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भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में सम्बोधन

कटरा : 18.04.2018

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1. सभी पदक विजेताओं, उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों, अन्य सभी विद्यार्थियों तथा अभिभावकों को मेरी बहुत-बहुत बधाई!

2. प्रकृति की सुंदरता और संस्कृति की विविधता के लिए प्रसिद्ध जम्मू और कश्मीर राज्य का पूरे देश के लिए विशेष आकर्षण और महत्व है। इसीलिए भारत के राष्ट्रपति पद का भार ग्रहण करने के बाद किसी भी राज्य में अपनी पहली यात्रा के लिए मैंने जम्मू और कश्मीर को ही चुना था और पिछले साल अगस्त में लेह-लद्दाख में जवानों के बीच आया था।

3. बहादुर जवानों के पराक्रम को याद करने के लिए यहां रियासी में 1965 के युद्ध की स्वर्ण-जयंती के अवसर पर 2015 में ‘वॉर मेमोरियल’ बनाया गया। यह मेमोरियल सभी पर्यटकों में देश-प्रेम की भावना का संचार करता है और आप सभी युवाओं को त्याग और बलिदान जैसे जीवन के ऊंचे आदर्शों से जोड़ता है।

4. इस राज्य के लेह-लद्दाख में बहादुर जवानों से मिलने के बाद आज फिर ऐसा संयोग बना कि आप सभी प्रतिभाशाली युवाओं के बीच आने का अवसर मिल रहा है। यह विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यहां पढ़ने के लिए आप सभी विद्यार्थियों ने कठिन चयन प्रक्रिया का सामना किया है। मुझे बताया गया है कि चौबीस राज्यों से आए विद्यार्थीगण यहां अध्ययन कर रहे हैं और यहां पढ़ाने वाले शिक्षक-गण भी सोलह राज्यों से आए हैं। यह कहा जा सकता है कि आज यहां हम इक्कीसवीं सदी के प्रतिभाशाली ‘मिनी-इंडिया’ को देख रहे हैं।

5. जैसा कि सभी जानते हैं कि इस विश्वविद्यालय का निर्माण‘श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड’ द्वारा किया गया है जिसमे साधन-सम्पन्न श्रद्धालुओं के साथ-साथ गरीब श्रद्धालुओं का भी योगदान है। इसलिए यहां के विद्यार्थियों से नैतिकता और मानवीय मूल्यों पर आधारित आचरण की अपेक्षा करना स्वाभाविक हो जाता है।

6. मैं समझता हूं कि दुनियां में सबसे खूबसूरत चीज है, मासूम बच्चों की मुस्कान। और समाज की सबसे बड़ी सफलता है, हमारे बच्चों का सुरक्षित होना। हर बच्चे को सुरक्षा देना और उसे सुरक्षित महसूस कराना किसी भी समाज की पहली ज़िम्मेदारी होती है। देश के किसी-न-किसी कोने में कहीं-न-कहीं हमारे बच्चे जघन्य अपराधों का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में एक मासूम बच्ची ऐसी बर्बरता और निर्मम हत्या का शिकार हुई है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। और इसीलिए आज मैंने आप सबके सामने यह कहा है कि जीवन का मुख्य उद्देश्य हैं, मानवीय मूल्य। यह बहुत जरूरी हैं। मैं कहना चाहूँगा कि you as a university have to set a goal. For the university, the goal could be to be a center of excellence. And for the graduating students, the goal could be - every graduating student to be an excellent person in life. स्वतन्त्रता के 70 वर्षों के बाद भी देश के किसी भी भाग में ऐसी घटना वास्तव में शर्मनाक है। हम सभी को सोचना होगा कि हम कहां जा रहे हैं? हम कैसा समाज बना रहे हैं? हम अपनी भावी पीढ़ी को क्या दे रहे हैं? क्या हम ऐसे समाज का निर्माण कर रहे हैं जहां हमारी माँ-बहनें और बेटियाँ संविधान में निहित न्याय, समानता, स्वतन्त्रता और बंधुता को सही अर्थों में अनुभव कर सकें? हम सभी की ये ज़िम्मेदारी है कि देश के किसी भी भाग में, किसी भी बेटी या बहन के साथ ऐसा न हो। मुझे विश्वास है कि हम में से प्रत्येक व्यक्ति इन बेटियों के प्रति अपनी इस सामाजिक ज़िम्मेदारी को जरूर निभाएगा।

प्यारे विद्यार्थियों

7. अच्छी शिक्षा व्यवस्था वह है जो हर विद्यार्थी को अच्छा इंसान बनाए; एक ऐसा इंसान जिसमे दूसरों के लिए संवेदनशीलता और सम्मान हो। जो अच्छा इंसान होगा वह यदि डॉक्टर बनेगा तो एक अच्छा डॉक्टर साबित होगा, अगर इंजीनियर बनेगा तो बेहतर इंजीनियर साबित होगा। अर्थात वह जीवन के जिस भी क्षेत्र को चुनेगा, उसमे अपनी अलग छाप छोड़ेगा।

