Back

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के दीक्षांत समारोह, रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय तेल निगम के भुवनेश्वर परिसर के उद्घाटन तथा सार्वजनिक क्षेत्र के तेल उपक्रमों के कौशल विकास संस्थान के शिलान्यास के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

भुवनेश्वर : 18.03.2018

Download PDF

1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करना मेरे लिए अत्यंत खुशी का विषय है। यह सुन्दर परिसर, ऐतिहासिक बरुनेई पहाड़ी की तलहटी में हरे-भरे स्थान के बीच अब स्थित है। यह कोई साधारण स्थान नहीं है। यह माना जाता है कि भगवान राम इस क्षेत्र में आए थे और कि पांडव अपने वनवास के दौरान यहॉं ठहरे थे। यहीं पर 200 वर्ष पहले 1817 में बख्शी जगबन्धु ने ‘पाइका बिद्रोह’ का नेतृत्व किया था, जो 1857 से काफी पहले लड़ा गया स्वातंत्र्य युद्ध था। आप भाग्यशाली हैं कि आपका परिसर ऐसे ऐतिहासिक स्थल पर अवस्थित है।

2. दीक्षांत समारोह खुशी मनाने का अवसर होता है। 2017 के स्नातकों के लिए यह अवसर उनकी जीवनवृत्ति का एक प्रमुख पड़ाव है। मैं आप सभी को और विशेषकर पदक विजेताओं को बधाई देता हूं। इस परिसर से जाने के बाद आपके सामने अवसरों की एक पूरी नई दुनिया मौजूद होगी। आपमें से बहुत से स्नातक, प्रतिभावान टेक्नोक्रेट हैं और इस कारण, मुझे विश्वास है कि अपने नवाचारी विचारों को साकार करने के लिए आप अपने उद्यम स्थापित करने पर विचार करेंगे। आप ऐसा करके नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली भारत सरकार के योजनाओं से लाभ उठा सकते हैं। अपने उद्यम के माध्यम से आप आर्थिक संपदा और रोजगार के सर्जक बन सकेंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से जुड़े होने के कारण आपको अपने और अपने परिवारों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र और पूरी दुनिया के लिए सर्वोत्तम उपलब्धि प्राप्त करने की आकांक्षा रखनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि आप अपनी जीवनवृत्ति के दौरान जरूरी चुनौतियों को हाथ में लेने से नहीं हिचकेंगे।

3. दर्शकों में एक अन्य समूह भी उपस्थित है अर्थात् आपका परिवार, जिसे आज बधाई दी जानी चाहिए। आपके अभिभावकों और आपके परिवार का आशीर्वाद और सहयोग ही है जिससे आपकी सफलता संभव हुई। पदक और उपाधियां तो आपको हासिल हुई हैं परन्तु सबसे अधिक गर्व आपके अभिभावकों को महसूस होता है। मैं सभी अभिभावकों और परिजनों को उनके जीवन के इस विशेष अवसर पर बधाई देता हूं।

4. आपके अध्यापकों ने भी आपकी सफलता में उतना ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने ही आपको विभिन्न विषयों में कौशल व ज्ञान प्रदान किया है और वे ही आपके परामर्शक रहे हैं। उन्होंने ही आपको सामान्य सोच से हट कर चिंतन करने के लिए प्रेरित किया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के सभी संकाय सदस्यों को मैं शुभकामनाएं देता हूं।

मित्रो,

5. दो सप्ताह पहले, इसी महीने की छह तारीख को राष्ट्रपति भवन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों तथा भारतीय विज्ञान संस्थान के निदेशकों के साथ दिन भर मेरी बैठक हुई थी। राष्ट्रीय महत्व के इन संस्थानों की प्रगति, चुनौतियों और भावी रूपरेखा की प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने के लिए मैंने यह बैठक बुलाई थी। विचार-विमर्श से मेरा यह विश्वास दृढ़ हुआ कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विश्व के सर्वोत्तम संस्थानों के बीच अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठा रहे हैं। इस संबंध में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को पूरा सहयोग देने के लिए मैं मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की भी सराहना करता हूं।

6. आपके जैसे नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सम्मुख अनेक चुनौतियां होती हैं जिनका मुकाबला किया जाना होता है। फिर भी, अपने संस्थान के लिए आपने जिस रूपरेखा की परिकल्पना की है, वही महत्वपूर्ण है। चाहे अध्यापन हो, अनुसंधान, सामाजिक प्रभाव हो या सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा हो, आपको सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सर्वोत्तम बनने की आकांक्षा करनी चाहिए। यह कोई आसान काम नहीं है परन्तु असंभव भी नहीं है।

