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भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान, पटना के आठवें दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

पटना : 15.11.2018

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1. मैं आप सभी विद्यार्थियों और पदक विजेताओं को बधाई देता हूं। आज की सफलता, आप सभी की, वर्षों की कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण का परिणाम है। इस अवसर पर, मैं सभी शिक्षकों, अभिभावकों एवं परिवारजनों को भी बधाई देता हूं जिनके मार्गदर्शन एवं त्याग के बल पर ही आप सबने अपने जीवन का यह महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त किया है। आप सबकी सफलता की खुशी के इस अवसर पर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के आठवें दीक्षांत समारोह में भाग लेकर मुझे प्रसन्नता हो रही है।

2. राष्ट्रपति के रूप में बिहार आना मेरे लिए एक सुखद अनुभव है। बिहार के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मैंने नजदीक से देखा है कि बिहार की यह धरती प्रतिभा की धनी है। आर्यभट और चाणक्य जैसे अनेक विद्वानो से यह क्षेत्र गौरवान्वित रहा है। प्राचीन काल में ही आर्यभट ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "आर्यभटीयम” में अरिथमेटिक, ट्रिग्नोमेट्री, क्वाड्रेटिक ईक्वेशन्स तथा साइन टेबल जैसे गणित के आधुनिक विषयों पर लिखा था। उन्होने पाई के मूल्य की जो गणना की थी वह आधुनिक गणितज्ञों द्वारा की गई गणना के अत्यंत समीप है।

3. बिहार आधुनिक शिक्षा का भी एक प्रमुख केंद्र रहा है। यह इंजीनियरिंग कॉलेज, देश के सबसे पहले स्थापित किए गए इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक है। आज इस संस्थान की एक अखिल भारतीय पहचान है, जिससे अन्य राज्यों के बेटे बेटियाँ आकर्षित हुए हैं। मुझे बताया गया है कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी 18 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते है।

4. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने भी इसी परिसर में अपनी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की थी। अपने प्रभावशाली सार्वजनिक जीवन के दौरान, केंद्र सरकार के मंत्री के रूप में और बिहार के मुख्य मंत्री के रूप में उन्होने, अपने कुशल नेतृत्व से, प्रदेश को, पूरे देश को, महत्वपूर्ण योगदान दिया है। परमाणु ऊर्जा विभाग के पूर्व निदेशक, श्री रत्न कुमार सिन्हा, यहाँ के पूर्व छात्र रहे हैं। इसी वर्ष पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित, 'तेजस' विमान प्रोजेक्ट के निदेशक, डॉ मानस बिहारी वर्मा ने भी, यहीं से शिक्षा प्राप्त की है। मुझे उम्मीद है कि उपलब्धियों की इस परंपरा को आप और आगे बढ़ाएँगे।

प्रिय विद्यार्थियों,

5. भारत का राष्ट्रपति होने के नाते, मैं150 केंद्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों का विजिटर हूं। शिक्षा के क्षेत्र में मेरी विशेष रुचि रही है।क्योंकि मेरा मानना है कि शिक्षा ही व्यक्ति, परिवार, समाज और देश की प्रगति का आधार है। इसीलिए मैंने देशभर के उच्च शिक्षण संस्थाओं में जाकर विद्यार्थियों के साथ संवाद बनाने का प्रयास किया है। प्राय: सभी संस्थानों में यह देखने में आया है कि हमारी लड़कियों का एकेडमिक परफॉरमेंस बहुत प्रभावशाली है। लेकिन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट्स में एक अलग ट्रेंड देखने को मिल रहा है। आज यहाँ दिये गए आठ पदक विजेताओं में सिर्फ एक पदक बेटी को मिला है। तथा आज ग्रेजुएट हो रहे 733 विद्यार्थियों में से, केवल 96यानि लगभग 13 प्रतिशत ही लड़कियां हैं। यही स्थिति अन्य टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट्स में भी देखने को मिली है। इस स्थिति में सुधार लाना अत्यंत आवश्यक है। उच्च तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना अनिवार्य है। आज हमें "मिसाइल वुमन” के नाम से जानी जाने वाली डॉक्टर टेसी थॉमस, जैसी महिला टेक्नोलॉजी लीडर्स की जरूरत है।

