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केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के प्रशिक्षु अधिकारियों से भेंट के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा सम्बोधन

राष्ट्रपति भवन : 15.10.2018

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1. राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए मैं केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के आप सभी सहायक कार्यकारी अभियन्ताओं और उप वास्तुकों को इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने पर बधाई देता हूँl यह आपके और आपके परिवार के लिए निस्संदेह बहुत गौरवशाली क्षण हैl आपके बैच में भारत के भिन्न-भिन्न राज्यों और क्षेत्रों के ऊर्जावान युवा शामिल हैंl भिन्न-भिन्न पृष्ठभूमि से आए परिवीक्षाधीन अधिकारियों द्वारा साझा किए गए प्रशिक्षण अनुभवों से भारत का अनेकता में एकता का सच्चा स्वरुप सामने आता हैl मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि आज उपस्थित 97 परिवीक्षाधीन अधिकारियों में से 22 या यूँ कहें कि प्रत्येक चार में से एक परिवीक्षाधीन अधिकारी महिला हैl यह एक स्वागत योग्य प्रवृत्ति है और हमारी सभी लोक सेवाओं में महिलाओं की संख्या बराबर हो जाने तक इसे प्रोत्साहित किया जाता रहना चाहिएl विशेष रूप से भारत में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा महिलाओं के अधिक से अधिक प्रवेश की आवश्यकता हैl

2. मुझे बताया गया है कि आपमें से ज्यादातर अधिकारी आईआईटी और एनआईटी सहित, प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों से स्नातक हैंl रोजगार के कई अवसर होने के बावजूद, आपने इंजीनियरिंग, डिज़ाइन और निर्माण के भारत सरकार के प्रमुख संगठन अर्थात् केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग से जुड़ने का विकल्प चुनाl आपने अपने लिए केवल एक रोजगार नहीं चुना बल्कि हमारे देश के लोगों की सेवा करने का विकल्प चुनाl मैं आपके इस चुनाव की सराहना करता हूँl

3. भारत के लिए यह रोमांचक समय हैl हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है और हम विश्व की तेजी से विकास करती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था हैंl पिछली तिमाही में हमारी जीडीपी में 8.2 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई हैl हमारे कई महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे- ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्मार्ट सिटी’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्वच्छ भारत’- आपके प्रयासों के बिना सफल नहीं हो सकतेl इस परिवर्तनशील युग में आपका कॅरियर इसके लिए एक बेहतरीन मंच उपलब्ध कराएगाl आप सभी, सही अर्थों में, देश के भविष्य को रूपाकार देंगेl मुझे यकीन है कि आप इस अवसर का भर-पूर लाभ उठाएंगेl

4. 160 वर्षों की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए, सीपीडब्ल्यूडी ने राष्ट्रपति भवन के निर्माण सहित, राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैl स्वतंत्रता के बाद, कृषि से लेकर उड्डयन, स्पोर्ट्स स्टेडियम से लेकर वैज्ञानिक सुविधाओं, अस्पतालों से लेकर सरकारी कार्यालयों, सड़कों और फ्लाईओवरों तथा और भी बहुत से क्षेत्रों में अवसंरचनात्मक विकास का कार्य केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग ने किया हैl राष्ट्रीय सुरक्षा से सम्बन्धित महत्वपूर्ण परियोजनाओं जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर बाड़ लगाने और प्रकाश व्यवस्था के कार्यों में सीपीडब्ल्यूडी के योगदान के बारे में जानकर मुझे प्रसन्नता हुई हैl

5. यह उपयुक्त ही हुआ है कि आपसे मेरी मुलाकात आज हो रही हैl आज ही सुबह, मैंने अपने प्रख्यात पूर्ववर्ती और भारत के सच्चे सपूत, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की हैl डॉ. कलाम इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षित होकर मिसाइल प्रौद्योगिकीविद् के रूप में प्रसिद्ध हुएl वे विदेश में करोड़ों रूपए कमा सकते थे, किन्तु उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई और जीवन को हमारे देश के विकास में समर्पित करना सही समझाl भारतीयों के रूप में हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिएl

