भारतीय वायु सेना की 117 एचयू और 223 स्क्वाड्रन को ध्वज प्रदान करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन
आदमपुर: 16.11.2017
1. भारत का राष्ट्रपति बनने के बाद यह पंजाब की मेरी पहली यात्रा है। मैं ऐसी समृद्ध विरासत वाले राज्य में आकर सम्मानित अनुभव कर रहा हूं। यह सैनिकों और संतों,फौजियों और आध्यात्मिक गुरुओं की धरती है। मेरे लिए नवम्बर के इस महीने में, जबकि हम गुरु नानक देव जी की जयंती और गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस मना रहे हैं, यहां आना विशेष सौभाग्य की बात है। मैं पंजाब के उन महान राष्ट्र निर्माताओं को नमन करता हूं।
2. हमारे राष्ट्र के सशस्त्र बलों में पंजाब का और हमारे राष्ट्र के प्रति सशस्त्र बलों का अपार योगदान रहा है। इसीलिए, सशस्त्र सेना के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, मुझे भारतीय वायु सेना की 223 स्क्वाड्रन और117 हेलिकॉप्टर यूनिट को ध्वज प्रदान करने के लिए पंजाब की अपनी पहली यात्रा के दौरान वायु सेना स्टेशन आदमपुर पहुंचने पर खुशी हुई है।
3. वायु सेना स्टेशन आदमपुर हमारे देश के सबसे पुराने और सुविख्यात केन्द्रों में शामिल है। यह स्टेशन, एक छोटी सी हवाई पट्टी से विकसित होकर पूर्ण प्रचालन केन्द्र बन गया है, जिसमें अनेक किस्म की हथियार प्रणालियां तैनात हैं। यह हवाई अड्डा अपनी शुरुआत के बाद से ही प्रचालन में बना रहा है।1947, 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान यह स्टेशन महान शौर्य प्रदर्शनों का गवाह बना।
4. आज जिन दोनों यूनिटों को सम्मानित किया गया, उनका पेशेवर कार्य, उत्कृष्टता का इतिहास रहा है। संकट के समय प्रदर्शित समर्पण और साहस के लिए राष्ट्र आभार और सराहना की गहरी भावना के साथ उनका सम्मान करता है। परेड में बेदाग पोशाक और चुस्त-दुरुस्त संचलन के लिए मैं इन वायु योद्धाओं की सराहना करता हूं।
5. अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में भारत के उत्थान के पीछे अनेक आयाम निहित हैं। परन्तु हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता और शौर्य का हिस्सा इसमें काफी बड़ा है। यद्यपि शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अभी भी दृढ़ है, परन्तु हम अपने राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाने लिए कृत संकल्पित भी हैं। हमें जब भी ऐसा करना पड़ा है, हमारे पराक्रमी पुरुष और महिला सैनिकों ने अपनी प्रसिद्धि के अनुरूप प्रदर्शन किया है। भारत का प्रत्येक नागरिक आराम से इसलिए सो पाता है क्योंकि उसे ज्ञात है कि आप उनकी रक्षा करने के लिए मौजूद हैं। हमारे सामने खड़े वायु योद्धाओं के उदाहरणों से भरपूर हमारे सशस्त्र बल हमारे राष्ट्रीय संकल्प को प्रतिबिंबित करते हैं। हमारे सशस्त्र बल हमारे लोकतांत्रिक संविधान में निहित मूल्यों, परंपराओं और आस्थाओं की रक्षा करते हैं।
6. 223 स्क्वाड्रन या ट्राइडेंट्स का गठन 10 मई, 1982 को यहीं आदमपुर में किया गया था। इसे आरंभ में मिग-23 एमएफ लड़ाकू विमानों से लैस किया गया था। चाहे मिग-23 की उड़ान हो या आज के उन्नत अजेय मिग-29 की उड़ान हो, इस स्क्वाड्रन का प्रचालन इतिहास उल्लेखनीय रहा है। यह स्क्वाड्रन उन कुछ स्क्वाड्रनों में से एक है जो वर्ष के 365 दिन चौकस रहता है। यह वास्तव में,अपने आदर्श वाक्य ‘विजय अमोघ-अस्त्र’,जिसका अर्थ है- ‘जीत का ब्रह्मास्त्र’पर खरा उतरता है।
7. 117 हेलिकॉप्टर यूनिट या हिमालयन ड्रेगन्स की स्थापना 1 फरवरी, 1971 को वायु सेना केन्द्र बरेली में की गई थी। इस यूनिट ने पूर्वी रण-क्षेत्र में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपना शुरुआती अनुभव अर्जित किया।1973 में यह यूनिट हासीमारा चली गई और इसने पूर्वोत्तर में हवाई उड़ान रखरखाव और हताहतों को निकालने के अभियानों के लिए अनेकानेक उड़ानें भरी हैं। जनवरी, 1988 में यह यूनिट अपने वर्तमान स्थान, सरसावा वायु सेना स्टेशन पर आ गई।
8. यूनिट ने‘ऑपरेशन राहत’, ‘ऑपरेशन मेघ राहत’और अन्य अनेक मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में नागरिकों की मदद के लिए अथक कार्य किया है। इसका आदर्श वाक्य है:‘आपत्सु मित्रम्’ जिसका अर्थ है-संकट में मित्र। हमारे बहुत से देशवासियों के लिए यह वास्तव में संकट काल का मित्र है।
9. उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना और सम्मान के रूप में, मुझे 223 स्क्वाड्रन और 117 हेलिकॉप्टर यूनिट को ध्वज प्रदान करके प्रसन्नता हुई है। मैं 223 स्क्वाड्रन, 117 हेलिकॉप्टर यूनिट तथा वायु सेना स्टेशन आदमपुर के कार्मिकों, पूर्व सैनिकों और परिजनों की सराहना,राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा के लिए करता हूं। भारत को आप पर गर्व है।
जय हिन्द!