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भाभा परमाणु अनुसंधान केन्‍द्र में परमाणु ऊर्जा विभाग की कार्य-सुविधाओं के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द का संबोधन

मुंबई : 15.05.2018

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1. आज इस प्रख्यात राष्ट्रीय संस्थान में आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्‍द्र डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा की संकल्‍पना, प्रयास और दूरदृष्टि को प्रतिबिंबित करता है तथा मुझे आपके द्वारा किए जानेवाले अग्रगामी कार्य की झलक देख कर प्रसन्‍नता हुई है। मुझे नाभिकीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आपके कार्य के बारे में आज काफी जानकारी प्राप्‍त हुई है और मुझे खुशी है कि आज मैंने परमाणु ऊर्जा विभाग की कुछ कार्य- सुविधाओं का उद्घाटन किया।

2. भारत को ऊर्जा से लेकर कृषि और चिकित्सा से लेकर अपशिष्ट प्रबंधन के बहुविध विषयों में परमाणु प्रौद्योगिकियों का अग्रणी प्रयोगकर्ता राष्ट्र माना जाता है। तथापि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मौलिक क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में कार्य लगभग छह दशक पहले यहां भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में प्रारंभ हुआ। तभी से परमाणु ऊर्जा विभाग एक ऐसे बहुविधात्‍मक संगठन के रूप में विकसित हुआ है जिसके कार्य-स्‍थल राष्ट्र भर में फैले फैले हुए हैं। यहां उपस्थित आप सभी लोग और आपके प्रख्यातपूर्ववर्ती ऐसे अगुवाकार हैं जिन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि परमाणु ऊर्जा विभाग की संकल्‍पना एक वास्तविकता बन गई और ऐसा उस परिस्थिति में संभव हुआ जब लम्‍बे समय तक अन्य राष्ट्रों ने प्रद्योगिकी देने से इंकार कर दिया था। आज समूचा विश्व भारत के परमाणु प्रतिष्ठान के आत्मनिर्भर स्‍वरूप को स्‍वीकार करता है।

3. मैंने अभी नागरिक चार्टर में यथा-वर्णित परमाणु ऊर्जा विभाग की संकल्पना का ही उल्लेख किया है। इस संकल्‍पना में प्रौद्योगिकी, संपत्ति सृजन और नागरिकों को बेहतर जीवन गुणता उपलब्‍ध कराकर राष्ट्र को सशक्त बनाने की आवश्यकता है। और परमाणु एवं विकिरण प्रौद्योगिकियों तथा उनके अनुप्रयोगों के विकास और स्‍थापना के द्वारा राष्‍ट्र कोऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाकर, हमारे लोगों को पर्याप्त, सुरक्षित और पोष्टिक आहार तथा बेहतर स्वास्थ्यचर्या की उपलब्‍धता में योगदान देकर ही ऐसा किया जा सकता है।

4. कई बार ऐसा भी देखने में आता है कि ऐसे संकल्पना वक्तव्य केवल हवाई विचार बने रहते हैं, जिनका किसी संगठन द्वारा किए गए वास्तविक कार्य से कोई लेना देना नहीं होता। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आपके मामले में, आपका कार्य आपकी घोषित संकल्पना का सच्चा प्रमाण है। हमें यूरेनियम की खोज और खनन, ईंधन में रूपांतरण तथा परमाणु रिएक्टरों में विद्युत उत्पादन सहित समूचे परमाणु ईंधन चक्र में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आपकी उपलब्धियों पर गर्व है। अब आप सभी को हमारे विशाल थोरियम भंडारोंके प्रयोग पर आधारित सुदृढ़ परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की स्थापना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्य करना चाहिए।

5. स्वास्थ्यचर्या, खाद्य और कृषि, जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में परमाणु प्रौद्योगिकी के प्रयोग के क्षेत्र में आपके द्वारा किए गए कार्य की जानकारी जनसाधारण को कम होती है। नैदानिक और उपचारी दोनों उद्देश्यों के लिए आणविक चिकित्सा के क्षेत्र में हुए अनुसंधान का उपयोग व्यापक तौर से किया जाता है। मुझे बताया गया है कि परमाणु ऊर्जा विभाग से संबंधित कैंसर अस्पतालों में आपके द्वारा विकसित अनुप्रयोगों से कैंसर के हजारों रोगियों को लाभ प्राप्‍त होता है। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में चिकित्सा केन्‍द्र रोगियों के निदान और उपचार दोनों के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा प्रदान किए गए रेडियो आइसोटोप उत्पादों का प्रयोग कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज मैंने जिन सुविधाओं का उद्घाटन किया, उनमें से एक भाभा परमाणुअनुसंधान केन्‍द्र द्वारा विकसित मल्टी-लीफ को ली मैटर प्रणाली है। इस प्रणाली से ट्यूमर के उपचार की प्रभाविता में बढ़ोत्‍तरी होगी।

