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भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा तथा केन्द्रीय इंजीनियरी सेवा (सड़क) के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का सम्बोधन

राष्ट्रपति भवन : 18.03.2019

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1. मैं भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा तथा केन्द्रीय इंजीनियरी सेवा (सड़क) के प्रशिक्षु अधिकारियों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करता हूं। मुझे भूटान के दो लेखापरीक्षा और लेखा प्रशिक्षु अधिकारियों का विशेष रूप से उल्लेख करना है। आप ऐसे देश से आते हैं, जो भारत का बहुत प्रिय मित्र देश है। मैं आप सभी को एक कठिन और प्रतिस्पर्धी परीक्षा तथा चयन प्रक्रिया में आपकी सफलता के लिए - और सरकारी सेवा का विकल्प चुनने के लिए बधाई देता हूं। यह सिर्फ एक कॅरियर नहीं है बल्कि यह लोगों की सेवा का एक अवसर है।

2. आईएएएस की गणना हमारे देश में बहुत सम्मानित संस्था के रूप में की जाती है। इसकी विरासत 150 वर्ष पुरानी है। इस अवधि के दौरान, अर्थव्यवस्था बदली है, प्रौद्योगिकी बदली है, लेखांकन पद्धतियों में बदलाव आया है - आईएएएस का दर्शन और सिद्धांत वैसे ही बने हुए हैं अर्थात्- हमारे देश और हमारे लोगों के हित-साधन में सार्वजनिक सेवा उपलब्‍ध कराना।

3. आईएएएस अधिकारी विधायिका के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस उत्तरदायित्व को लागू करने में विधायिका को सौंपी गई सीएजी की रिपोर्टों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेखापरीक्षा रिपोर्ट लोक लेखा समिति और सार्वजनिक उपक्रमों की समिति जैसी संसदीय समितियों के लिए, उनके कार्य निष्पादन के आकलन और आवश्यक सुधार की सिफारिश करने में, लोक सेवकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्‍वपूर्ण सिद्ध होती है।

4. आईएएएस के अधिकारियों के रूप में आप जनता के विश्वास और वित्तीय विवेक के संरक्षक होते हैं। यह हमेशा ध्यान में रखें कि शासन की कार्यनीतियों में सुधार लाना ही लेखापरीक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। शासन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, आईएएएस अधिकारियों द्वारा निकाले गए निष्कर्षों की विश्वसनीयता से ही लेखापरीक्षा की उपयोगिता का निर्धारण होगा।आपकी भूमिका वास्तव में प्रहरी की है, तो भी यह महत्वपूर्ण है कि आपका दृष्टिकोण केवल गलतियाँ खोजने का न हो,बल्कि रचनात्मक हो और इसका उद्देश्य सामने आई समस्याओं का समाधान निकालने का हो। सत्‍यनिष्‍ठा से समझौता नहीं किया जा सकता लेकिन सत्‍यनिष्‍ठा के साथ काम करते हुए आपका दृष्टिकोण प्रबुद्ध और वास्तविक समस्या का समाधान तलाशने वाला हो सकता है और होना चाहिए।

5. भारतीय इतिहास में सड़क और राजमार्ग विकास के सर्वाधिक रोमांचक चरणों में से एक के इस दौर में, केन्द्रीय इंजीनियरी सेवा (सड़क) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हाल के वर्षों में,राष्ट्रीय राजमार्गों के रूप में हमारे शहरों में,हमारे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का तेजी से निर्माण हुआ है, और सर्वाधिक संतोषजनक बात यह है कि - दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सड़कें बनाई गई हैं। आप भारत की सम्पर्क क्रांति का हिस्सा हैं।

6. अब चुनौती केवल अधिक से अधिक सड़कों के निर्माण करने की नहीं है, बल्कि बेहतर और सुरक्षित सड़कों के निर्माण की है। सड़क और राजमार्ग परियोजनाओं पर काम करने वाले इंजीनियर के रूप में, आप कृपया यह ध्यान रखें कि आप यह निर्माण केवल अगली यात्रा के लिए नहीं - बल्कि अगली पीढ़ी के लिए भी कर रहे हैं। परियोजनाओं की तैयारी के समय सड़कों को दीर्घकालिक परिदृष्य में अधिक टिकाऊ और किफायती बनाने के लिए, नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग महत्वपूर्ण कारक होना चाहिए। भारत ने यह साबित किया है कि सड़क निर्माण के लिए प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके न केवल सड़क-तल को मजबूत बनाया जा सकता है,बल्कि इससे रीसाइक्लिंग (पुनर्चक्रण) में भी मदद मिल सकती है। यह केवल एक उदाहरण मात्र है। आने वाले वर्षों में ऐसे कई अवसर सामने आएंगे। कृपया उनके प्रति सजग रहें।

7. भारत में जैसे-जैसे ऑटोमोबाइल ट्रैफ़िक बढ़ रहा है हमारी सड़कों और राजमार्गों पर दोपहिया वाहन और कारें तथा वाणिज्यिक वाहन बढ़ रहे हैं,वैसे-वैसे ही गति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे सामने आते जा रहे हैं। भारत में यातायात दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या सामान्य से बहुत अधिक है। मैं मानता हूं कि इनका समाधान केवल इंजीनियरों के हाथ में नहीं है परंतु मेरा आग्रह है कि आप इस समस्या पर ध्यान दें और भारत में सड़क दुर्घटनाओं को यदि पूरी तरह से खत्म न भी कर सकें तो इन्हें कम करने के प्रयास अवश्‍य करें।

8. अंत में, मुझे यह दोहराने की आवश्‍यकता नहीं है कि लोक सेवक के रूप में, आपसे यह अपेक्षा है कि आपलोग प्रतिबद्धता और कर्तव्यनिष्‍ठा के साथ राष्ट्र और देशवासियों की सेवा करेंगे। अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय,आपको ईमानदारी और अनुशासन के सर्वोच्च मानकों का पालन करना चाहिए - और मुझे विश्वास है कि आप ऐसा ही करेंगे। मैं प्रत्येक क्षेत्र में आपकी सफलता की कामना करता हूँ।

धन्यवाद

जय हिन्द!