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भारत—फिलीपींस व्यापारिक सम्मेलन और चौथे आसियान—भारत व्यापारिक शिखर सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द का संबोधन

मनीला : 19.10.2019

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1. भारत—फिलीपींस व्यापारिक सम्मेलन और चौथे आसियान—भारत व्यापारिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। आज के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मैं फिलीपींस और भारत के व्यापारिक संगठनों और सरकारी संस्थाओं को धन्यवाद देता हूं।

2. फिलीपींस की यह मेरी पहली राजकीय यात्रा है। मेरी यात्रा का उद्देश्य फिलीपींस—भारत राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने के अवसर को रेखांकित करना और उसका उत्सव मनाना है। कल मैंने राष्ट्रपति दुतेर्ते के साथ व्यापक विचार—विमर्श किया। हम द्विपक्षीय संबंधों, विशेष रूप से व्यापार और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और इनका विस्तार करने को भी सहमत हुए। फिलीपींस, आसियान क्षेत्र में हमारा स्वाभाविक साझेदार है। हाल के वर्षों में, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में बढ़ोतरी दिखाई दी है। हमें न केवल वर्तमान गति को बनाए रखना है, बल्कि इसमें और तेजी भी लानी है।

3. फिलीपींस—भारत आर्थिक सहयोग की क्षमता काफी अधिक है। दोनों देशों में परस्पर पूरक क्षमताएं हैं,जिनका फायदा व्यापारिक और निवेश संबंधों को और सुदृढ़ करने में किया जा सकता है। भारत और फिलीपींस, दोनों ही विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल हैं; दोनों देशों में आकांक्षा से भरे युवा बड़ी संख्या में हैं; दोनों देशों ने नयी टेक्नॉलॉजी, नवाचार और स्टार्ट—अप्स के क्षेत्र में निवेश किया है; दोनों ही,सेवा संबंधी गतिविधियों का केन्द्र हैं; और दोनों ही देश समावेशी विकास, भ्रष्टाचार से संघर्ष तथा अपने देशवासियों के जीवन में आमूल परिवर्तन लाने को कृतसंकल्प हैं।

4. भारत का ‘’मेक इन इंडिया’’ अभियान और भविष्योन्मुखीअवसंरचनाकार्यक्रम तथा फिलीपींस की अवसंरचना के विकास की ‘’बिल्ड, बिल्ड, बिल्ड’’ नाम की पहल में दोनों ही देशों की कंपनियों और निवेशकों के लिए असीम संभावनाएं विद्यमान हैं। आने वाले वर्षों में भारत स्मार्ट सिटी, बंदरगाह, हवाई अड्डे और एक्सप्रेस-वे से लेकर डिजिटल आई—वे जैसी भविष्योन्मुखीअवसंरचनाओं के विकास पर करीब 1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करने वाला है। निवेशकों को अवसरों से और साझेदारी को परियोजनाओं से जोड़ने पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित करने वाला कारोबारी दृष्टिकोण ही भविष्य में सफलता का मार्ग है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि आपने आज इससे पहले जो विचार—विमर्श किया वह इस दृष्टि से बड़ा लाभदायक रहा है।

5. फिलीपींस और भारत के बीच व्यवसाय की गाथा उत्साहजनक है। जहां हमारे द्विपक्षीय व्यापार में लगातार प्रगति दिखाई दी है, वहीं आई.टी.—बी.पी.ओ. क्षेत्र में सहयोग के रूप में ठोस लाभमिला है। भारत की प्रमुख आई.टी. कंपनियों ने मनीला में उद्यम स्थापित किये हैं जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन हुआ है। जैसे-जैसे हम डिजिटल युग की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे हैं, हमारे सामने ई—कॉमर्स क्षेत्र में अधिक से अधिक काम बढ़ाने,फिन—टेक (फाइनेंशियल—टेक्नॉलॉजी) सेवाएं प्रारंभ करने, मनोरंजन के अभिनव प्लेटफार्म विकसित करने तथा हरित व स्वच्छ समाधानों को नई ऊर्जा देने के असीम अवसर प्रस्तुत हो रहे हैं।

6. हाल के वर्षों में हमने अवसंरचना और ऊर्जा क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश बढ़ते देखा है। एयरपोर्ट टर्मिनलों और एल.एन.जी. पाइपलाइनों से लेकर अपशिष्ट प्रबंधन उपायों जैसी कुछ और संभावित परियोजनाएं कार्यरूप लेने की प्रतीक्षा में हैं। भारत केफार्मा और स्वास्थ्य-सेवाक्षेत्रों में फिलीपींस के लिए भरपूर अवसर उपलब्ध हैं। एक ओर,फिलीपींस की यात्रा करने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि जारी है, वहीं दूसरी ओर फिलीपींस से भारत आने वाले चिकित्सा पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है। हमारी किफायती और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य-सेवाएंइस देश के लोगों के जीवन में प्रसन्नता का संचार कर रही हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, सेवाओं, कृषि और इंजीनियरी से लेकर नयी टेक्नॉलॉजी जैसे कई अन्य क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने की संभावना है।

