भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय व्यापार सेवा तथा भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन
राष्ट्रपति भवन : 17.09.2018
1. तीन महत्वपूर्ण केन्द्रीय लोक सेवाओं - भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय व्यापार सेवा तथा भारतीय सूचना सेवा के आप सभी प्रशिक्षु अधिकारियों से मिलकर मुझे ख़ुशी हुई है। राष्ट्रपति भवन में मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। बहुत ही कठिन सिविल सेवा परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने और सरकारी सेवा के विकल्प का चयन करने के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं। यह केवल एक कॅरियर मात्र नहीं है, बल्कि इस देश के लोगों की सेवा का अवसर है।
2. लेखा-परीक्षा और लेखा सेवा अधिकारी 150 वर्षों से भी अधिक की विरासत वाले बहुत सम्मानित विभाग में शामिल होने जा रहे हैं। दूसरी ओर, व्यापार और सूचना सेवा के अधिकारी आधुनिक दुनिया में बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। आपकी सेवाएँ भले ही बहुत अलग-अलग हों, लेकिन वे सभी सेवाएं राष्ट्र और उसके लोगों की भलाई के लिए सार्वजनिक सेवा मुहैया कराने के समान अंतिम लक्ष्य से जुड़ी हुई हैं।
3. विधानमंडल के लिए कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने में लेखा-परीक्षा और लेखा सेवा अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विधानमंडल को सौंपी जाने वाली सीएजी की रिपोर्टों की भूमिका इस जवाबदेही को लागू करने में महत्वपूर्ण होती है। सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मियों के प्रदर्शन के स्तर का आकलन करके उनकी जवाबदेही तय करने और कार्य निष्पादन में सुधार की सिफारिश करने के लिए, लोक-लेखा समिति और सार्वजनिक उपक्रम समिति जैसी संसदीय समितियों के लिए लेखा-परीक्षा रिपोर्ट से प्राप्त इनपुट होता है।
4. लेखा-परीक्षा और लेखा सेवा के अधिकारी के रूप में आप लोक विश्वास और वित्तीय विवेक के संरक्षक की भूमिका होंगे। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि लेखा-परीक्षा का उद्देश्य शासन की कार्य-नीतियों में सुधार का होना चाहिए। शासन की गुणवत्ता बढ़ाने में, आपके निष्कर्षों की विश्वसनीयता से लेखा-परीक्षा की उपयोगिता का निर्धारण होगा। पहरेदार की भूमिका में होते हुए भी यह महत्वपूर्ण है कि आपका दृष्टिकोण छिद्रान्वेषण को न होकर रचनात्मक हो औ आपका उद्देश्य सामने आई समस्याओं को हल करने का होना चाहिए।
देवियो और सज्जनो,
5. आज का समय वैश्वीकरण का है। इसका सबसे अधिक प्रभाव राष्ट्रों की अर्थ-व्यवस्था पर पड़ा है। अब किसी भी राष्ट्र की शक्ति का मूल्यांकन, काफी हद तक, उसकी अर्थ-व्यवस्था की शक्ति के आधार पर किया जाता है। हम आज ऐसी दुनिया में रह रहे हैं, जहां आपस में एकीकरण लगातार बढ़ता जा रहा है। वैश्विक बाजार तथा व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए राष्ट्रों के बीच प्रतिस्पर्द्धा चलती रहती है। इसी परिप्रेक्ष्य में, आपमें से उन सभी अधिकारियों को मैं बधाई देना चाहता हूं जो इंडियन ट्रेड सर्विस में शामिल हो रहे हैं।
6. हालांकि, पिछले दो दशकों में हमारे देश ने, अपने व्यापार को बढ़ावा देने में, अच्छी प्रगति की है, फिर भी, अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा काफी बड़ा होता था। आज वैश्विक बाजार में हमारे देश की हिस्सेदारी लगभग 2 प्रतिशत की है। ऐसी स्थिति में ट्रेड सर्विस के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी निभानी होगी कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था में हमारा देश, अपनी खोई हुई जगह फिर से प्राप्त कर सके।
7. आपकी भूमिका केवल व्यापार विनियमन की नहीं रहनी चाहिए, बल्कि आपको व्यापार में सहायक की भूमिका निभानी चाहिए। अर्थशास्त्र और व्यापार संचालन की बारीकियों के अपने ज्ञान के साथ आप हमारी व्यापार वार्ता में और सुधार ला सकते हैं, व्यापार अनुकूल नीतियों का सुझाव दे सकते हैं और ऐसी प्रक्रियात्मक सुगमता आरम्भ कर सकते हैं जिससे व्यापार करना सुविधाजनक बन सकता हो।
प्रिय अधिकारियो,
8. हम सभी लोग सूचना के युग में रह रहे हैं। हम भाग्यशाली हैं कि हम ऐसे युग में हैं जहाँ अब सूचना केवल अभिजात वर्ग की जागीर नहीं रह गई है। सूचना के युग में होने के बावजूद, हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से में अभी भी ऐसे सरकारी कार्यक्रमों और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता का अभाव है जिनसे वे लाभान्वित हो सकते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में जानकारी सुदूरतम स्थानों और छोटे से छोटे गाँवों में रहने वाले नागरिकों तक पहुँचे। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आप सभी भारत सरकार के लोक संपर्क और संचार तंत्र का प्रबंधन करेंगे, जिसे लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में शिक्षित करने का दायित्व सौंपा है।
9. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सूचना सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों को न केवल संचार के पारंपरिक साधनों जैसे प्रसारण और प्रिंट का, बल्कि सोशल मीडिया के आधुनिक साधनों के संबंध में भी व्यापक प्रशिक्षण मिलता है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप लोगों के साथ सरकार के संपर्क और संचार को प्रासंगिक, समयानुकूल, व्यावहारिक और प्रभावी बनाएं।
10. आप सभी जनता के सेवक हैं। आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप साथ दृढ़ निश्चय और कर्तव्य के प्रति समर्पण के साथ राष्ट्र और यहाँ के लोगों की सेवा करेंगे। आप जिस भी पद पर अपनी सेवाएं दें या जो भी भूमिका निभाएं, ऐसा हमेशा पूरी प्रतिबद्धता, पारदर्शिता, जवाबदेही, कुशलता, उत्तरदायित्व और पेशेवर लोकसेवा की भावना से करें। अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय, आपको ईमानदारी और अनुशासन के उच्चतम मानकों का पालन करना चाहिए। मैं आपके करियर में आपकी सफलता और आपके व्यक्तिगत जीवन में खुशहाली की कामना करता हूं।