8. मुझे बताया गया है कि यहां का परिसर बन जाने के बाद इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन मेरे पूर्व-वर्ती राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने किया था और उस अवसर पर यहां पहला व्याख्यान भी उन्होने ही दिया था। इस विश्वविद्यालय से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए, खासतौर से विद्यार्थियों के लिए,यह गौरव की बात है।

9. डॉक्टर कलाम का जीवन हर भारतवासी को प्रेरणा देता है। उन्होने बचपन से ही अखबार बेचने और घर से पंद्रह किलोमीटर दूर स्थित स्कूल जाने के लिए रोज साइकिल चलाने जैसी चुनौतियों के बीच आगे बढ़ते हुए अंततः वैज्ञानिक बनने के अपने सपने को साकार किया। रक्षा-विज्ञान के क्षेत्र में ‘मिसाइल-मैन’ के नाम से मशहूर डॉक्टर कलाम हमेशा सादगी और निष्ठा के साथ देश सेवा में लगे रहे। वे विकास और कल्याण के लिए टेक्नोलोजी का व्यापक उपयोग करने के हिमायती थे। उन्होने अपनी योग्यता का उपयोग समाज और देश के कल्याण के लिए किया। इस तरह हम देखते हैं कि डॉक्टर कलाम एक बहुत ही योग्य वैज्ञानिक तो थे ही लेकिन वे उससे भी बढ़कर एक महान इंसान थे। इस तरह सही मायनों में वे अच्छी शिक्षा के प्रतीक थे। अपने बचपन में और विद्यार्थी जीवन में उन्होने जिस तरह अपनी राह बनाई उसमे आप सभी के लिए बहुत कुछ सीखने लायक है।

10. विश्वविद्यालयों और विद्यार्थियों को आज के परिवेश में रिसर्च, इनोवेशन, टेक्नोलोजी और आंत्रप्रेन्योरशिप पर ज़ोर देने की आवश्यकता है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इस विश्वविद्यालय में ‘टेक्नोलोजी बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर’ सक्रिय है। इस सेंटर में विद्यार्थियों को स्टार्ट-अप के लिए पर्याप्त अवसर दिए जा रहे हैं। विद्यार्थियों में Job seeker के बजाय, job provider बनने की सोच पैदा हो रही है। यह एक सराहनीय पहल है। इस सिलसिले में श्री सुनील भारती मित्तल और श्री पवन मुंजाल को मानद उपाधि प्राप्त करने के लिए मैं लिए बधाई देता हूं। श्री मित्तल और श्री मुंजाल ने अपने उद्यमों को आगे बढ़ाते हुए बहुत बड़ी तादाद में रोजगार पैदा किए हैं और देश की प्रगति में योगदान दिया है। मुझे विश्वास है कि इनसे प्रेरणा लेकर आप में से बहुत से विद्यार्थी अपना उद्यम शुरू करना चाहेंगे।

11. मुझे बताया गया है कि इस विश्वविद्यालय में बेटियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बारह में से आठ स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं यानि की two-third medal winners। मुझे और पूरे देश को इन बेटियों पर गर्व है। हम सभी जानते हैं कि अभी भी हमारे समाज में बेटों के मुक़ाबले, बेटियों पर अधिक पाबंदियां लगाई जाती हैं। फिर भी वे अपनी शक्ति और विवेक के बल पर हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं।

12. हाल ही में सम्पन्न हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत की ओर से सबसे अधिक पदक एक बेटी ने ही हासिल किए हैं। दिल्ली की मनिका बत्रा ने दो स्वर्ण पदकों सहित कुल चार पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है। देश के कोने-कोने में अपने खेल को निखारने वाली बेटियों ने स्वर्ण पदक जीते हैं।मणिपुर से मैरी कोम, मीराबाई चानू, संजीता चानू; हरियाणा से मनु भाकर, विनेश फोगाट; तेलंगाना को कर्मस्थली बनाने वाली हरियाणा से साइना नेहवाल, कर्नाटक से अश्विनी पोनप्पा; महाराष्ट्र से तेजस्विनी सावंत; पंजाब से हीना सिद्धू; बिहार से श्रेयसी सिंह और उत्तर प्रदेश से पूनम यादव ने स्वर्ण पदक जीतकर भारत की बेटियों की प्रतिभा को विश्व-पटल पर सम्मान दिलाया है।

13. जब बेटियों की बात करें तो मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को कैसे भुलाया जा सकता है। अपने पिता मुफ़्ती साहब की सोच और विरासत को आगे बढ़ाते हुए और तमाम मुश्किलात के दौर से निकलते हुए इस कठिन और संवेदनशील प्रदेश को वे एक कुशल नेतृत्व दे रही हैं।

14. मुझे विश्वास है कि आप सभी विद्यार्थी यहां से प्राप्त शिक्षा का अपने विकास में और देश की प्रगति में भरपूर उपयोग करेंगे। मेरी शुभकामना और आशीर्वाद है कि आप सभी सफलता के पथ पर हमेशा आगे बढ़ते रहें।

धन्‍यवाद

जय हिन्द!