6. भारत सरकार, देश के पूर्वी प्रदेशों के विकास के लिए विशेष प्रतिबद्ध है। डिजिटल अर्थव्यवस्था और चौथी औद्योगिक क्रांति में, पटना को औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे पूरी उम्मीद है कि युवा पीढ़ी के, टेक्नोलॉजी लीडर्स, इनोवेटर्स, और आंत्रप्रेन्योर्स के नेतृत्व में यहाँ मॉडर्न इनफ्रास्ट्रक्चर — अच्छी सड़के, आधुनिक फ्लाईओवर, IT और बायो-टेक्नॉलॉजी हब, तथा ITES यानि Information Technology Enabled Services के क्षेत्रों में सफलता हासिल की जाएगी।

7. आज, दुनिया में वही देश प्रगति कर रहे है जो इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दे रहे है।Artificial Intelligence, block chain technology, big data analytics, machine learning, bio-technology और robotics जैसे क्षेत्रों में हो रहे बदलाव, इंजीनियरिंग के पारंपरिक तरीकों को चुनौती दे रहे है। पिछले कई दशकों में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। सिंगापुर से लेकर सिलिकॉन वैली तक हमारे देश के नौजवान नए कीर्तिमान रच रहे है। अपने देश में भी इसी प्रकार की सफलता का स्तर प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रसंग में आप सभी विद्याथियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के इस बदलते हुए दौर में, आपके सामने देश को नए मुकाम पर ले जाने का एक स्वर्णिम अवसर है। मुझे विश्वास है कि, आप सब इस अवसर का पूरा उपयोग करेंगे।

8. एनआईटी पटना का शोध कार्य, बिहार के और देश की विभिन्न समस्यों का समाधान निकालने में सहायक होना चाहिए। आज प्रात:काल मुझे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के दीक्षांत समारोह में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। उस संस्थान ने कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की है। मैं आप सबसे कहना चाहूँगा कि आप कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोध कार्य करें तथा फ्रूगल और लोकल इनोवेशन के जरिए किसानो के साथ सहयोग करें।

प्यारे विद्यार्थियों,

9. आज पूरी दुनिया की निगाह भारत पर है। भारत अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है, और पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनने की ओर अग्रसर है। देश में उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे है। ऐसे प्रयासों के परिणाम स्वरूप, अभी हाल ही में जारी की गई वर्ल्ड बैंक की "ease of doing business” रिपोर्ट में 23 स्थानों के सुधार के साथ भारतअब 100वें स्थान से 77वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे भारत में पूंजी निवेश और अधिक बढ़ने की आशा है।

10 . हमारे देश में आज डिजिटल इकोनोमी और स्टार्ट-अप का दौर है। मेक-इन-इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया जैसे प्रोग्राम उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन दे रहे हैं, जबकि मुद्रा योजना उन्हे बिना गारंटी के लोन की सुविधा प्रदान करती है। मैं चाहूँगा कि आप जैसे युवा इन योजनाओं का लाभ उठाएँ क्योंकि अब आप इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए पूर्णतःqualified हैं। अनेक युवा अपना रोजगार करते हुए सफलता के नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। वे अपने उद्यम के जरिए बहुत से रोजगार भी पैदा कर रहे है।

11. अपने इंजीनियरिंग के ज्ञान का लाभ उठाते हुए आप सब देश के विकास को अपना योगदान दे सकते है। और इस योगदान के जरिये अपनी अलग पहचान बना सकते हैं। मैं आप जैसे परिश्रमी और प्रतिभाशाली युवाओं में भारत के उज्ज्वल भविष्य और राष्ट्र-निर्माताओं की झलक देखता हूँ। आप में से ही कुछ युवा डॉक्टर अब्दुल कलाम, एम. विश्वेश्वरय्या, विक्रम साराभाई तथा ई. श्रीधरन जैसे उदाहरण बनने की क्षमता रखते हैं। ऐसा करने के लिए अपने भविष्य के जो भी लक्ष्य आप तय करें, उसे प्राप्त करने के लिए पूरी निष्ठा के साथ प्रयत्न करते रहें।

12. आज आप जिस स्थान पर पहुंचे है उसमे देश और समाज का भी योगदान है। आपकी शिक्षा, आपको अपने से कम सुविधा सम्पन्न लोगों की सहायता करने की ज़िम्मेदारी भी देती है। आप इसे कैसे करते हैं, यह पूरी तरह से आप पर निर्भर है।

13. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं एक बार फिर, आप सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और दीक्षांत समारोह से जुड़े हुए सभी लोगों को बधाई देता हूँ। मैं सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

धन्यवाद

जय हिन्द !