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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी का झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सम्बोधन

रांची: 15.11.2017

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1. राष्ट्रपति के रूप में झारखंड की अपनी पहली यात्रा में मुझे ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर उनकी जयंती के दिन श्रद्धा सुमन अर्पित करने का और झारखंड राज्य के स्थापना दिवस में भाग लेने का सुअवसर मिला है, यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। मैं झारखंड के 3 करोड़ 30 लाख लोगों को राज्य के स्थापना की सत्रहवीं वर्षगांठ की हार्दिक बधाई देता हूँ। झारखंड के विकास में नई ऊर्जा, और यहां उपस्थित लोगों के उत्साह को देखकर झारखंड राज्य की स्थापना का निर्णय लेने वाले दूरदर्शी पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रति मैं सम्मान और धन्यवाद व्यक्त करता हूँ।

2. इस अवसर पर जनहित में उपयोगी, बीपीएल परिवारों के लिए‘जोहार आजीविका योजना’, ‘स्वास्थ्य बीमा योजना’, ‘ऐम्बुलेंस योजना’, और road-infrastructure के विकास की योजनाओं का आरंभ करके मुझे बहुत खुशी हुई है। सामान्य जनता के कल्याण तथा राज्य के विकास के विभिन्न कार्यक्रमों के लाभार्थियों को परिसंपत्तियाँ देकर मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।

3. भगवान बिरसा मुंडा, वीर सिदो–कान्हू, चाँद-भैरव, तिलका मांझी, नीलाम्बर-पीताम्बर जैसे अनेक वीर सपूतों ने अपने त्याग एवं बलिदान से झारखंड की धरती को सींचा है। इन विभूतियों ने समानता और न्याय पर आधारित समाज के सपने को साकार करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था।

4. आज भगवान बिरसा मुंडा की एक सौ बयालीसवीं जयंती है। केवल पच्चीस वर्ष की आयु में उनकी शहादत हुई थी। हम सभी का फर्ज बनता है कि ऐसे महान सपूत को हमेशा याद रखें और उनके उद्देश्यों को पाने के लिए, इस जनजाति बहुल प्रदेश में, आदिवासी भाई बहनों की खुशहाली के लिए, अपने प्रयासों को जारी रखें। मुझे ज्ञात हुआ है कि झारखंड सरकार ‘शहीद ग्राम विकास योजना’ के अंतर्गत झारखंड के वीर शहीदों के गांवों का समग्र विकास कर रही है। यह एक सराहनीय पहल है।

5. झारखंड का क्षेत्र अनेक शूरवीरों और प्रतिभाओं की जन्मभूमि या कर्मभूमि रहा है। 1971 के युद्ध में भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले परमवीर चक्र विजेता शहीदएल्बर्ट एक्काइसी क्षेत्र की विभूति थे। 1928 ओलंपिक में, भारत को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाने वाली टीम के कप्तानजयपाल सिंह मुंडा, संविधान सभा के सदस्य भी रहे और आजादी के बाद आदिवासी समुदाय के हितों की बात उठाने वाले सक्रिय सांसद रहे।

6. इस क्षेत्र ने हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट, कबड्डी, तीरंदाजी, मुक्केबाज़ी और पर्वतारोहण आदि खेलों में बहुत से प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिये हैं। महेंद्र सिंह धोनी की क्षमता का भी यहीं विकास हुआ। तीरंदाजी में विश्व में नंबर एक स्थान पर रह चुकी, कॉमन वैल्थ खेलों की स्वर्ण पदक विजेता, झारखंड की बेटी दीपिका कुमारी ने राज्य का और पूरे देश का सम्मान बढ़ाया है। झारखंड में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के ऐसे अनेक उदाहरण हैं, लेकिन मैंने कुछ नामों का ही उल्लेख किया है। यहां के बच्चों में इतनी प्रतिभा है कि समुचित सुविधाएं मिलने पर वे अनेक खेल प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड और भारत का सम्मान बढ़ा सकते हैं।