7. मैंने अभी आपके समक्ष फिलीपींस—भारत व्यवसाय सहयोग की एक झलक प्रस्तुत की। फिलिपींस की आर्थिक गतिशीलता और भारत में हो रहे विकास को देखते हुए और भी व्यापक तथा घनिष्ठ आपसी संबंधों की आवश्यकता है। भारत आज विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमने 2025 तक 5ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत के आर्थिक और व्यावसायिक माहौल में ऐसा क्रांतिकारी बदलाव हो रहा है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। हमने कराधान और बैंकिंग के क्षेत्र में युगांतरकारी परिवर्तन किये हैं। आर्थिक सुधार की दिशा में हमारे निरंतर प्रयासों से भारत ने विश्व बैंक की व्यवसाय सुविधा सूचकांक की सूची में 65 पायदान की शानदार छलांग लगायी है। लॉजिस्टिक्स कार्यनिष्पादन सूचकांक में भी हम 44 स्थान ऊपर आ गए हैं। हमने अपनी बौद्धिक संपदा अधिकार (आई.पी.आर.) प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए भी ठोस प्रयास किए हैं। विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए अभी हाल ही में हमने कारपोरेट टैक्स की दर घटाई है। हमारे इन प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले पांच वर्षों में हमें 286बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। यह निवेश, पिछले 20 वर्षों में भारत में हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आधे के बराबर है।

8. भारत सुदृढ़ विकास के मार्ग पर अग्रसर है। परंतु हम समता को लेकर भी समान रूप से सजग हैं। विकास के लाभ को लोगों तक पहुंचाने के लिए हमने दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन की पहल की है जिसके अंतर्गत सामाजिक पिरामिड के सबसे निचले स्तर के 37 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। फिलीपींस और भारत की अर्थव्यवस्थाओं में छोटे और मध्यम उद्यमों की प्रमुख भूमिका है। वित्तीय सुविधाओं का लाभ उठाने में छोटे उद्यमियों के समक्ष एक प्रमुख बाधा गारंटी का न मिलना था। केवल पिछले वर्ष हमारी ‘मुद्रा’ योजना के अंतर्गत हमने बिना किसी बैंक गारंटी के 44बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण दिये। छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करते हुए दोनों देशों को एक—दूसरे से बहुत कुछ साझा करना और सीखना है।

9. 21,000 से अधिक उद्यमों के साथ,भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट—अपनेटवर्क है। फिलिपींस भी नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्रों में शानदार प्रगति कर रहा है। मुझे पता चला है कि फिलीपींस में ‘गो—नेगोस्यो’ अभियान ने नये उद्यमों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। राष्ट्रपति के उद्यमिता मामलों के सलाहकार श्री होज़ेकॉन्सेप्सियॉन यहां उपस्थित हैं जिन्हें इस क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए मुझे पिछले साल नई दिल्ली में भारत के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने का सुअवसर प्राप्त हुआ था। सेक्रेटरी लोपेज़ ने भी इस पहल में महत्वपूर्ण योगदान किया है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि दूसरा आसियान—भारत नवाचार और टेक्नॉलॉजी शिखर सम्मेलन नवम्बर 2019 में डवाओ में हो रहा है। मैं इस सम्मेलन की सफलता की कामना करता हूं।

10. आसियान और भारत के बीचविशेष संबंध हैं। हमारी "एक्ट ईस्ट’’ नीति के तहत यह क्षेत्र हिंद—प्रशांत क्षेत्र में हमारी गतिविधियों के केंद्र में रहता है। पिछले वर्ष हमारे गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मुझे सभी आसियान देशों के राज्याध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का सम्मानित अतिथि के रूप में सत्कार करने का सुअवसर प्राप्त हुआ था। आसियान आज दुनिया के आर्थिक दृष्टि से सर्वाधिक गतिशील क्षेत्रों में से एक है। आसियान के प्रत्येक देश के साथ राजनीति और जन-सामान्य के स्तर पर हमारे घनिष्ठ संबंध हैं। हम अपने आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों को भी इसी स्तर पर लाना चाहते हैं।

11. पिछले कुछ वर्षों में आसियान और भारत के बीच व्यापार में भारी उछाल आया है। पिछले एक ही वर्ष में व्यापार 19 प्रतिशत बढ़कर 96.79बिलियनअमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। परंतु 2022 तक 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में वर्तमान व्यवस्थाओं, विशेष रूप से आसियान—भारत व्यापार परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। जिस तरह भारतीय कंपनियों को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवसर दिखाई दे रहे हैं, मुझे विश्वास है कि उसी तरह आसियान के व्यवसायी समुदाय को भी भारत में कारोबार करने की भरपूर क्षमताएं नज़र आ रही होंगी। भारत आपकी विकास गाथा में भागीदारी करना चाहता है और हम सभी आसियान देशों को अपने यहां सहभागी बनने को आमंत्रित करते हैं।

12. आज का आयोजन द्विपक्षीय साझेदारी और क्षेत्रीय सहयोग दोनों ही भावनाओं को प्रतिबिम्बित करता है। मुझे विश्वास है कि आपके आज के विचार—विमर्श से न केवल फिलीपींस—भारत व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी,बल्कि इससे आसियान—भारत व्यापार और निवेश संबंधों में भी मजबूती आएगी। मैं भविष्य के आपके प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।

मरामिंग सलामत! धन्यवाद!