7. आपके संस्थान ने पिछले दो वर्षों के दौरान बी.टैक. में प्रवेश क्षमता दुगुनी कर ली है और इस कार्यक्रम में 350 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया है। मुझे बताया गया है कि यह संख्यादूसरी व तीसरी पीढ़ी के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में सर्वाधिक है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि स्थापना के बाद से आपके संस्थान ने अनेक प्रायोजित और परामर्शी परियोजनाएं चलाई हैं तथा‘‘बे ऑफ बंगाल कोस्टल ऑब्जरवेटरी’’ सहित उत्कृष्टता के पांच केन्द्र स्थापित किए हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि 80 प्रतिशत से ज्यादा स्नातक विद्यार्थियों ने मूल-क्षेत्र की कंपनियों में नौकरियां हासिल की हैं। यह भी एक स्वागत योग्य संकेत है।

8. किसी भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का केन्द्रीय अंग होता है-इसका पूर्व-विद्यार्थी निकाय।यद्यपि आपका संस्थान अभी नया है, परन्तु मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में अपने पूर्व विद्यार्थियों के साथ जुड़ने के लिए यह सभी आवश्यक कदम उठाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भुवनेश्वर को अपने पूर्व विद्यार्थियों के साथ एक गहरा और सफल संबंध बनाना चाहिए। वे संस्थान के दूत के रूप में कार्य करेंगे और संस्थान के विकास में योगदान देंगे। मैं स्नातक होकर जा रहे विद्यार्थियों से आग्रह करूंगा कि वे अपने अध्यापकों और इन सह-पाठियों से संपर्क बनाए रखें और अपनी मातृ संस्था को आगे बढ़ाने में पूरी भागीदारी करें।

मित्रो,

9. जैसा कि मैंने बहुत से अवसरों पर कहा है, हम सभी को अपने छोटे-छोटे अंशदान तरीकों से समाज में योगदान देने का भरसक प्रयास करते रहना चाहिए। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थी के रूप में आप भाग्यशाली हैं कि आपको विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त हुई है। किसीभी व्यक्तिगत पसंदीदा तरीके से करें लेकिन इसका प्रतिदान करने तथा पिछड़े लोगों की मदद करने का नैतिक दायित्व आपका अवश्य है। यह सही है कि यदि प्रतिदान की इस प्रक्रिया से हमारे समाज में बुनियादी स्तर पर शिक्षा और शोध-वृत्ति समृद्ध होती है, तो इससे अच्छा और कुछ भी नहीं। आपके अपने संस्थान ने इस संबंध में कुछ पहलें की हैं। मुझे बताया गया है कि संस्थान ने छह गांवों को गोद लिया है और ग्रामीणों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए कुछ प्रौद्योगिकीय और शैक्षिक पहलें की हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में ऐसी और पहलें की जाएंगी।

देवियो और सज्जनो,

10. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के अलावा, मुझे रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय तेल निगम के भुवनेश्वर परिसर का उद्घाटन करने और सार्वजनिक क्षेत्र के तेल उपक्रमों के कौशल विकास संस्थान का शिलान्यास करके खुशी हुई है। इन दोनों संस्थानों की स्थापना से ओडिशा के विकास के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है।

11. रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई और भारतीय तेल निगम द्वारा स्थापित रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय तेल निगम के परिसर में कक्षा 12 के बाद पंचवर्षीय समेकित एम.टैक. कार्यक्रम, औद्योगिक कार्मिकों के लिए एक्जीक्यूटिव एम.टैक. कार्यक्रम और पी.एच-डी. कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। मुझे बताया गया है कि प्रस्तुत कार्यक्रम देश में पहली बार शुरू किए जा रहे हैं तथाइनमें उद्योग क्षेत्र की सक्रिय प्रतिभागिता रहेगी। इसके अलावा इस परिसर में, रसायन इंजीनियरी, पेट्रो-केमिकल्स, वस्त्र, औषध निर्माण और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उच्च स्तरीय अनुसंधान व नवान्वेषण की सुविधाओं के साथ-साथ कौशल विकास की व्यवस्था भी होगी।

12. दूसरी ओर, कौशल विकास संस्थान युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, थ्री डी प्रिंटिंग और उन्नत रोबोट विज्ञान से संबंधित सरल से लेकर जटिलतर किस्म के अनेक कौशलों से संबंधित संक्षिप्त पाठ्यक्रम भी पेश करेगा। कौशल विकास संस्थान, भुवनेश्वर हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में देश का पहला कौशल विकास संस्थान होगा और हमारे युवाओं को इस क्षेत्र के उद्योगों में रोजगार के और अधिक योग्य बनाएगा। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इस संस्थान का लक्ष्य, अगले दस वर्षों में लगभग 50,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का है।

13. इन दोनों संस्थानों की स्थापना में शामिल सभी संबंधित पक्षों को मैं अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक की सराहना करता हूं जिन्होंने इन दोनों परियोजनाओं को साकार करने में अपना पूर्ण सहयोग और नेतृत्व प्रदान किया है।

14. अपनी बात पूरी करने से पहले, मैं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के प्रशासन, अनुसंधान एवं शिक्षण समुदाय को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मैं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर के उन विद्यार्थियों को एक बार फिर बधाई देता हूं जो आज स्नातक बन रहे हैं और मैं उनमें से प्रत्येक को उनके सुखद और सफल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद

जय हिन्द ।