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भारत-यूनान कारोबार मंच की बैठक में भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

एथेंस : 19.06.2018

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1. मुझे भारत-यूनान कारोबार मंच को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है। सर्व प्रथम, मैं आज की सुबह हमें एक स्थान पर लाने के लिए ‘एंटरप्राइज ग्रीस’ का धन्यवाद करता हूं। मुझे खुशी है कि भारतीय उद्योग परिसंघ, भारतीय वाणिज्य और उद्योग परिसंघ, महाराष्ट्र वाणिज्य, उद्योग और कृषि संघ तथा भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद् के नेतृत्व में भारत की 30 कम्पनियां इस कारोबार बैठक में भाग ले रही हैं।

2. भारत और यूनान दो प्राचीन सभ्यताएं हैं। हमारे आर्थिक व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध 2500 से अधिक वर्ष पुराने हैं। भारत और यूनान के बीच ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी से पहले से समृद्ध व्यापार संपर्क रहा है। प्रेरणादायी और प्रगतिशील संबंधों के ऐसे समृद्ध इतिहास की पृष्ठभूमि में, संभवत: कोई भी व्यक्ति भारत-यूनान व्यापार और निवेश संबंधों के भविष्य के प्रति आशान्वित हो सकता है।

3. भारत-यूनान संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कल राष्ट्रपति पावलोपाउलस के साथ मेरा सार्थक विचार-विमर्श हुआ। हम दोनों को विश्वास है कि भारत-यूनान आर्थिक संबंधों को और ऊंचे स्तर पर ले जाने की अपार संभावना है। प्रधान मंत्री सिप्रास के साथ मेरी बातचीत में भी ऐसी ही भावनाएं उभर कर सामने आईं। व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों में हमारा कारोबार बढ़ने के प्रचुर अवसर मौजूद हैं।

4. 530 मिलियनअमरीकी डालर का हमारा द्विपक्षीय व्यापार अतीत में प्राप्त उपलब्धियों से भी नीचे है और संभवत: पिछली उपलब्धियांभविष्य के लिए एक तर्कसंगत लक्ष्य बन सकती हैं। बाजार सर्वेक्षण के अनुसार, कुछ प्रयासों के द्वारा इसे आसानी से अगले कुछ वर्षों में 1 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक के स्तर पर लाया जा सकता है। मेरी सरकार इस प्रयास में अगुवाकार की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हमने सितम्बर, 2019 में आयोजित किए जाने वाले यूनान के प्रमुख करोबार समारोह ‘‘थेस्सालोनिकी इंटरनेशनल फेयर’’ में‘सम्मानित देश’ के रूप में शामिल होने के यूनान सरकार के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। मुझे उम्मीद है कि इससे हमारे द्विपक्षीय व्यापार में काफी तेजी आएगी। और जबकि दोनों सरकारें आगे बढ़ रही हैं, हमें उम्मीद है कि वाणिज्य संघ, निर्यात संवर्धन परिषदें और उद्योग समूह बड़ी संख्या में थेस्सोलोनिकी मेले में हिस्सा लेंगे और हमारी भागीदारी को महान सफलता दिलाएंगे।

देवियो और सज्जनो,

5. भारतीय और यूनानी अर्थव्यवस्थाओं के बीच स्पष्ट तौर पर परस्पर पूरकताएं मौजूद हैं। दोनों की अपनी-अपनी खूबियां हैं। भारत 7.7 प्रतिशत की विकास दर के साथ विश्व की सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था वाला देश है। हमने 100 स्मार्ट सिटी, हवाई अड्डे, तेज रफ्ताररेल मार्ग, राजमार्ग और साइबर संयोजन सहित अगली पीढ़ी के आधारभूत ढांचे के निर्माण की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। पिछले वर्ष, हमने लगभग 10,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया जो प्रतिदिन 27 किलोमीटर बैठता है और यह निर्माण-गति कुछ वर्ष पहले की गति से लगभग दुगुनी है। हमारी सागरमाला परियोजना के तहत हमारी विशाल तटरेखा पर 5 प्रमुख बंदरगाहों सहित नए बंदरगाहों की एक शृंखला विकसित करने का प्रस्ताव है। हमने बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण और संयोजन का एक व्यापक कार्यक्रम प्रारंभ किया है। हमने 111 नदियों को भी राष्ट्रीय जलमार्गों के रूप में निर्दिष्ट कर दिया है। इसके अतिरिक्त, हमने तटीय नौवहन को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए खोल दिया है। इन प्रयासों से भारत में हमारे समुद्रीय और अंतरदेशीय नदी परिवहन गलियारों के प्रयोग के तौर-तरीके बदल जाएंगे।

