अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित राजभोज पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द द्वारा अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन : 18.02.2019
• महामहिम, राष्ट्रपति मॉरीसियो माक्री, • प्रथम महिला मैडम हुलियाना अवादा, • विशिष्ट अतिथिगण, • देवियो और सज्जनो,
बोयनस नोचेस! नमस्कार,
1. राष्ट्रपति महोदय, भारत की राजकीय यात्रा पर, मैं आपका और आपके सम्मानित प्रतिनिधिमंडल का हार्दिक स्वागत करता हूं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह वर्ष महत्वपूर्ण है। हम अपने राजनयिक संबंधों का 70वां वर्ष मना रहे हैं और इस विशेष अवसर पर भारत आकर आपने हमारे संबंधों को नया आयाम दिया है।
2. इस वर्ष हम अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती भी मना रहे हैं। आपके देश और आपके लोगों ने उनके जीवन और उनकी विरासत का जिस प्रकार से सम्मान किया है, हम उसकी गहन सराहना करते हैं। मुझे याद है कि अर्जेंटीना के राष्ट्रपति डॉक्टर अर्तुरो फ्रोडिसि, लेटिन अमेरिका के ऐसे पहले राष्ट्राध्यक्ष थे जिन्होंने 1961 में भारत का दौरा किया था,और जिन्होंने हमें यह बताया था कि जेल में रहते हुए उन्होंने, आत्म-प्रेरणा के लिए, तथा आशा और जिजीविषा बनाए रखने के लिए महात्मा गांधी की आत्मकथा पढ़ी थी। राष्ट्रपति महोदय, यह जान कर कि आप भी महात्मा गांधी के प्रशंसक हैं, हमें उतनी ही प्रसन्नता हुई है। इससे उनकी और सान मार्टिन की सार्वभौमिक विरासत के प्रति हमारी सामूहिक आस्था को बल मिलता है; हमने सान मार्टिन को अपनेदिल में जगह देने के साथ-साथ अपनी राजधानी में भी स्थान दिया है।
3. इससे पहले भी, हमारे दोनों देशों के बीच सम्बन्ध, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 1924 की अर्जेंटीना यात्रा के दौरान बने थे। अर्जेंटीना में उनके द्वारा बिताए गए दिनों और विक्टोरिया ओकाम्पो के साथ हुए विचार विमर्श को फिल्म ‘थिंकिंग ऑफ हिम’ में बहुत सुंदर ढंग से फिल्माया गया है।
4. राष्ट्रपति महोदय, भौगोलिक रूप से हम भले ही अलग-अलग महाद्वीपों में रहते हों किन्तु हमारे लोगों और विचारों ने हमें करीब लाने का काम किया है। हम आपकी गंभीर बौद्धिक परंपराओं की सराहना करते हैं। बोर्घेस एवं कारलोस गार्देल ने हमारे लोगों को प्रभावित किया है। आप भी हमारे दर्शन, भगवदगीता और योग में आत्मनिरीक्षण के तत्व को समझते हैं। हम मैराडोना और मेस्सी के कौशल पर मुग्ध हैं और आप बॉलीवुड के जादू पर। राष्ट्रपति महोदय, टैंगो और तबले की जुगलबंदी का इससे बेहतर अवसर नहीं हो सकता।
5. राष्ट्रपति महोदय, पिछले 70 वर्षों में, विभिन्न क्षेत्रों में हमारी सहभागिता कई गुना बढ़ी है। व्यापार और प्रौद्योगिकी, कृषि और अंटार्कटिक विज्ञान, साइबर स्पेस और उपग्रहों के माध्यम से हमारे संबंधों को ऊर्जा मिल रही है। भारत की परिवर्तनकारी उन्नति और अर्जेंटीना की क्षमताओं से हमारे लिए नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। दोनों देश विकासशील देशों की एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम वैश्विक प्रशासन में अपने लोगों को अधिक स्थान दिलाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस सन्दर्भ में, भारत अगले महीने "बोयनस आयरेस प्लान ऑफ एक्शन की समीक्षा” में सार्थक योगदान देने के लिए तत्पर है।
6. राष्ट्रपति महोदय, हमारी बहुपक्षीय सहभागिता के परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। जी-20 में आपके नेतृत्व की मैं सराहना करता हूं। विभिन्न प्रौद्योगिकी व्यवस्थाओं में हमारी भागीदारी और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में हमारी सदस्यता का समर्थन करने के लिए हम आपके आभारी हैं। मुझे खुशी है कि हम दोनों ही, जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने संकल्प को दुहराते हुए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को मजबूत करने के लिए एक टीम के रूप में कार्य करेंगे।
7. राष्ट्रपति महोदय, मानवता के लिए आज सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद का है। चिरकालिक मित्रों और भरोसेमंद साथी के रूप में, हमें अपने वर्तमान और अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए आतंकवाद का समूल नाश करने और उसे पराजित करने के लिए, दृढ़तापूर्वक तथा निर्णायक तौर पर साथ मिलकर काम करना चाहिए।
8. राष्ट्रपति महोदय, हम दोनों, पोलो खेलने वाले देश हैं, और हॉकी के खेल में हम दोनों विश्व विजेता रहे हैं। मुझे खुशी है कि खेल के मैदान की ऊर्जा और उत्साह को हम आज द्विपक्षीय कार्यक्षेत्र में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं कामना करता हूं कि हमारी रणनीतिक साझेदारी से सभी की शांति और उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो।
9. इन्हीं आशावादी विचारों के साथ मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि हम सब मिलकर :- •अर्जेंटीना के राष्ट्रपति और प्रथम महिला के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की; •अर्जेंटीना के लोगों की समृद्धि की; तथा •भारत और अर्जेंटीना के बीच चिर-स्थायी मैत्री की कामना करें।