7. झारखंड की भूमि प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रही है। देवघर वैद्यनाथ धाम मेंज्योतिर्लिंग, दुमका मेंबासुकिनाथ धाम, गिरीडीह में जैन धर्म के 23वें तीर्थंकरपार्श्वनाथ की तपोभूमि और रामगढ़ में छिन्नमस्तिका शक्तिपीठ आदि तीर्थ स्थान झारखंड को पवित्र भूमि का दर्जा देते हैं। दुमका जिले में 108 टेराकोटा मंदिरों का मलूटी गाँव,झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर है। इन ऐतिहासिक मंदिरों पर आज डाक टिकट जारी करना मेरे लिए सुखद अनुभव है।

8. झारखंड को प्रकृति ने भरपूर वरदान दिये हैं। देश की 40 प्रतिशत खनिज सम्पदा झारखंड में है। अतः यहां उद्योग और व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। इस खनिज संपदा के कारण ही आधुनिक भारत का पहला बड़ा स्टील प्लांट इसी क्षेत्र में जमशेद जी टाटा ने लगाया था। झारखंड में पर्यटन, उद्योग और कृषि के विकास की प्रचुर संभावना है। यहाँ के लोग स्वभाव से सहज, सरल एवं मेहनतकश हैं।

9. मुझे खुशी है कि झारखंड राज्य अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन कर रहा है। विकास-वृद्धि-दर के पैमाने पर झारखंड देश मेंदूसरे स्थान पर है तथा श्रम सुधारों के क्षेत्र में पिछले दो वर्षों से लगातार देश मेंप्रथम स्थान पर बना हुआ है। वर्ष 2014 में ‘Ease of Doing Business’ के पैमाने पर बहुत नीचे की पायदान पर स्थान पाने वाला झारखंड अब ऊपर के राज्यों में गिना जाता है।

10. राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘मोमेंटम झारखंड’ कार्यक्रम के परिणामस्वरूप शुरू हुए उद्योगों की सफलता से राज्य के विकास को और अधिक गति मिलेगी।

11. मुझे यह जानकार प्रसन्नता हुई है कि झारखंड के विकास में महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं। राज्य के 32 हजार गाँव में‘उद्यमी सखी मण्डल’ का गठन कर राज्य की 4 लाख 80 हजार महिलाओं को इससे जोड़ा जा रहा है। मैं आशा करता हूँ कि ये हुनरमंद महिलाएं कपड़ा, कंबल, परदे आदि घरेलू उद्यम के माध्यम से आने वाले दिनों में ग्रामीण झारखंड को एक नया रूप देंगी।

12. झारखंड की महिलाएं अब मात्र एक रुपया शुल्क देकर 50 लाख तक की भूमि या मकान की रजिस्ट्री करा सकती हैं।उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन के साथ चूल्हा भी नि:शुल्क दिया जा रहा है। यह खुशी की बात है कि इस योजना के तहत आठ लाख महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। सम्पूर्ण विकास के लिए महिलाओं और बच्चों के कुपोषण और मातृ एवं शिशु मृत्युदर पर नियंत्रण पाना राज्य की प्राथमिकता है।

13. झारखंड में आज से बी॰पी॰एल॰ परिवारों के लिए आजीविका पर आधारित पंद्रह सौ करोड़ कीजोहार योजना की शुरुआत हुई है। इस योजना से आने वाले वर्षों में झारखंड के दो लाख परिवारों को आजीविका मिल सकेगी।

14. झारखंड सरकार ने सन 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है। मुझे आशा है कि इस दिशा में हर संभव प्रयास किया जायेगा। आज इस अवसर परस्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ भी हुआ है। इससे राज्य के लगभग 80 प्रतिशत परिवारों के लाभान्वित होने की संभावना है। राज्य के सभी नागरिकों को मुफ्त आपातकालीन चिकित्सीय वाहन सेवा उपलब्ध कराने की योजना सराहनीय है। शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का समावेश करने की दिशा में e-विद्यावाहिनी योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के दूरगामी लाभ होंगे।

15. झारखंड के कई जिलों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्रों में रामकृष्ण मिशन ने बहुत काम किया है और बड़ी तादाद में लोग लाभान्वित हुए हैं। मिशन के अनुभवों से स्थानीय कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाया जा सकता है।

16. मैं, एक बार फिर, झारखंड के सभी निवासियों को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर हम सब मिलकर एक ऐसे राष्ट्र एवं राज्य के निर्माण का संकल्प लें जहांबिरसा मुंडा के सपनों के समाज में सभी लोग बराबरी और खुशहाली का अनुभव करें।


धन्यवाद

जय हिन्द!