6. आणविक विज्ञान में अनुसंधान से हमारे खाद्य प्रसंस्करण और कृषि क्षेत्र को भी लाभ प्राप्‍त हुआ है और इससे हमारे किसानों को सीधा फायदा हुआ है। आपके कार्य से उन तीन म्यूटेंट फसल किस्मों के विकास में मदद मिली है जो अधिक सक्षम और उत्पादनशील हैं। आज मुझे इनमें से एक, ‘दुबराज’ धान की एक म्‍यूटेंट किस्‍म का भी उद्घाटन करके खुशी हुई है; इस किस्‍म का धान बहुत कम अवधि में पक कर तैयार हो जाता है और इस प्रकार इसके लिए अपेक्षाकृत कम संसाधनों की आवश्यकता होती है। आणविक विज्ञान के अनुप्रयोगों से आम, पपीता और लीची जैसे फलों की भंडारण अवधि बढ़ाने में मदद मिली है। इससे फलों की बर्बादी और फसलोत्‍तर नुकसान को कम करने में मदद प्राप्‍त हुई है, जिससे कृषि निर्यात में तेजी आई है और किसानों की आय में वृद्धि हुई है। ये कुछ ऐसे उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि किस प्रकार आपके कार्य से इन क्षेत्रों को फायदा पहुंच रहा है और इस क्षेत्र में आपके कामों की सूची वास्तव में काफी लंबी है।

7. ऐसे दूसरे क्षेत्र भी हैं जिनमें आपके योगदान से राष्ट्रीय विकास के काम में मदद मिली है। आपने ऐसी प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं जिनसे जल शुद्धिकरण, शहरों में पैदा होने वाले कूड़े-कचरे के रेडियोधर्मी शोधन और इसका जैविक खाद में रूपांतरण, रसोई के जैव-अवशिष्ट का खाना पकाने की बायोगैस के रूप में रूपांतरण करने में सहायता मिली है। भिन्‍न-भिन्न सार्वजनिक और निजी एजेंसियों द्वारा इन प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाए जाने तथा इनके अनुप्रयोगों के तेजी से प्रसार को प्राथमिकता क्षेत्र बनया जाना होगा। आपको ‘प्रयोगशाला से कार्यक्षेत्र’ के नारे कोठोस वास्तविकता में बदलने के लिए दूसरे संगत क्षेत्रों के साथ अधिकाधिक सहयोग शुरू करना चाहिए। मैं आपकी उन पहलों के लिए भी आपकी सराहना करता हूं जिनका हमारे राष्ट्र की प्रतिरक्षा और सुरक्षा तथा हमारी सशस्त्र सेनाओं की प्रभावशीलता से सीधा संबंध है।

8. जहां एक ओर आपकी उपलब्धियां सराहनीय हैं, वहीं दूसरी ओर शिथिलता के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। राष्ट्र निर्माण एक दीर्घकालिक और कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है और हमें अभी बहुत सारी चुनौतियों को समाप्त करना है। हमें गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने, यह सुनिश्चित करने कि वह सम्मानपूर्ण जीवन जी सके, की आकांक्षा करनी चाहिए। तभी हम सही मायने में कुछ विश्राम कर सकते हैं और संतुष्टि अनुभव कर सकते हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग की भी हमारे राष्ट्रीय विकास में एक अहम जिम्मेदारी है। सरकार ने परमाणु साधनों के जरिए बिजली उत्पादन बढ़ाने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है और इसे आपको ही संभव बनाना है। इसी प्रकार, आपको नए-नए अनुप्रयोगों का विकास करते रहना चाहिए जिनसे हमें प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन, कृषि उत्‍पादों के अपशिष्ट, जल की कमी, रोगों के खिलाफ लड़ाई, कूड़े-कचरे के प्रबंधन आदि जैसी चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सके।

9. इस जनसमूह में कुछ सर्वोत्तम वैज्ञानिक प्रतिभाएं मौजूद हैं और आपकी मनोवृत्ति देश की समस्याओं को सुलझाने तथा सामाजिक न्याय और समता के साथ आर्थिक विकास को साकार करने की दिशा में योगदान के लिए विज्ञान की शक्ति और क्षमता का इस्तेमाल करने की होनी चाहिए। आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपके पास हमारे लोगों के जीवन को बदलने तथा हमारे राष्ट्र को वास्तविक रुप से समृद्ध और सुरक्षित बनाने की क्षमता मौजूद है।

10. अंत में, मैं आपसभी को आपके भावी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। आप भरपूर ऊर्जा और अच्छी सेहत के साथ अच्‍छे-अच्‍छे कार्य करते रहें।

धन्यवाद

जय हिंद!