6. जलवायु परिवर्तन और सम्बंधित पर्यावरणीय चिंताओं को देखते हुए सातत्‍य और ऊर्जा-दक्षता का मुद्दा महत्‍वपूर्ण हैlसीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके द्वारा निर्मित भवन,सड़कें और अन्य अवसंरचनाएं उर्जा-दक्ष और पर्यावरण-अनुकूल होंlमुझे प्रसन्‍नता है कि सीपीडब्‍ल्‍यूडी द्वारा आधुनिक निर्माण प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप वायु एवं ध्वनि प्रदूषण में काफी कमी आई है तथा जल का इष्‍टतम उपयोग हो रहा हैlमेरा आग्रह है कि आप उभरती हुई हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाये रखें।

7. भारत सरकार ने दिव्यांग जनों को सार्वभौमिक सुगमता उपलब्ध कराने की दृष्टि से ‘सुगम्य भारत कार्यक्रम’ आरम्भ किया हैl यह सुनिश्चित करें कि आप जिस किसी सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण करें – चाहे वह कार्यालय हो, आवास हो या सड़कें हों- वे हमारे दिव्यांग जन देशवासियों के लिए सुगम होंl इस सम्बन्ध में औपचारिक नियम विद्यमान हो सकते हैं, परन्तु आपको सुगमता सुनिश्चित करने के लिए इससे भी आगे बढ़कर प्रयास करने की जरुरत हैl इस पहलू को किसी अवसंरचना परियोजना में अतिरिक्त सुविधा के रूप में न देखते हुए, इसे आयोजना और कार्यान्वयन का अभिन्न हिस्सा बनाया जाना चाहिएl

8. वास्तुक और अभियंता परस्‍पर सामंजस्‍य में कार्य करते हैंlएक देश के रूप में भारत अब परिपक्व हो रहा है,और वृहत्तर अवसंरचनाओं के साथ-साथ संस्थाएं निर्मित कर रहा हैlइन अवसंरचनाओं के कार्यकरण पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए भी इनमें कलात्‍मकता का ध्‍यान रखा जाना चाहिए। हमारे स्‍मार्ट शहरों को कार्यकुशल और जन-अनुकूल तो होना ही चाहिए किन्‍तु साथ ही, कलात्‍मक रूप से आकर्षक भी होना चाहिए। यही वह पहलू है जिसमें वास्‍तुक और अभियंता परस्‍पर सामंजस्‍य स्‍थापित करके महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा यह भी एक तथ्य है कि हमारे देश में भूमि की मांग आपूर्ति के मुकाबले अधिक हैl जब आप भारत और इसकी अवसंरचना की नई नई परिकल्पनाएं तैयार करें तो ऐसे करें कि इनके लिए जमीन से अधिक आसमान की ओर देखें और ऐसा करते हुए सुरक्षा मानकों से समझौता न करेंl भारत में भू-परिदृश्य अभी फैलाव वाला है; लेकिन इसका भविष्य ऊँचाई वाले भू-परिदृश्य में सुरक्षित होगाl

9. आप एक रोमांचक यात्रा आरम्भ कर रहे हैंl आपको अपने अन्दर नवाचार की भावना जगानी चाहिए और चुनौतियों के बीच समाधान खोजने वाला बनना चाहिएl ऐसा करते हुए आपको विनम्रता तथा सहानुभूति का दामन नहीं छोड़ना चाहिए और समाज के लिए विशेष रूप से गरीबों के लिए, कुछ अच्छा करने का प्रयास करना चाहिएl अपना कर्तव्य-पालन करते समय, आपको सत्यनिष्ठा के उच्च मानक बनाये रखने हैं क्योंकि इनसे समझौता नहीं किया जा सकताl इन्हीं शब्दों के साथ, मैं, आप सभी को आपके कॅरियर में सफलता की, और आने वाले वर्षों में खुशहाली की कामना करता हूँl

धन्यवाद

जय हिन्द!