6. हमारे विनिर्माण क्षेत्र और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए, हमने आमूल सुधार लागू किए हैं। इनमें से सबसे परिवर्तनकारी सुधार है-वस्तु और सेवा कर की शुरुआत; इससेभारत, आधुनिक इतिहास में पहली बार एक समेकित कर बाजार बन गया है। हमने 1400 से अधिक अप्रचलित कानूनों को रद्द कर दिया है। केन्द्र और राज्य सरकारों-दोनों ने भारत में कारोबार की स्थापना और विकास को आसान बनाने के लिए 10000 से अधिक उपाय शुरू किए हैं। इन सुधारों के कारण हमने विगत चार वर्षों में विश्व बैंक की कारोबार आसानी से संबंधित सूची में 42 स्थान की छलांग लागाई है। परिणामस्वरूप भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 2013-14 के 36 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2016-17 में 60 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है। इन सबसे बढ़कर यह कि भारत 2025 तक विश्व में तीसरे विशालतम उपभोक्ता बाजार के साथ 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाला है। इस प्रकार के विकास और मांग के परिणामस्वरूप कारोबार के असीम अवसर पैदा हुए हैं।

7. यूनानी अर्थव्यवस्था को नौवहन, पर्यटन और कृषि सहित अनेक क्षेत्रों में विश्व प्रतिष्ठा हासिल है। मैं यूनानी नौवहन, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, अवसंरचना, प्रौद्योगिकी, प्रतिरक्षा और स्टार्ट-अप कंपनियों को प्रोत्साहित करना चाहूंगा कि वे भारत में निवेश और प्रौद्योगिकी गठबंधनों के अवसरों पर विचार करें। भारतीय विकास यात्रा में यूनानी नौवहन उद्योग के लिए भारी लाभकारी अवसर मौजूद हैं। यूनान कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में भी अग्रणी है। हमारा लक्ष्य 2022 तक भारत में कृषि आय को दुगुना करने का है। इससे यूनान की कृषि आधारित कंपनियों के लिए अनेक संभावनाएं पैदा हो सकती हैं। हमारे बीच प्रतिरक्षा विनिर्माण, औषध, पर्यटन, रियल एस्टेट, मनोरंजन, अवसंरचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी सहयोग के अवसर मौजूद हैं। हमारे दोनों देशों का विशेषकर सौर ऊर्जा क्षेत्र में एक मजबूत नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम है। भारत का लक्ष्य 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा पैदा करने का है। हमें यह देखना चाहिए कि हम इस क्षेत्र में एक-दूसरे की मजबूती से कैसे लाभ उठा सकते हैं। स्टार्ट-अप के क्षेत्र में भारत का विश्व में तीसरा विशालतम नेटवर्क है। मुझे ज्ञात है कि यूनान में भी एक उत्कृष्ट स्टार्ट-अप क्षेत्र मौजूद है। हमें इस क्षेत्र में भी अवसर खोजने चाहिए।

देवियो और सज्जनो,

8. भारतीय कंपनियों की सूचना प्रौद्योगिकी, औषध निर्माण, अवसंरचना, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, मनोरंजन और आतिथेय क्षेत्रों में एक विश्व-स्तरीय पहचान है। इन क्षेत्रों केहमारे कारोबारी प्रतिनिधि यहां उपस्थित हैं। कृषि, इलेक्ट्रॉनिकी, रियल-एस्टेट, फुटवियर, खनन और कौशल विकास क्षेत्रों से जुड़े हुए दूसरे लोग भी यहां उपस्थित हैं। मुझे उम्मीद है कि वे भी अपने यूनानी समकक्षों के साथ दिन भर सार्थक रूप से व्यस्त रहेंगे।कौशल विकास के संबंध में, मैं उल्लेख करना चाहूंगा कि हमारे देश में 2022 तक 150 मिलियन युवाओं के प्रशिक्षण के लिए एक महत्वाकांक्षी कौशल विकास कार्यक्रम जारी है। पर्यटन क्षेत्र में अपनी प्रमाणित क्षमता के साथ यूनान भारत के आतिथेय क्षेत्र में कौशल विकास का एक संभावित साझीदार बन सकता है।

देवियो और सज्जनो,

9. हमारे सम्मुख बहुत सारे अवसर हैं।हमें विचार यह करना है कि हम इन्हें कैसे वास्तविक कारोबारी संभावनाओं में तब्दील कर सकते हैं। मैं इस कारोबार बैठक के प्रतिभागियों को सफल विचार-विमर्श और वार्ता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद।