के राहत कार्यों में सहयोग किया और इस मायने में, मेडागास्कर की जनता की सहायता की।
मित्रो,
16. इस समारोह के साथ ही, मैं मेडागास्कर की अपनी यात्रा संपन्न कर रहा हूं और भारत लौट रहा हूं। मुझे जो आतिथ्य और स्नेह प्राप्त हुआ उसकी सुखद यादें और सद्भावनाएं अपने साथ लेकर जा रहा हूं। इससे मुझे और भी विश्वास हो गया है कि मेडागास्कर और भारत परस्पर मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं, उन्हें करना चाहिए और करेंगे भी। ऐसे रमणीय और अनूठी वनस्पति और जीव-जंतुओं वाले आपके सुन्दर देश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। भारतीय पर्यटन उद्योग इस संभावना को साकार करने में मदद कर सकता है। देश से बाहर पर्यटन पर जाने वाले भारतीय पर्यटक, जो विश्व पर्यटकों का एक बड़ा हिस्सा हैं, निःसंदेह वृहत्तर संख्या में आपके शानदार देश की यात्रा करने की प्रतीक्षा में हैं।
17. मैं इस उम्मीद के साथ वापस लौट रहा हूं कि मेरी यात्रा के बाद हमारे देशों और हमारी जनता के बीच और अधिक यात्राएं होंगी। मैं मेडागास्कर की वनीला और कॉफी की सुगंध लेकर वापस जा रहा हूं। मैं इस विश्वास के साथ लौट रहा हूं कि बाओबाब वृक्ष और नीम वृक्ष हमें अपनी राहत भरी छाया प्रदान करेंगे। मैं इस भरोसे के साथ लौट रहा हूं कि मेडागास्कर और भारत हमेशा मित्र बने रहेंगे।
18. रवाना होने से पहले, मैं इस विश्वविद्यालय के सभी युवाओं को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं आपकी सफलता की कामना करता हूं कि आप अपनी शिक्षा पूरी करें और अपने सपनों को साकार करने का प्रयास करें। इन सपनों को साकार करने में भारत से जो भी मदद आवश्यक होगी,वह मदद देने के लिए भारत तैयार है। और, जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, आप सभी का भारत में हमेशा स्वागत है।
धन्यवाद।
ईश्वर की कृपा आप पर बनी रहे।